साहित्य और संत आज भी राष्ट्र को दिशा दे रहा हैं : -प्रो० प्रेम

साहित्य और संत आज भी राष्ट्र को दिशा दे रहा हैं : -प्रो० प्रेम


समस्तीपुर कार्यालय रिपोर्ट 

साहित्य सेवा के लिए समर्पित "संस्कृत विकास संस्थानम् " का 30 वाँ स्थापना दिवस समारोह सोशल डिस्टेंस के नियमों का अनुसरण करते हुए सादगी और धार्मिक अनुष्ठान के साथ मनाया गया

समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 30 मई,2020 ) । शक्ति साधना स्थल, वासदेवधाम में साहित्य सेवा के लिए समर्पित "संस्कृत विकास संस्थानम् " का 30 वाँ स्थापना दिवस समारोह सोशल डिस्टेंस के नियमों का अनुसरण करते हुए सादगी और धार्मिक अनुष्ठान के साथ मनाया गया। शक्ति साधना स्थल पर विशुद्ध भारतीय संस्कृति के अनुसार कलश पूजन एवं ग्यान दीप प्रज्वलित कर मिथिला शिक्षा मंच सम्बद्ध अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद् के संयोजक प्रो० पी० के० झा प्रेम ने उद्घाटन किया। 

इस अवसर पर प्रो० प्रेम ने कहा कि गांवों में एक साहित्यिक संत प्रो०, वाई० के० झा ने सरकार के लॉक डाउन के नियम का अनुसरण करते हुए अखिल विश्व के कल्याण हेतु जो सांस्कृतिक आयोजन किया है। सरकार से भी संभव नहीं है। इन्होनें सम्पूर्ण सुंदर कांड का पाठ और "राष्ट्रहित में साहित्य का योगदान" बिषय पर केन्द्रित समन्वयः का बार्षिक अंक  का लोकार्पण अद्भुत हैं, ऐसा साहित्यिक संत से ही संभव है।


इस अवसर पर सम्मानित अतिथि  शुशांत चन्द्र मिश्र (निदेशक, शिक्षा विहार) ने संस्थान के निदेशक सह संपादक प्रो, बाय के झा जी को अपने संस्थान की ओर से करोना योद्धा के रुप में सम्मानित करने का घोषणा की और यहाँ के विकास में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने का भरोसा दिलाया।
 इस अवसर पर शोसल डिस्टेंस के नियमों का अनुसरण करते हुए आस पास के बुद्धिजीवियों में प्रमुख डा, परमानन्द लाभ, प्रो, महेश प्रसाद सिंह, विनय कृष्ण जी, अरुण जी अधिवक्ता, हर्ष कुमार, दिनेश जी आदि स्थानीय लोग उपस्थित होकर सभी विश्व कल्याण के लिए सुन्दर कांड का पाठ किया। 

समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित ।

 Published by Rajesh kumar verma

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