जानिए क्यों दरभंगा की ज्योति को पूरी दुनिया कर रही है सलाम अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की पुत्री ने बिहार के दरभंगा के इस बेटी के जज्बे को किया सलाम
जानिए क्यों दरभंगा की ज्योति को पूरी दुनिया कर रही है सलाम
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की पुत्री ने बिहार के दरभंगा के इस बेटी के जज्बे को किया सलाम
कलयुग की 'श्रवण कुमारी' का नाम दिया गया है । दरभंगा (बिहार) की एक 13 साल की लड़की अपने पिता को गुडग़ांव(हरियाणा) से 1200 किलोमीटर दूर सायकिल पर लेकर जब अपने गांव पहुंची तो लोग रह गए दंग
पटना, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 23 म ई,20 ) । जानिए क्यों दरभंगा की ज्योति को पूरी दुनिया कर रही है सलाम । अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की पुत्री ने बिहार के दरभंगा के इस बेटी के जज्बे को सलाम किया है!
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस साहसी बालिका को ₹100000 का इनाम देने की घोषणा की पूर्व सांसद पप्पू यादव ने तत्काल राहत उपलब्ध करवाई है साथ ही साथ आगे इस लड़की के परिवार का पूरा खर्च उठाने का भी वादा किया है। पूरी दुनिया में वाह वाही लूटी रही साहसिक बालिका की गाथा को.कलयुग की 'श्रवण कुमारी' का नाम दिया गया है. दरभंगा (बिहार) की एक 13 साल की लड़की अपने पिता को गुडग़ांव(हरियाणा) से 1200 किलोमीटर दूर सायकिल पर लेकर जब अपने गांव पहुंची तो लोग दंग रह गये।ज्योति ने वह कर दिखाया जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। 13 साल की ज्योति कुमारी के पिता मोहन पासवान गुरुग्राम में ई रिक्शा चलाकर परिवार का पेट पालते थे। 26 जनवरी को दुर्घटना होने से उनके जांघ की हड्डी कई जगहों से टूट गयी थी. पैर का ऑपरेशन हुआ था !
Dgp Guptesewar pandey
अभी इलाज चल ही रहा था कि देश में लॉकडाउन हो गया। इस कारण उनके दवा दारू और खाने पर भी लाले पड़ गए और ऐसे में मकान का किराया नहीं देने पर मकान मालिक ने भी उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसी बीच खाते में प्रधानमंत्री राहत कोष से आये 500 रु से 13 साल की ज्योति ने पुरानी साइकिल खरीदी और पिता को लेकर 10 मई को चल पड़ीं. अपने बीमार पिता को साइकिल पर बिठाकर उसने करीब 1200 किमी की दूरी आठ दिनों में तय कर 16 मई को उन्हें सकुशल घर पहुंचाया. इस बहादुर लड़की की चर्चा हर जगह हो रही है। गांव के लोग ज्योति के कारनामो के देखकर दंग रह गये। सामान्य तौर पर कोई सोच सकता है कि 13 साल की मासूम बच्ची इतना अदम्य साहस का परिचय दे सकती है। जिन बेटियों को लेकर हमारे देश में एक दूसरी धारणा भी है। उनकी भ्रूण हत्या कर दी जाती है, वहां इस कलयुगी श्रवण कुमारी ने पूरे समाज को एक बहुत बड़ा संदेश दिया है कि बेटियां बेटों से कम नहीं। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित । Published by Rajesh kumar Verma
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की पुत्री ने बिहार के दरभंगा के इस बेटी के जज्बे को किया सलाम
कलयुग की 'श्रवण कुमारी' का नाम दिया गया है । दरभंगा (बिहार) की एक 13 साल की लड़की अपने पिता को गुडग़ांव(हरियाणा) से 1200 किलोमीटर दूर सायकिल पर लेकर जब अपने गांव पहुंची तो लोग रह गए दंग
पटना, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 23 म ई,20 ) । जानिए क्यों दरभंगा की ज्योति को पूरी दुनिया कर रही है सलाम । अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की पुत्री ने बिहार के दरभंगा के इस बेटी के जज्बे को सलाम किया है!
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस साहसी बालिका को ₹100000 का इनाम देने की घोषणा की पूर्व सांसद पप्पू यादव ने तत्काल राहत उपलब्ध करवाई है साथ ही साथ आगे इस लड़की के परिवार का पूरा खर्च उठाने का भी वादा किया है। पूरी दुनिया में वाह वाही लूटी रही साहसिक बालिका की गाथा को.कलयुग की 'श्रवण कुमारी' का नाम दिया गया है. दरभंगा (बिहार) की एक 13 साल की लड़की अपने पिता को गुडग़ांव(हरियाणा) से 1200 किलोमीटर दूर सायकिल पर लेकर जब अपने गांव पहुंची तो लोग दंग रह गये।ज्योति ने वह कर दिखाया जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। 13 साल की ज्योति कुमारी के पिता मोहन पासवान गुरुग्राम में ई रिक्शा चलाकर परिवार का पेट पालते थे। 26 जनवरी को दुर्घटना होने से उनके जांघ की हड्डी कई जगहों से टूट गयी थी. पैर का ऑपरेशन हुआ था !
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अभी इलाज चल ही रहा था कि देश में लॉकडाउन हो गया। इस कारण उनके दवा दारू और खाने पर भी लाले पड़ गए और ऐसे में मकान का किराया नहीं देने पर मकान मालिक ने भी उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसी बीच खाते में प्रधानमंत्री राहत कोष से आये 500 रु से 13 साल की ज्योति ने पुरानी साइकिल खरीदी और पिता को लेकर 10 मई को चल पड़ीं. अपने बीमार पिता को साइकिल पर बिठाकर उसने करीब 1200 किमी की दूरी आठ दिनों में तय कर 16 मई को उन्हें सकुशल घर पहुंचाया. इस बहादुर लड़की की चर्चा हर जगह हो रही है। गांव के लोग ज्योति के कारनामो के देखकर दंग रह गये। सामान्य तौर पर कोई सोच सकता है कि 13 साल की मासूम बच्ची इतना अदम्य साहस का परिचय दे सकती है। जिन बेटियों को लेकर हमारे देश में एक दूसरी धारणा भी है। उनकी भ्रूण हत्या कर दी जाती है, वहां इस कलयुगी श्रवण कुमारी ने पूरे समाज को एक बहुत बड़ा संदेश दिया है कि बेटियां बेटों से कम नहीं। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित । Published by Rajesh kumar Verma
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