नियोजित शिझकों से वार्ता कब और कौन सी सरकार करेगी...? :प्रवीण प्रसाद सिंह "वत्स"
नियोजित शिझकों से वार्ता कब और कौन सी सरकार करेगी...? :प्रवीण प्रसाद सिंह "वत्स"
समस्तीपुर कार्यालय रिपोर्ट
आखिर सैकड़ों शिक्षकों के मृत्यु के बाद भी वही हुआ जो सरकार की.मर्जी थी,संघ संगठन ढाक के तीन पात ही साबित हुए
समस्तीपुर, बिहार (जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 07 जून,2020 ) । एक बार फिर शिक्षकों के साथ अत्याचार करने का षड्यंत्र नवम्बर तक,रविवार एवं महत्वपूर्ण छुट्टियाँ हङताल दिवस का समायोजन करके किया गया।अब जरा सोचिये जब नवम्बर तक समायोजन, तो संघ से वार्ता सरकार कब.करेगी..?नवम्बर में तो सरकार आखिरी पारी समाप्त कर लेगी।आखिर सैकड़ों शिक्षकों के मृत्यु के बाद भी वही हुआ जो सरकार की.मर्जी थी,संघ संगठन ढाक के तीन पात ही साबित हुए।शिक्षकों द्वारा अपने नेताओं के पक्ष मे गला फाङकर जयकारे लगाना निष्फल साबित हुआ।खद्दरधारी नेताओं ने पुनः शिक्षक एकता का मजाक बनाया।लोकतांत्रिक व्यवस्था के विद्रुम स्थिति को किसी कवि ने क्या खूब कहा है----उपर -उपर ही पीते हैं पीने बाले, दुखों को हमराह बनाकर जीते हैं जीने बाले।हङताल के एक माह बीत जाने के बाद भी संघ -संगठन के नेतृत्व कर्ता का मौनी अमावस्या व्रत करने एवं सरकार की आया राम-गया राम की नीति का अनुपालना से संघर्ष जारी रखना ही एक मात्र महामंत्र है,कोरोना कोरोना का रोना रो कर संघर्षों को दबाना आत्महत्या के समान है, क्योंकि सरकार चलाने की अपनी नीति है।बाढ, महामारी,भुकंप, युद्ध,ये सब सरकारी ब्यवस्था मे निरंतर चलता रहता है।संगठन के नेतृत्व कर्ता को यह मंथन करना होगा, उनकी अपनी क्या मजबुरी थी?शिक्षकों को हङताल के राह पर दौङाकर फिर कोरोना के बहाने चुप्पी क्यों?क्या नियोजित शिक्षकों को उनका हक मिला?अगर नहीं तो आखिर कब?चुनाव सामने है,जदयु-भाजपा गठबंधन अपनी सरकार बनाने के लिये बेबिनार-अंतरजालिय सेमिनार जनता के बीच मे ताल ठोक प्रचार शुरू किया है, वहीं हङताल के बिन्दुओं पर,नियोजितों के सवाल पर शिक्षक संघ नेताओं द्वारा सरकार से वार्ता क्यों नहीं हो रहा है?ये यक्ष सवालों का जबाब हजारों नियोजित शिझक बन्धु अपने आप को पूछ रहे हैं।आखिर कब तक?आखिर कब?आखिर क्यों नहीं?आखिर कौन सी सरकार नियोजितों के दर्द को समझने का काम करेगी। उपरोक्त वक्ततव्य प्रवीण प्रसाद सिंह "वत्स " जिला महासचिव ,राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, समस्तीपुर बिहार द्वारा प्रेस को दिया गया। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित। Published by Rajesh Kumar verma
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