"आ गया वायु सेना का सरताज घातक मिसाइलों से लैस राफेल":कवि विक्रम क्रांतिकारी

"आ गया वायु सेना का सरताज घातक मिसाइलों से लैस राफेल" : कवि विक्रम क्रांतिकारी 

हमारे भारत माता की धरती को राफेल ने दोस्त फ्रांस से 7 हजार  किलोमीटर लंबी यात्रा के बाद बुधवार को आकर चूम लिया ।

यह 5 राफेल जो हमारे सेना में शामिल हुआ है इसमें 3 सिंगल सीटर और 2 सीटर ट्रेनर एयरक्राफ्ट है।

#Jankranti office Report

यह राफेल लड़ाकू विमानों का आगमन केवल इसलिए महत्वपूर्ण नहीं है कि इससे हमारी वायु सेना की मारक क्षमता पहले से ज्यादा बढ़ गई है, बल्कि दोस्तों इसलिए भी कि राफेल हमारे यहां ऐसे समय में आ रहा है ,जब चीन अतिक्रमणकारी और अड़ियल रुख अपनाए हुए हैं। दोस्तों यह पांच लड़ाकू विमान हमारे सेना का मनोबल को बढ़ाएंगे ,लेकिन मुझे लगता है कि हमारे भारतीय वायुसेना की ताकत और बढ़ जाएगी जब सभी 36 राफेल विमान हमारे सेना के बेड़े में शामिल हो जाएंगे।।

इस वैश्विक महामारी में जितना हो सके वंचित तबकों के मदद के लिए अपने सामर्थ्य अनुसार आगे आए और साथ ही में अपना और अपनों का ख्याल रखें व स्वदेशी वस्तुओं का अधिक से अधिक प्रयोग करें : कवि विक्रम क्रांतिकारी (विक्रम चौरसिया- चिंतक/पत्रकार/आईएएस मेंटर - 
दिल्ली विश्वविद्यालय - अध्येता 

New Delhi,India ( Jankranti hindi news bulletin 29 July,2020 ) ! हमारे भारत माता की धरती को राफेल ने दोस्त फ्रांस से 07 हजार  किलोमीटर लंबी यात्रा के बाद बुधवार को आकर चूम लिया ।

यह 05 राफेल जो हमारे सेना में शामिल हुआ है इसमें 03 सिंगल सीटर और 02 सीटर ट्रेनर एयरक्राफ्ट है।
दोस्तों यह फ्रांसीसी लड़ाकू विमान चीन और पाकिस्तान के दोहरे मोर्चे पर सीधी लड़ाई में तो निर्णायक साबित होगा ही साथ ही यह हमारा सरताज राफेल गैर पारंपरिक युद्ध में भी छिपकर वार कर रहे दुश्मन की मांद में भी घुसकर उसे नेस्तनाबूद करने का मद्दा भी रखता है। ध्यान से देखें तो आतंकवाद, मिलिशिया वार हो या गृह युद्ध से प्रभावित सीरिया ,लिबिया, इराक और अफगानिस्तान में ऐसी ही छद्म लड़ाई में राफेल ने अचूक निशानों से अपना दमखम दिखाया व दिखा भी रहा है ।।

दोस्त यह राफेल लड़ाकू विमानों का आगमन केवल इसलिए महत्वपूर्ण नहीं है कि इससे हमारी वायु सेना की मारक क्षमता पहले से ज्यादा बढ़ गई है, बल्कि दोस्तों इसलिए भी कि राफेल हमारे यहां ऐसे समय में आ रहा है ,जब चीन अतिक्रमणकारी और अड़ियल रुख अपनाए हुए हैं। दोस्तों यह पांच लड़ाकू विमान हमारे सेना का मनोबल को बढ़ाएंगे ,लेकिन मुझे लगता है कि हमारे भारतीय वायुसेना की ताकत और बढ़ जाएगी जब सभी 36 राफेल विमान हमारे सेना के बेड़े में शामिल हो जाएंगे।।
क्योंकि यह राफेल सबसे उन्नत लड़ाकू विमान है । अगर में देखा जाए तो इन विमानों से भी अधिक अहमियत है इन मिसाइलों की जिनसे राफेल लैस है । दोस्तों ऐसा आधुनिक और मारक क्षमता वाले विमान आज ना तो चीन के पास है और ना ही पाकिस्तान के पास है इसलिए यह स्वाभाविक है कि अब इनकी खैरियत नहीं है।


जो भी हो दोस्त आज हमारा वायु सेना मजबूत हो गई है पर जरूरत अभी भी पूरी नहीं हुई जब तक पूरे 36 राफेल हमारे सेना को नहीं मिल जाती है। उम्मीद है जल्द ही मिलेगी।।
मुझे लगता है कि हमारी सेना को पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनने के लिए 2020 तक ही कम से कम 200  और लड़ाकू विमानों की जरूरत होगी ,जिसमें एक तिहाई लड़ाकू विमान पांचवी पीढ़ी के होने चाहिए। दोस्तों हमारे देश में रक्षा जरूरतों का जब भी आकलन किया गया है तब -तब हमने देखा है कि चीन के खतरों को ध्यान में रखा जाता ही है ।
दोस्तों जैसा कि हम लोगों ने कुछ दिन पहले ही चीन पर डिजिटल स्ट्राइक किया था जिससे चीन बौखला गया है और अपनी नापाक हरकतें चुपके से कर सकता है ,इसलिए हमें हमेशा चौकन्ने में रहने की जरूरत है । हम देख रहे हैं कि भारत द्वारा चीन को लगातार दी जा रही आर्थिक चोट से अब चीन बौखलाता जा रहा है और अब राफेल के आ जाने से चीन की तो मानो की हालात ही खराब हो गया। हम देख रहे हैं कि चीनी कंपनियों को निवेश के लिए आज सुरक्षा मंजूरी नहीं मिलने की वजह से ड्रैगन भारत पर दबाव बना रहा है कि नियमों को लचीला बनाया जाए। अब चीन इस मामले को विश्व व्यापार संगठन में ले जाने के लिए संभावना तलाश रहा है ,जबकि भारत सरकार द्वारा कड़े नियमों के चलते सुरक्षा मंजूरी में देरी की वजह से अभी सारे चीनी कंपनियां प्रस्ताव वापस लेने की तैयारी में है, क्योंकि अब चीनी कंपनियों को यह समझ में आने लगा है कि भारत के कठोर नियमो को हम पूरा नहीं कर पाएंगे। दोस्तों हमारा भारत हर तरह से आत्मनिर्भर बनेगा और इसके लिए हम हर देश के नागरिकों से आवाहन करते हैं कि जितना हो सके भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपने देश के वस्तुओं का ही अधिक से अधिक अपने जीवन में शामिल करें। 

एक अनुरोध देश के नागरिकों से मेरा है कि इस वैश्विक महामारी में जितना हो सके वंचित तबकों के मदद के लिए अपने सामर्थ्य अनुसार आगे आए और साथ ही में अपना और अपनों का ख्याल रखें व स्वदेशी वस्तुओं का अधिक से अधिक प्रयोग करें।।
कवि विक्रम क्रांतिकारी (विक्रम चौरसिया- चिंतक/पत्रकार/आईएएस मेंटर - दिल्ली विश्वविद्यालय - अध्येता लेखक सामाजिक आंदोलन से जुड़े रहे व वंचित तबकों के लिए आवाज उठाते रहते है - स्वरचित, मौलिक व अप्रकाशित लेख ।।

समस्तीपुर कार्यालय रिपोर्ट राजेश कुुुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित । Published by Jankranti....

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