ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्प्लॉइज यूनियन ,समस्तीपुर डिवीजन के द्वारा "सार्वजनिक-क्षेत्र-बचाओ-दिवस" मनाते हुए रेलवे के निजीकरण का विरोध किया गया।

 ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्प्लॉइज यूनियन ,समस्तीपुर डिवीजन के  द्वारा "सार्वजनिक-क्षेत्र-बचाओ-दिवस" मनाते हुए रेलवे के निजीकरण का विरोध किया गया।

जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट 

समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 18 अगस्त, 2020 ) । ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्प्लॉइज यूनियन ,समस्तीपुर डिवीजन के  द्वारा "सार्वजनिक-क्षेत्र-बचाओ-दिवस" मनाते हुए रेलवे के निजीकरण का विरोध किया गया।

इंडियन रेलवे इम्प्लॉइज फेडरेशन के द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत पूरे देश मे रेलवे के निजीकरण के खिलाफ आज 18/08/2020 को  *"एन्टी प्राइवेटाइजेशन डे"* मनाकर सार्वजनिक क्षेत्र को बचाने का आंदोलन किया जा रहा है।
केंद्र-सरकार के द्वारा रेलवे के निजीकरण / निगमीकरण करने एवम 109 रेलवे रूट पर 151 पैसेंजर ट्रेनों को चलाने के लिए प्राइवेट ऑपरेटर एजेंसी से कार्य कराने से संबंधित टेंडर , रेलवे में खाली पड़े 50% पदों को समाप्त करने , कैडर-मर्जिंग मल्टीस्कीलिंग जैसी योजनाओं से रेल-कर्मी सकते में हैं।केंद्र-सरकार के इन्ही नीतियों का विरोध करने के लिए सभी ट्रेड-यूनियन एक साथ विरोध में उतरे हैं।आंदोलन के नेतृत्वकर्ता श्री रत्नेश वर्मा , डिविजनल सेक्रेटरी , ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्प्लॉइज यूनियन , समस्तीपुर डिवीजन के द्वारा बताया गया कि रेलवे में कई वर्षों से पार्ट-पार्ट में

निजीकरण किया जा रहा है।रेलवे के कई विभाग समाप्त किये जा चुके है।"ए-1" क्लास एवम "ए "क्लास के कई स्टेशनों को बेचा गया है।निगमीकरण , 100% एफ० डी० आई० , पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप , ठेका-प्रथा आउटसोर्सिंग के कारण स्थाई कर्मियों के नौकरी पर असमंजसता ब्याप्त है।यहीं नहीं कई राज्य-सरकारों के द्वारा लॉक-डाउन के समय मे हीं श्रम-कानूनों में मजदूरों के हितों का ध्यान नहीं रखकर बड़े बदलाव किए गए।श्री रत्नेश वर्मा ने बताया कि रेलवे में एक तरफ अनिवार्य सेवानिवृति के लिए 55 वर्ष उम्र या 30 वर्ष नौकरी कर चुके लोंगों के रिकार्ड को खंगालने का कार्य हो रहा है,तो दूसरी तरफ मल्टीस्कीलिंग के द्वारा एक हीं कर्मचारी से कई कार्य कराने की प्रक्रिया भी चल रही है। उदाहरण के तौर पर

आर०पी०एफ०कांस्टेबल को बहु-कौशल प्रशिक्षण के साथ स्टेशन पर टिकट-चेकिंग हेतु उपयोग किये जाने से बाणिज्य विभाग के टी०सी० का पद खत्म करके उसे दूसरे कार्य मे लगाया जा सकेगा।सबसे बड़ी बात यह है कि ये सारी चीजें कोरोना महामारी के लॉकडाउन स्टेज पर की जा रही है।लोग नजरबन्द हैं।कर्मचारी खुद की जान को बचाते हुए आवश्यक कार्यों को पूरा करने में जुटे हुए हैं।ज्यादातर कल-कारखाने बन्द है।श्रमिक संगठित तरीके से विरोध करने के लिए सड़कों पर नहीं उतर सकते है।ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्प्लॉइज यूनियन रेलवे में निजीकरण एवम बहु-कौशल के नाम पर रेलकर्मियों की छंटनी तथा काम के बोझ को बढ़ाने के साजिश को रोक कर रहेगी ।

समस्तीपुर कार्यालय रिपोर्ट राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित ।

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