समस्तीपुर जिला को जल जमाव से मुक्ति को लेकर नहीं टुट रहा जिला प्रशासन की कुम्भकर्ण वाली नींद कहीं महामारी फैलने के इंतजार में तो नहीं हैं..?? समस्तीपुर जिला प्रशासन

 समस्तीपुर जिला को जल जमाव से मुक्ति को लेकर नहीं टुट रहा जिला प्रशासन की कुम्भकर्ण वाली नींद कहीं महामारी फैलने के इंतजार में तो नहीं हैं..?? समस्तीपुर जिला प्रशासन

जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट

जल -जमाव की समस्याओं से ग्रसित जिलावासियों ने लगाई प्रेस से गुहार

समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 22 सितंबर, 2020 ) । समस्तीपुर जिला मुख्यालय के शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों की अाबादी ज्यों- ज्यों बढ़ी बसने वाले लोगों ने अपने आय के मुताबिक भूमि का चयन कर निवास के लिए आवास बनाया। जिसके कारण शहर के साथ साथ निकटवर्ती ग्रामीण इलाकों में रिहायशी मकानों की तायदाद बढ़ती गई ।

जल निकासी के लिए किसी प्रकार का साधन या नाले के उपयोगिता को जरूरी नहीं समझा जिसके कारण बरसात की पानी या घरों से निकलने वाली गंदा पानी का जमाव अत्यधिक सड़क मार्ग में होने लगा है। बताते हैं कि शहर के पंजाबी कॉलोनी स्थित गली संख्या एक में बूढ़ी गंडक नदी बांध के आसपास भी दर्जनों लोग बसे नियमानुसार नगर परिषद होल्डिंग टैक्स भी अदा करते आ रहे है।

वर्तमान में जब मूलभूत सुविधाओं की कमी जनमानस द्वारा महसूस की गयी तो लोगों ने नगर परिषद प्रशासन सहित जिलाप्रशासन के साथ ही राज्य सरकार को आवेदन देकर पक्की सड़क व जल निकासी के लिए नाला निमार्ण कराने के लिए आवेदन दिया ।

लोगों की उम्मीद थी कि नप प्रशासन या जिलाप्रशासन या सरकार उनकी सुध लेगा। लेकिन नप प्रशासन के साथ ही कोई भी पदाधिकारी इस कोरोना काल में भी सूधी नहीं लिए सभी के सभी कुम्भकर्णी नींद में सोये है। नगर परिषद के साथ साथ जिला प्रशासन के निजाम बदलते रहे, नए हुक्मरान आते रहे ।

लेकिन शहर को पानी- पानी होने से कोई भी प्रशासन शहरवासियों के साथ ही ग्राम पंचायतों को रोक नहीं पा रहे है, वरीय अधिकारियों के बार- बार निर्देश आदेश के बाद भी उसपर अम्ल करने की बात अबतक बेमानी साबित हो रहा है। जल जमाव से शहरवासियों के साथ ही ग्रामवासियों को निजात दिलाने के नाम पर किया जा रहा कार्य केवल संचिकाओं तक सीमित रखा गया है, इसपर करोड़ों रुपये खर्च भी हो रहें हैं, लेकिन उसकी उपयोगिता कब सिद्ध होगी, यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है..???


शहरवासियों के साथ ही ग्रामवासी कभी उन अधिकारियों को कोसते है जिनके हाथ में नगर परिषद , पंचायत की कमान है, वही कभी कभी अपने जन प्रतिनिधियों पर भी सवाल खड़ा करते है । कहते है वे न तो जनता की परेशानियों के लिए सड़क पर उतरे न ही भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहे है। जिले में झमाझम बारिश ने जिला शहर-गांव को पानी- पानी कर अधिकारियों व प्रतिनिधियों के कारनामें का पोल खोल कर रख दिया है ।

वहीं बारिश से शहर के काशीपुर,धरमपुर, आदर्श नगर ,पंजाबी कॉलोनी ,पुसा फार्म रोड इत्यादि सहित ग्रामीण क्षेत्र के मुसापुर पंचायत के मुसापुर वार्ड02-10 में मोहल्लों के गलियों में जल जमाव होने और इसकी निकासी नहीं होने से बीमारी फैलने की आशंका प्रबल हो गई है । सबसे अधिक बुरा हाल तो समस्तीपुर नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या 01 एवं 9 के साथ ही समस्तीपुर के मुफस्सिल क्षेत्र अंतर्गत मुसापुर पंचायत के वार्ड नं० 02 व 10 के रिहायशी इलाकों में बना हुआ है।
[अधिकारियों एवं प्रतिनिधियों की कार्यशैली पर उठ रहा सवाल]
जिला पंचायत राज पदाधिकारी की निष्क्रियता से पंचायत के मुखिया, पंचायत समिति, जिला पार्षद, वार्ड सदस्य इत्यादि की मनमानी चरमसीमा पर है इसके कारण पंचायत में किसी प्रकार की विकास नहीं है। वहीं समस्तीपुर नगर परिषद द्वारा जल निकासी व नाला सफ़ाई के नाम पर गत तीन वषोॅ में करोड़ो रुपये खर्च किए गए । सुत्रों की माने तो अधिकांश नाला की साफ-सफ़ाई का कार्य संचिकाओं में सीमित कर राशि निकाल ली गई है।

नगर परिषद की सशक्त स्थाई समिति इसके लिए जहाँ कार्यपालक पदाधिकारी को कठघरे में खड़ा करती है,वहीं नप बोर्ड पर भी कई सवाल खड़ा कर रहा है । नगरवासी दोनों के बीच पीस रहे है । सड़क पर पसरे कचरे के बीच चलने को विवश है, शहर को जल जमाव से मुक्ति दिलाने की दिशा में विगत् चार वर्ष से अधिकारियों से लेकर विभागीय मंत्री तक आश्वासन दे चुके है । फरमान के बाद कुछ कनीय अधिकारी जायजा लेने अवश्य पहुँचते हैं । लेकिन कार्यवाही व उपाय अबतक सिफर है, शहर में जल जमाव के बाद शहरवासी अपने पार्षद को खोज रहे है, अधिकांश पार्षद लोगों के बीच जाने से हिचक रहे है।


[महामारी फैलने की आशंका प्रबल ] :

जल जमाव की समस्या से लोग परेशान है, गढे में गंदा पानी भरा रहने के कारण दुर्गध आने लगी है, किंतु पंचायती राज पदाधिकारी या जिलाप्रशासन पंचायत के मुखिया के साथ ही नगर परिषद के अधिकारी व कर्मी न तो जलजमाव की निकासी ही करवा रहे है और न तो डीडीटी पाउडर का छिड़काव ही करवा रहें है, जिससे की पानी की सड़न की बदबू से फैलने वाली संक्रामक बीमारियों पर कुछ अंकुश लग सके ।


अगर समय रहते जिला प्रशासन या सरकार के अधिनस्थ अधिकारी या जनप्रतिनिधियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो जिले में भयंकर महामारी फैल सकती है,जिसे रोकना जिला प्रशासन को दांत तले अंगुली दबाने जैसी कार्य हो सकती है । शहरवासियों के साथ ही ग्रामीण इलाकों के विभिन्न मार्ग से गुजरने के लिए और घरों में आने जाने के लिए लोगो को घुटने से उपर सड़े हुऐ गंदे पानी को पार कर जाना पड़ रहा है। रास्ते के गढ्ढे में भरे हुऐ पानी से रास्ता नजर नहीं आ पाता हैं जिसके कारण कई लोग गिरकर चोटिल व घायल भी हो चुके हैं ।

समस्तीपुर शहर के पंजाबी कॉलोनी मोहल्ले के स्थाई निवासी कुंन्दन कुमार का कहना है कि नाला एवं सड़क का 20 सालों से बांट जोह रहे है । इस जल जमाव से कभी भी महामारी लोगों को अपने चपेट में ले सकती है। वही शिकायत करता राहुल कुमार ,जगदीश राम, दामिनी देवी, पिंकी कुमारी, रिता देवी का कहना है कि बारिश एवं लोगों के घरों का गंदा पानी जमा हुआ है। मोहल्ले के चारों ओर महामारी के दहशत ने लोगों की नींद उड़ा कर रख दी है। उन्होंने बताया कि कोरोना जैसी वैशविक महामारी ने इस मोहल्ले के तरफ अपना रूख कर लिया है, अगर यही स्थिति रही तो अन्य महामारी भी अपना विकराल रुप जल्द ही धारण कर लेगी। वही अब नप के अधिनस्थ पदाधिकारियों का कहना है कि नप के सफाई कर्मी हड़ताल पर थे,वार्ड संख्या 01 में जेनरेटर चला कर जल निकासी की व्यवस्था करवाई जाएगी,अगर कही जल - जमाव कि स्थिति है तो जांच करा कर जल्द ही जल निकासी कि व्यवस्था की जाएगी। वहीं वर्तमान वार्ड पार्षद *रिंकु देवी* समस्या से अवगत होने के बाद से चुप्पी साधे हुए है, जबकि *उप- सभापति* शारीक रहमान लवली ने तो इस कोरोना काल में जिला वासियों से सम्पूर्ण दुरी बना लिऐ है वे तो समाजिक दुरी का पालन करते हुऐ फोन पर भी लोगो कि फरियाद नहीं सुन रहे है उन्हें भय सता रहा है कि कहीं फोन पर बात करने से भी कही वो संक्रमित न हो जाए।

वहीं दूसरी ओर मुफस्सिल थानाक्षेत्र के मुसापुर पंचायत के वार्ड नं० 02 और 10 के रिहायशी इलाकों में विगत् चार-पांच महीने से जल-जमाव की समस्याओं से जूझ रहें वार्ड निवासियों का धैर्य जबाब दे दिया । बाध्य होकर सामूहिक रूप से जल जमाव की निकासी के साथ ही साफ-सफाई को लेकर जिलाधिकारी समस्तीपुर के साथ ही अनुमंडलाधिकारी सहित पंचायत के मुखिया वार्ड सदस्य को लिखित रूप से गुहार लगाते हुऐ 14 सितंबर 2020 को पत्र दिया । इसपर आवेदिका चौधरी मधुलिका, उर्मिला देवी, प्रमीला देवी, शीला देवी, सीमा देवी इत्यादि महिलाओं का कहना है कि हमलोगों को विगत् चार-पांच माह से जल -जमाव की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है ।

किसी भी कार्य के लिए चाहें सब्जी मंडी जाना हो , बच्चे को ट्यूशन भेजना हो, बीमारी से युक्त होने पर तो और भी कठिनाई होती है। मुखिया जी तो सिर्फ दस्खत करने वाले बने हुऐ हैं । उनका कहना है की मैं इसमें क्या कर सकता हूँ आपलोग जिलाधिकारी से जाकर कहिए वोही कुछ कर सकतें है । लेकिन आज जिलाधिकारी से भी गुहार लगाऐ हुऐ जल जमाव से निजात दिलाने की आठवां दिन बीतने जा रहा है लेकिन उनके द्वारा भी नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा का ख्याल नहीं करते हुऐ अभी तक किसी प्रकार की कार्यवाही शुरू नहीं किया है।

समस्तीपुर कार्यालय रिपोर्ट राजेश कुमार वर्मा प्रकाशक द्वारा संवाद सूत्र की रिपोर्ट प्रकाशित। Published by Jankranti...

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