प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खानपुर में पदस्थापित डॉक्टरों के नाम पर संचालित हो रहा निजी अस्पताल

 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खानपुर में पदस्थापित डॉक्टरों के नाम पर  संचालित हो रहा निजी अस्पताल 

निजी क्लिनिक का पूर्जा काट  करते मरीज का सरकारी अस्पताल में डॉक्टर भर्ती कर इलाज 

जेनरल हेल्थ केयर एंड डेंटल क्लीनिक एकता चौक खानपुर समस्तीपुर के नाम पुर्जा काटकर किया जाता है । सरकारी अस्पताल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खानपुर में इलाज । 

जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट 

समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 15 दिसम्बर, 2020 ) । समस्तीपुर जिला के खानपुर प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खानपुर में पदस्थापित डॉक्टरों के नाम पर  संचालित हो रहा निजी अस्पताल । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खानपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इन दिनों गंभीर रूप से दुर्घटना में घायल मरीज को सरकारी अस्पताल में इलाज की व्यवस्था नहीं होने की बात कहकर टरका दिया जा रहा है । 

वहीं अगर कोई मरीज निजी चिकित्सकों को देने वाले शुल्क के भुगतान की बात स्वीकार करता है तो उसे सरकारी अस्पताल में ही निजी अस्पताल की तरह सुविधा मुहैया कराई जाती है। यह वाक्या आज खानपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तब सामने आया जब दिनमनपुर दक्षिणी पंचायत के खतुआहा गांव निवासी अभयकांत झा के पुत्र पप्पू कुमार के दुर्घटना में घायल होने पर 13 दिसंबर की सुबह करीब 7:00 बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया जाता है । जहां उसकी गंभीर स्थिति को देखकर उसे जांच एंव सीटी स्कैन कराने के लिए सरकारी अस्पताल में पदस्थापितऑन ड्यूटी चिकित्सक सह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खानपुर के चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर नितेश कुमार के द्वारा निजी अस्पताल जेनरल हेल्थ केयर एंड डेंटल क्लिनिक के पुर्जे पर इलाज किया जाने लगा। 

मरीज के पिता अभयकांत झा ने बताया कि 13 दिसंबर की सुबह से ही अपने पुत्र को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खानपुर में आया जहां ऑन ड्यूटी चिकित्सक डॉक्टर नितेश कुमार के द्वारा उसका इलाज सरकारी अस्पताल में नहीं होने की बात कही गई साथ ही यह भी बताया गया कि अगर आप इसका इलाज यही करवाना चाहते हैं तो निजी चिकित्सालय के डॉक्टरों की मदद से आप का इलाज यहां भी करवा दिया जाएगा । जिसके लिए आपको शुल्क अदा करना होगा । तत्पश्चात मरीज के पिता अभय कांत झा ने स्वीकृति देते हुए बेटे का इलाज करने की गुहार लगाई फिर मरीज को समस्तीपुर भेजकर सीटी स्कैन, एक्सरे,  खून,मल मूत्र इत्यादि का जांच करवाया गया । जिसमें दवा से लेकर जांच आदि के कार्य में ही करीब ₹10000 खर्च हो गए ।


मरीज के भाई ने बताया कि 27 से 28 घंटे बीतने के बाद मीडिया कर्मियों को मामले की जानकारी मिलने पर जब अस्पताल परिसर में मीडिया कर्मियों का पहुंचना चालू हुया और मामले का उद्भेदन हुआ, तब सरकारी अस्पताल में ही इलाज करने वाले सरकारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ० नितेश कुमार ने आनन-फानन में मेरे भाई को मोटरसाइकिल से ही दूसरे अस्पताल ले जाने को कह दिया और हमें विवश होकर अपने भाई को लेकर वहां से बिना इलाज कराए ही जाना पड़ा। मेरे भाई को सरकारी अस्पताल में ही इलाज के नाम पर मेरे पिताजी से करीब ₹12000 भी खर्च करवाए गए लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खानपुर में इलाज नहीं होने पर हमें रेफर होने की स्थिति में एंबुलेंस की भी मदद नहीं दी गई । जबकि एंबुलेंस उस समय अस्पताल परिसर में ही खड़ी थी। मरीज के पिता ने बताया की सुबह तक सरकारी अस्पताल के डॉक्टर इलाज हेतु ₹20000 और जमा करवाने की बात कह रहे थे। आज सुबह गुप्त रूप से जब इस मामले की जानकारी मीडिया कर्मियों को मिली कि सरकारी अस्पताल में निजी चिकित्सकों के द्वारा गंभीर रूप से घायल मरीज के परिजन से सेवा शुल्क लेने के नाम पर रुपए वसूल किए जा रहे हैं तब मीडिया कर्मी ने वहां पहुंचकर इस मामले की पड़ताल की और यह मामला सच पाया।

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ० नितेश कुमार ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खानपुर के चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी संजय कुमार के कहने पर उनके गांव के ही एक मरीज को गंभीर स्थिति में इलाज के लिए यहां रखा गया था लेकिन उसकी गंभीर चोट को देख कर आज उसे रेफर कर दिया गया है। अस्पताल में दवाइयां नहीं होने के कारण बाहर से उन्हें दवाइयां खरीदनी पड़ी एवं जांच आदि करवाने परे हैं जिसमें उन्हें खर्च करना पड़ा है। मीडिया कर्मियों के द्वारा अस्पताल के पड़ताल के दौरान वहां दवाई भंडार बंद पाया गया साथ ही शल्य चिकित्सा कक्ष मैं छत की स्थिति जर्जर देखी गई। 200 वाट के बल्ब को जलाकर ही शल्य चिकित्सा किए जाने की भी बात सामने आई। स्वास्थ्य प्रबंधक मोहम्मद अमानुल्लाह ने बताया कि अस्पताल में प्रसव चिकित्सा हेतु महिला चिकित्सक की बहाली नहीं है। जिस कारण प्रसव के लिए भी ए एन एम एवम ममता के सहारे ही प्रसव कार्य करवाए जा रहे हैं। अस्पताल में चिकित्सकों की भारी कमी है जिस कारण स्वास्थ्य सेवा में असुविधा उत्पन्न होती है।

जेनरल हेल्थ केयर एंड डेंटल क्लीनिक एकता चौक खानपुर समस्तीपुर के नाम पुर्जा काटकर किया जाता है सरकारी अस्पताल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खानपुर में इलाज।प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खानपुर में पदस्थापित डॉक्टरों के द्वारा उन्ही पदस्थापित डॉक्टरो के नाम पर ही संचालित हो रहा  निजी अस्पताल।प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रेफर होने की स्थिति वाले मरीजों को इलाज के नाम पर प्राइवेट अस्पताल का पुर्जा काटकर करवाया जाता है उनका इलाज। विभाग के कर्मियों की मिलीभगत से मरीजों को फसाया जाता है गोरखधंधे के जाल में।

आज जब सरकारी अस्पताल में चिकित्सा करवा रहे घायल मरीज पप्पू कुमार झा के इलाज का पर्ची  जब परिजनों से मांगा गया तो उन्होंने जो पुर्जा दिखाया उसमें आश्चर्यजनक बातें थी जिसमें जनरल हेल्थ केयर एंड डेंटल क्लीनिक के नाम पर जो पुर्जा दिया गया था उस पुर्जे में उस क्लीनिक के डॉक्टरों के पैनल में शामिल चार डॉक्टरों के नाम खानपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित लोगों के ही थे।ज्ञात हो कि डॉ मिथिलेश ठाकुर डॉक्टर रविंद्र कुमार डॉक्टर गिरींद्र मोहन झा डॉक्टर नीतीश कुमार अभी भी खानपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ही पदस्थापित हैं जिनके नाम पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के मरीजों को जनरल हेल्थ केयर एंड डेंटल क्लीनिक का पुर्जा थमा कर इलाज के नाम पर हजारों रुपए वसूली भी किए जा रहे हैं जिसका खुलासा आज हुआ है जिसकी पुष्टि आज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खानपुर के कर्मियों ने भी की है। उपरोक्त सनसनीखेज खुलासा हमारे संवाद सूत्र पत्रकार यशवंत कुमार चौधरी के द्वारा अस्पताल परिसर का निरीक्षण कर किया गया। 


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा यशवंत कुमार चौधरी की रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित । 


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