जनक्रांति विचार... बहुत दुर्भाग्य से कहने में मुझे कोई हिचक नहीं होती कि यह देश लुट चुका है और लुटेरे हमारी लूटी हुई चीजों का ले रहे हैं मजा : ज्योतिष पंकज झा शास्त्री

 जनक्रांति विचार...

बहुत दुर्भाग्य से कहने में मुझे कोई हिचक नहीं होती कि यह देश लुट चुका है और लुटेरे हमारी लूटी हुई चीजों का ले रहे हैं मजा : ज्योतिष पंकज झा शास्त्री

जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट 

अपने सूक्ष्म अध्यन के माध्यम से ही ज्योतिष के माध्यम से सफल होने का पुर्ण प्रयत्न कर रहा हूं : पंकज झा शास्त्री 

मधुबनी,बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 08 जुलाई,2021)।  बहुत दुर्भाग्य से कहने में मुझे कोई हिचक नहीं होती कि यह देश लुट चुका है और लुटेरे हमारी लूटी हुई चीजों का मजा ले रहे हैं !वही हाल ज्योतिष का है, चिकित्सा का, शिक्षा का और भारत देश की मूल, शुद्ध पुरातन संस्कृति का है ! सब नष्टप्राय है और मात्र आडम्बर बचा है ।

इसलिए अगर कोई इस विद्या को झूठ बताता है तो वो इसलिए है कि इस क्षेत्र में आज 99 या 95% धूर्त, पाखंडी,धोखेबाज आदमी ही विद्यमान हैं ! पर, आदमी गलत हो सकता है, हमारे महान पुरखों द्वारा प्रदत्त विद्या गलत नहीं है ! आर्यभट्ट, वराहमिहिर, कालिदास, नागार्जुन, बौधायन, महावीराचार्य, ब्रह्मगुप्त इत्यादि अनेकों महान ज्ञानियों द्वारा शोधित ज्ञान हरि-विक्रम द्वारा स्थापित,पोषित ज्ञान परम्परा मिथ्या नहीं हो सकती ! यह सबसे शुद्ध एवं अमूल्य ज्ञान है जो अयोग्य हाथों में अपमानित हो रहा है ! आज अत्यंत आवश्यकता है कि हमारे प्राचीन ज्ञान स्तम्भ,विषयों एवं क्षेत्रों में अयोग्यों को जाने से रोका जाये, केवल सुयोग्य ही ऐसे क्षेत्रों में आएं जिनसे जनता को सही परामर्श भी मिले और भारत की प्रसिद्धि भी बढे ! आज मैं अपने सूक्ष्म अध्यन के माध्यम से ही ज्योतिष के माध्यम से सफल होने का पुर्ण प्रयत्न कर रहा हूं।

हो सकता है कि मै सभी को संतुष्ट करने में असफल रहूं, परंतु प्रयत्न में मेरा उद्देश्य होता है कि एक निश्चित कल्याण कि ओर सफलता आप सभी का कदम चूमे । 

जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

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