राजीव गांधी हत्याकांड की मास्टरमाइंड मुख्य दोषी सोनिया गांधी को बचाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ० मनमोहन सिंह को रास्ते से हटाने का इंतजार कर रही सीबीआई : युग क्रांति दल किसान प्रकोष्ठ

 राजीव गांधी हत्याकांड की मास्टरमाइंड मुख्य दोषी सोनिया गांधी को बचाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ० मनमोहन सिंह को रास्ते से हटाने का इंतजार कर रही सीबीआई : युग क्रांति दल किसान प्रकोष्ठ 

जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट 


मनमोहन हत्याकांड की साजिश तो नहीं दो वर्षों में गवाहियाँ कंपलीट क्यों नहीं जवाब दे निदेशक सीबीआई : राजेश कुमार वर्मा


सत्य सनातन रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद चित्रांश प्रयागराज उच्च न्यायालय में दायर करेंगे याचिका मामला गंभीर सीबीआई पर सवालिया निशान 

समाचार डेस्क/समस्तीपुर, बिहार (जनक्रांति हिन्दी न्यूज़ बुलेटिन कार्यालय 15 अक्टूबर 2021)। युग क्रांति दल किसान प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश कुमार वर्मा ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस शासनकाल में नई दिल्ली के बहादुरशाह जफर मार्ग गुलाब भवन के पीछे भारत पोस्ट साप्ताहिक समाचार पत्र में राजीव गांधी हत्याकांड की मास्टरमाइंड 10 जनपथ में मौजूद देश छोड़कर भाग सकते हैं। हत्यारे बराबर प्रकाशित होती खबरों से परेंशान कांग्रेस शासनकाल के पूर्व केंद्रीय मंत्री मुकुल वाशनिक भारत पोस्ट के संपादकीय कार्यालय सुरेश नामक रिपोर्टर के साथ दो बार जाने के उपरांत सोनिया गांधी के प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी से संपादक अखिलेश कुमार अखिल को मिलवाने की भूमिका भी रिपोर्टर सुरेश ने निभाई ।


जबकि मुख्य गवाह बी.एस मलिक अपनी बाईक पर अखिलेश कुमार अखिल को कार्यालय के बाहर तक छोड़कर जाने के सबूतों को स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्य शिकायतकर्ता जगदीश सक्सेना के द्वारा सीबीआई को उपलब्ध कराए जाने के तत्काल बाद ही गवाह नोटिस जारी करने चाहिए। लेकिन हत्याकांड के गंभीर मामले में सख्ताई से पेश आने की बजाए सीबीआई जानबूझकर टालमटोल कर लिपापोती करने में लगे रही । जिससे सीनियर सिटीजन गवाहों को रास्ते से हटाने में राजीव गांधी हत्याकांड की मास्टरमाइंड उसके सहयोगियों की मदद की जा सके । उपरोक्त मामले में तांत्रिक चंद्रास्वामी की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सत्यनारायण ढिंगरा ने अगस्त 2007 में डॉ० मनमोहन सिंह सरकार को नोटिस जारी करते हुए जानना चाहा था कि नए तथ्यों के सामने आने पर राजीव गांधी हत्याकांड केस को दुबारा क्यों नही खोला जाना चाहिए ।


लेकिन कठपुतली बने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ० मनमोहन सिंह ने हत्याकांड के केस को दुबारा खोलने से इंकार कर दिया था । जबकि राजीव गांधी हत्याकांड मामले की दुबारा जांच कराने में कांग्रेस शासनकाल को सहयोग करना चाहिए था । शिकायतकर्ता ने कहा हत्याकांड की मास्टरमाइंड मुख्य दोषी सोनिया गांधी नही थी तो प्रकाशित खबरों के विरोध करने की बजाए कांग्रेस उस संपादक के आगे नतमस्तक क्यों थी । दिल्ली उच्च न्यायालय से नोटिस जारी होने के तत्काल बाद ही आरोपों में लिप्त चंद्रास्वामी के बरी होने से साबित हो जाता है कि राजीव गांधी हत्याकांड की साजिश 10 जनपथ में ही रची गई थी । के.सुर्दशन ने भी सोनिया गांधी को हत्याकांड का मास्टरमाइंड मुख्य दोषी बताया था।


शिकायतकर्ता ने कहा कि सोनिया की प्लानिंग अनुसार ही राजीव गांधी की सुरक्षा व्यवस्था में खामिया करवाने की मुख्य दोषी सदैव राजीव गांधी के साथ साए की तरह साथ रहती थी । लेकिन घटनास्थल पर वह क्यों नहीं थी । राजीव गांधी हत्याकांड को अंजाम तक पहुंचाने में पूर्व समय के सीबीआई अधिकारियों ने एक हत्यारन के लिए कठपुतली की तरह अपनी भूमिका निभाई । 


वहीं 2020 में सबूतों के आधार पर ब्यान दर्ज करवाने वाले स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्य नागरिक अधिकार चेतना परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिकायतकर्ता जगदीश सक्सेना ने सीबीआई के डीएसपी प्रवीण कुमार को पहले ही कहा था कि क्या वह मृत्यु पश्चात ही गवाहियाँ कंपलीट करेंगे । लेकिन सीबीआई के एस.पी. टी. पुनिथामनी की प्लानिंग अनुसार गवाहियाँ लेने में विलंब करने वाले डीएसपी प्रवीण कुमार विश्वधर्मा टाइम्स के लाइजनिंग करने वाले रिपोर्टर भीम शर्मा के साथ अपने चित्रों को खिचवाने में व्यस्त रहे ।


राजीव गांधी हत्याकांड की जानकारी पहले से ही रखने वाले मुख्य गवाह की निशानदेही पर छ: दिनों तक 10 जनपथ में अंडरग्राउंड बी.एस. मलिक के दाहसंस्कार करने के सबूतों को सीबीआई के अधिकारियों ने बरामद कर जांच नही की बल्कि सीबीआई राजीव गांधी हत्याकांड की मास्टरमाइंड मुख्य दोषी सोनिया गांधी को बचाने की हरसंभव प्रयास करती रही । अंतरराष्ट्रीय मामले की गंभीरता पर सवालिया निशान लगाते हुए प्रयागराज उच्च न्यायालय में सत्य सनातन रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद चित्रांश याचिका दायर करते हुए केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीबीआई को नोटिस जारी करवाते हुए जानना चाहेंगे कि गवाहियाँ कंपलीट करने में विलंब करने वाली सीबीआई ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए 10 जनपथ के कैमरों की जांच क्यों नही की थी ।


उपरोक्त अंतरराष्ट्रीय हत्याकांड मामले में 2007 से बराबर शिकायतें करने वाले हिमाचल प्रदेश के निवासी पब्लिक यूनियन के अध्यक्ष प्यार चंद दिम्मी ने सबूतों को उपलब्ध कराते हुए दो बार सीबीआई कार्यालय में अपने ब्यांन दर्ज करवाए । लेकिन सीबीआई अपने निजी स्वार्थ को साधने में लगी रही जबकि देश में कमजोर तबके के आम नागरिक को अब तक सूली पर लटका दिया गया होता ।

 


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।






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