अन्नानगर के एक कंपनी के मजदूरों की गुहार सुनकर इंजीनियर से बात कर समाजसेवी उजैन्त ने दिलायी राहत


अन्नानगर के एक कंपनी के मजदूरों की गुहार सुनकर इंजीनियर से बात कर  समाजसेवी उजैन्त ने दिलायी राहत 








कंपनी के इंजीनियर के व्हाट्सएप पर तमिल लैंग्वेज में सारे परिस्थितियों से अवगत कराते हुए उसे अनुभव कराया की अगर आप इस विकट परिस्थिति में मानवता से हटकर काम करेंगे तो आप पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है : उजैन्त कुमार 

नवजोत बिल्डर्स कंस्ट्रक्शन कंपनी में मजदूर का काम करता हूंँ और हमारे कंपनी के जो ठेकेदार हैं वह हमें आधी-अधूरी मेहनताना देकर रखते आए हैं और अभी इस विकट परिस्थिति में ना ही सही से राशन-पानी और ना ही सही से हमारी सैलरी दे रहे हैं - पैसे माँगने पर कहते हैं कि अगर हिसाब माँगा तो बिल्डिंग से बाहर कर देंगे: मजदूर 

जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन टीम 


पटना, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 30 अप्रैल,20 ) । पुलिस पब्लिक सेल, नेशनल ह्यूमस राइट्स एण्ड पब्लिक वेलफेयर ट्रस्ट, पटना, बिहार के जिलाध्यक्ष उजैन्त कुमार के द्वारा लॉकडाउन में बाहर फंसे हुऐ लोगों की जानकारी मिलने पर तत्परता दिखाते हुऐ बिहार पटना से ही दूरभाष द्वारा कम्पनी के साथ साथ राज्य सरकार के साथ ही जिला प्रशासनिक अधिकारियों से बात कर मजदूरों के लिए मददगार बने हुऐ है । दूरभाष से श्री उजैन्त ने बताया कि आज  30 अप्रैल 2020 को चेन्नई के अन्नानगर से एक बिहारी व्यक्ति ने हमारे पास कॉल किया और अपने साथ हो रहे हैं अन्याय से अवगत कराया । उसने कहा कि सर मैं नवजोत बिल्डर्स कंस्ट्रक्शन कंपनी में मजदूर का काम करता हूंँ और हमारे कंपनी के जो ठेकेदार हैं वह हमें आधी-अधूरी मेहनताना देकर रखते आए हैं और अभी इस विकट परिस्थिति में ना ही सही से राशन-पानी और ना ही सही से हमारी सैलरी दे रहे हैं - पैसे माँगने पर कहते हैं कि अगर हिसाब माँगा तो बिल्डिंग से बाहर कर देंगे और ठेकेदार और उस कंपनी का इंजीनियर दोनों मिलकर हम लोगों को बिल्डिंग से बाहर करने का धमकी दिया करते हैं । इनके द्वारा उन्हें आश्वासन दिया गया की आप लोग निश्चिंत रहो और ठेकेदार और इंजीनियर का नंबर शेयर करो - मैं बात करूँगा, देखता हूँ कि कौन बिल्डिंग से बाहर करता है । कौन खाने को पैसा नहीं देता है, सैलरी नहीं देता है और तब जाकर मैंने दिल्ली क्राईम प्रेस के मदन प्रसाद जी से हो रहे समस्याओं की चर्चा की, तब उन्होंने तमिल भाषा बोलने वाले एक लड़के से बात करवाई और हमने उसे थोड़ा सा कॉर्पोरेट करने को कहा कि वह हम लोगों की तरफ से उस ठेकेदार को व इंजीनियर को बताये की उन मजदूरों को दिक्कत देने के बाद या निकालने की धमकी देने के बाद उस पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है । ठेकेदार तो फोन बार-बार काट दे रहा था, पर कंपनी के इंजीनियर ने बात को सुना और कहा कि मैं देखता हूँ और तब जाकर इन्होंने इंजीनियर के व्हाट्सएप पर तमिल लैंग्वेज में सारे परिस्थितियों से अवगत कराते हुए उसे अनुभव कराया की अगर आप इस विकट परिस्थिति में मानवता से हटकर काम करेंगे तो आप पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है । तब जाकर उन्होंने इन मजदूरों को राशन के साथ कुछ पैसे भी दिए और मुझे पर्सनली व्हाट्सएप पर लिखकर भेजा कि सर मैंने उन लोगों को राशन के साथ कुछ पैसे भी दिए हैं जिससे उन लोगों का थोड़ा समय कट जाएगा। इन्होंने उस इंजीनियर का धन्यवाद किया जो लोगों के निवेदन को स्वीकार कर मजदूरों के लिए इतनी सारी व्यवस्था करवाई । उजैन्त कुमार, जिलाध्यक्ष, पुलिस पब्लिक सेल, नेशनल ह्यूमस राइट्स एण्ड पब्लिक वेलफेयर ट्रस्ट, पटना, बिहार ने कहा कि हमेशा वैसे गरीब और असहाय लोगों की हर सम्भव मदद के लिए  प्रयास करता हूँ और करता रहुंगा । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma

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