08 साल बाद एसटेट के परिणाम की तिथि घोषित कर परीक्षा रद्द करना दुर्भाग्यपूर्ण - आइसा

08 साल बाद एसटेट के परिणाम की तिथि घोषित कर परीक्षा रद्द करना दुर्भाग्यपूर्ण - आइसा


समस्तीपुर कार्यालय की रिपोर्ट 

           प्रतिरोध दिवस पर बैठे आइसा कार्यकर्ता

शिक्षा- रोजगार के लिए लॉक डाउनबाद सड़क पर होगा मजबूत आंदोलन आइसा

सरायरंजन/समस्त्तीपुुर, बिहार 26 मई, 2020 ) । आज आइसा कार्यकर्ताओं ने सरायरंजन प्रखंड के सुआपाकर में भौतिक दूरी का पालन करते हुए, धरना देकर राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध दिवस मनाया l वहीं आइसा कार्यकर्ताओं ने कहा कि 8 साल बाद माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन बिहार सरकार द्वारा किया गया थाl जिसे आंसर की एवं परिणाम प्रकाशित करने का तिथि घोषित कर अचानक परीक्षा को रद्द कर देना छात्रों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है l जिस परीक्षा का पेपर लीक होता है उसे बहाल कर दिया जाता है और एसटेट परीक्षा में छात्रों को नौकरी देना पड़ रहा है तो उसे रद्द कर दिया जाता है सरकार एसटेट परीक्षा को पुनर बहाल करें या अभिलंब  परीक्षा की तिथि घोषित कर तमाम खाली पड़ी शिक्षकों की पद पर वाली करें ताकि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके l अन्यथा लॉकडाउन के बाद सड़क पर उतर कर शिक्षा- रोजगार के सवाल को सड़क पर मजबूती से चलाया जाएगा ।

वही आइसा नेताओं ने कहा कि राजधानी पटना समेत सभी जिलों में रूम रेंट पर लेकर पढ़ने वाले छात्रों का रूम रेंट, निजी विद्यालयों का फीस, ट्यूशन फीस सरकार अपने अस्तर से माफ करें एवं ऑनलाइन क्लास, स्मार्टफोन और तेज इंटरनेट की सुविधा छात्रों  को प्रदान करने की मांग की है । वही जिला कमेटी सदस्य रविशंकर कुमार भारती ने कहा कि छात्रों को अभी तक पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति नहीं मिला है और ना ही पीएम के 20 लाख करोड़ पैकेज में छात्रों के लिए एक भी पाई का घोषणा नहीं है न कोई एक्शन प्लान है जबकि इस लॉकडाउन में छात्रों के अभिभावक और छात्रों का आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब  है । मौके पर धरना में उपस्थित आइसा नेता मो. मेराज आलम, मो. हीरा आलम, सरोज सिंह, बबलू पासवान मो. गुलाब,मो. अमन, मो. फूलबाबू  आदि थे । उपरोक्त जानकारी रविशंकर कुमार भारती जिला कमिटी सदस्य, आइसा सरायरंजन द्वारा वाट्सएप माध्यम से 

प्रेस को दिया । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित । Published by Rajesh kumar verma 

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