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कायस्थ जागरण के 21सूत्र
कायस्थ जागरण के 21सूत्र
नागेन्द्र प्रसाद सिन्हा
दिल्ली,भारत
भगवान श्री चित्रगुप्त जी महाराज
समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 07 मई,20 )।
(01) कायस्थ एक हों।
(02) भगवान श्री चित्रगुप्त जी को अपना आदर्श मानें।
(03) छोटे छोटे संगठनों के कायस्थ कोष बनें ।
(04) कोष से गरीब कायस्थ की मदद हो।
(05) कायस्थ कोई न कोई तकनीक सीखें। समय के साथ अपने को ढालें।
(06) कायस्थ अधिकारी, प्रधानाचार्य, नेता, उद्योगपति, कानून के अंदर कायस्थ के काम को यथा संभव हो तो आगे बढ़कर मदद करें।
(07) अस्पृश्यता बिलकुल न रखें, लेकिन शुचिता अवश्य रखें।
(08) कायस्थ होने पर गर्व करें।
(09) सभी कायस्थ अपने नाम से पहले चित्रांश या चित्रांशी शब्द लगाएं और चंदन लगाना प्रारम्भ करें।
(10) कायस्थ-कायस्थ की निंदा कभी न करे। यदि कोई करता है, तो तार्किक विरोध करें।
(11) आरक्षण समाप्ति का मिलकर आंदोलन चलाये।
(12) जहाँ भी कायस्थों का विरोध हो, वहाँ सभी लोग मिलकर मुकाबला करें।
(13) इतिहास के सभी कायस्थ नायकों पर शोध पूर्ण लेख लिखा जाए।
(14) सभी कायस्थ प्रति दिन मंदिर जाएं एवं घर मे स्थापित भगवान श्री चित्रगुप्त जी की पूजा करें और यथाशक्ति दान करें।
(15) संगठित होकर रहे।किसी कायस्थ पर संकट आने पर मिलकर मुकाबला करें।*
(16) प्राचीन व आधुनिक शिक्षा प्राप्त करें।
(17) कैरियर पर अधिक ध्यान दें।
(18) जीविका के लिए जो भी काम मिले, ईश्वर का नाम लेकर करें।
(19) भगवान श्री चित्रगुप्त जी में आस्था रखें। भगवान श्री चित्रगुप्त जी का प्रचार प्रसार करें। सभी कायस्थ घर में भगवान श्री चित्रगुप्त जी की पूजा और आरती करें।
(20)सभी कायस्थ आपस मैं जय श्री चित्रगुप्त का संबोधन करें।
(21) सभी कायस्थ एक मंच पर एकत्र हों।
अगर आप कायस्थ है, तो इस संदेश को अपने सभी बंधुओं तक जरूर भेजे और बार बार भेजे।
कायस्थ एकता जिंदाबाद, कायस्थ एकता जिंदाबाद, कायस्थ एकता जिंदाबाद,
ऊॅऺ जय श्री चित्रगुप्त भगवान,ऊॅऺ जय श्री चित्रगुप्त भगवान,
ऊॅऺ जय श्री चित्रगुप्त भगवान,ऊॅऺ जय श्री चित्रगुप्त भगवान,
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