उत्तर प्रदेश सरकार सहित अन्य राज्यों ने पिछले दिनों संविधान के अनुच्छेद 213 अनुच्छेद 354 का खुला उल्लंघन करने की कोशिश थी जो कि नाकाम हो गई :श्याम सुन्दर कुमार

श्रमिक आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया के संघर्ष के फलस्वरूप उत्तर प्रदेश के श्रमिकों को मिली बड़ी जीत

राजेश कुमार वर्मा


उत्तर प्रदेश सरकार सहित अन्य राज्यों ने पिछले दिनों संविधान के अनुच्छेद 213 अनुच्छेद 354 का खुला उल्लंघन करने की कोशिश थी जो कि नाकाम हो गई :श्याम सुन्दर कुमार 

समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 16 म ई,20 ) । सी.आई.टी.यू. , अन्य फेडरेशन , देश के अन्य श्रमिक संघों , विभिन्न, ट्रेड यूनियनों के द्वारा चरणबद्ध आंदोलन और श्रमिकों के बुलंद आवाज तथा इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सरकार को नोटिस जारी किया l जिसके फलस्वरूप उत्तर प्रदेश सरकार को संविधान का उल्लंघन कर काम का घंटा 8 से बढ़ाकर 12 करने का आदेश वापस लेना पड़ गया l यह श्रमिकों एवं श्रमिक संघों की एकता की एक बड़ी जीत है l
उत्तर प्रदेश सरकार सहित अन्य राज्यों ने पिछले दिनों संविधान के अनुच्छेद 213 अनुच्छेद 354 का खुला उल्लंघन करने की कोशिश थी जो कि नाकाम हो गई l संवैधानिक प्रक्रिया के अनुसार राज्य सरकार को समवर्ती सूची के अधिनियम  को बदलने का अधिकार नहीं है , क्योंकि यह केंद्र सरकार के कार्य क्षेत्र के अधीन होते हैं , केंद्र सरकार भी तब यह संशोधन कर सकती है जब आपातकाल की घोषणा हुई है , अगर आपातकाल घोषित भी हो जाती है तो सशस्त्र विद्रोह होने पर ही ऐसे नियमों में बदलाव की बात कर सकती है l आपातकाल लागू होने पर भी अनुच्छेद 21 लागू रहता है जो जीने का अधिकार है l सरकार के संविधान के प्रति विश्वास , संविधान के प्रति आस्था , श्रमिकों के प्रति दुर्भावना और पूंजीपतियों के समक्ष समर्पण की भावना , सरकार के क्रियाकलाप को कमजोर होना आदि कारण है , जो श्रम कानूनों को बदलने की कोशिश को बढ़ावा दिया है l
संविधान और श्रमिकों के प्रति सरकार का तानाशाही पूर्ण फैसला यह जाहिर करता है कि सरकार अमानवीय हो चुकी है l अगर केंद्र और राज्य सरकारें मजदूरों की मदद नहीं कर सकता है तो कम से कम उत्पीड़न न करें , इस कोरोना वायरस के संकट के समय में श्रमिकों की जो त्रासद स्थिति है उसके लिए सिर्फ केंद्र सरकार जिम्मेदार हैं , जिन्होंने मात्र 4 घंटे का समय देकर अखिल भारतीय तालाबंदी को लागू किया l अगर केंद्र सरकार भी श्रमिकों के लिए बने कानूनों को खत्म करने का अध्यादेश लाने की कोशिश करती है , या लाती है , तो उसके खिलाफ भी सी.आई.टी.यू. आंदोलन करेगा, और श्रमिकों को जागृत कर केंद्र सरकार के खिलाफ एक बड़ा जन आंदोलन चलाएगा तथा न्यायिक प्रक्रिया के द्वारा भी चुनौती दीया जाएगा l और सरकार के मनमानी और तानाशाही को परास्त किया जाएगा l श्रमिकों को प्रदत्त संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकार और जीवन के सुरक्षा के लिए सी.आई.टी.यू. हर संभव प्रयास करेगा l
सी.आई.टी.यू. के आह्वान पर 22 मई 2020 को देशभर में गांधी मूर्ति के समक्ष सुबह 11:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक सामूहिक उपवास का कार्यक्रम , श्रम कानून का निलंबन प्रवासी मजदूरों की समस्या ,कोरोना सुरक्षाकर्मी की सुरक्षा स्वास्थ्य सुविधा आदि मांगों को लेकर आंदोलन का यह कार्यक्रम तय किया गया है । उपरोक्त जानकारी श्याम सुंदर कुमार कोषाध्यक्ष 
सी.आई.टी.यू. जिला कमेटी समस्तीपुर के द्वारा वाट्सएप माध्यम से प्रेस को दिया गया है । 
समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित । 
Published by Rajesh kumar verma

Comments

Popular posts from this blog

महज सोलह दिनों में छह रेल सिग्नल-कर्मचारी कार्य करते हुए हो गए रन-ओवर

पुलवामा अटैक में शहीद हुए जवानों को ब्लड फ़ोर्स टीम के सदस्यों द्वारा दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

दो दिवसीय इंटरनेशनल सेमिनार का आयोजन विद्या शोध संस्थान संस्कृति विभाग द्वारा किया गया आयोजित