बिहार में उस समय मानवता ताड़- ताड़ हो गई जब मेहनाज प्रसव पीड़ा से छटपटा रही थी और बुलावे पर भी न कोई रेल अधिकारी और न ही डाक्टर महिला की सुधी ली, फलस्वरूप दर्द से तड़पते महिला को यात्रियों ने सहयोग देकर बोगी में ही कराया प्रसव
बिहार में उस समय मानवता ताड़- ताड़ हो गई जब मेहनाज प्रसव पीड़ा से छटपटा रही थी और बुलावे पर भी न कोई रेल अधिकारी और न ही डाक्टर महिला की सुधी ली, फलस्वरूप दर्द से तड़पते महिला को यात्रियों ने सहयोग देकर बोगी में ही कराया प्रसव
ट्रेन 40 मिनट रूकी रही पर कोई चिकित्सक महिला को देखने नहीं पहुंचे । आरा- दानापुर के बीच यात्रियों ने महिला का कराया प्रसव, जच्चा व बच्चा स्वस्थ ।
ऐपवा नेत्री बंदना सिंह
श्रमिक स्पेशल ट्रैन में अपने बच्चे को गोद में रखी हुई मेहनाज
पटना/समस्तीपुर,बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन 20 मई, 20 ) । देश में मात्र व्यवसाय नहीं बल्कि मानव कल्याण के तौर पर पहचाने जाने वाला रेलवे में उस समय मानवता ताड़- ताड़ हो गया जब मेहनाज प्रसव पीड़ा से छटपटा रही थी और बुलाने पर भी न कोई अधिकारी और न ही डाक्टर महिला की सुधी ली फलस्वरूप दर्द से तड़पते महिला को यात्रियों ने सहयोग देकर बौगी में ही प्रसव कराया ।
विदित हो कि सीतामढ़ी के धर्मपुर निवासी मो० असलम सूरत के कपड़ा फैक्ट्री में काम करता था. लाकडाउन में फैक्ट्री बंद हो गई । वे सपरिवार श्रमिक स्पेशल ट्रैन से घर लौट रहे थे। दानापुर ट्रेन पहुंचते ही परिजन ने रेलकर्मी को इसकी जानकारी दी । ट्रेन 40 मिनट रूकी रही पर कोई चिकित्सक महिला को देखने नहीं पहुंचे । आरा- दानापुर के बीच यात्रियों ने महिला का प्रसव कराया । बच्चा व जच्चा स्वस्थ थीं । आश्चर्य है समस्तीपुर में भी महिला की सुधी नहीं ली गई ।
मानवता को झकझोरती इस घटना पर कड़ी टिप्पणी करते हुए ऐपवा जिलाध्यक्ष सह भाकपा माले नेत्री बंदना सिंह ने कहा कि यह घटना नफरत की राजनीति का हिस्सा हैं. पीड़िता यदि मेहनाज के जगह मोहिनी रहती तो पूरा रेल महकमा एक टांग पर खड़ा हो जाता. भक्तगण तो समस्तीपुर भाया पटना- दिल्ली तक को हिला देते । महिला नेत्री बंदना ने इस घटना की तत्काल जांच व दोषियों पर कारबाई की मांग की है । उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि ऐपवा इस मामले को रेल अधिकारी से लेकर महिला आयोग तक जाएगी ताकि भविष्य में महिलाओं के साथ अन्याय रोका जा सके । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित । Published by Rajesh kumar verma
ट्रेन 40 मिनट रूकी रही पर कोई चिकित्सक महिला को देखने नहीं पहुंचे । आरा- दानापुर के बीच यात्रियों ने महिला का कराया प्रसव, जच्चा व बच्चा स्वस्थ ।
ऐपवा नेत्री बंदना सिंह
बुलावे पर भी नहीं आए डाक्टर, ट्रेन में प्रसव पीड़ा से तड़प रही मेहनाज का यात्रियों ने कराई डिलीवरी, घटना की जांच व कारबाई हो- बंदना सिंह
समस्तीपुर कार्यालय रिपोर्ट
घटना नफरत की राजनीति का हिस्सा, मामले को रेल अधिकारियों से लेकर महिला आयोग तक ले जाएंगी ऐपवा
श्रमिक स्पेशल ट्रैन में अपने बच्चे को गोद में रखी हुई मेहनाज
पीड़िता मेहनाज के जगह मोहिनी होती तो समस्तीपुर से पटना- दिल्ली तक हिल जाता रेल विभाग
पटना/समस्तीपुर,बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन 20 मई, 20 ) । देश में मात्र व्यवसाय नहीं बल्कि मानव कल्याण के तौर पर पहचाने जाने वाला रेलवे में उस समय मानवता ताड़- ताड़ हो गया जब मेहनाज प्रसव पीड़ा से छटपटा रही थी और बुलाने पर भी न कोई अधिकारी और न ही डाक्टर महिला की सुधी ली फलस्वरूप दर्द से तड़पते महिला को यात्रियों ने सहयोग देकर बौगी में ही प्रसव कराया ।
विदित हो कि सीतामढ़ी के धर्मपुर निवासी मो० असलम सूरत के कपड़ा फैक्ट्री में काम करता था. लाकडाउन में फैक्ट्री बंद हो गई । वे सपरिवार श्रमिक स्पेशल ट्रैन से घर लौट रहे थे। दानापुर ट्रेन पहुंचते ही परिजन ने रेलकर्मी को इसकी जानकारी दी । ट्रेन 40 मिनट रूकी रही पर कोई चिकित्सक महिला को देखने नहीं पहुंचे । आरा- दानापुर के बीच यात्रियों ने महिला का प्रसव कराया । बच्चा व जच्चा स्वस्थ थीं । आश्चर्य है समस्तीपुर में भी महिला की सुधी नहीं ली गई ।
मानवता को झकझोरती इस घटना पर कड़ी टिप्पणी करते हुए ऐपवा जिलाध्यक्ष सह भाकपा माले नेत्री बंदना सिंह ने कहा कि यह घटना नफरत की राजनीति का हिस्सा हैं. पीड़िता यदि मेहनाज के जगह मोहिनी रहती तो पूरा रेल महकमा एक टांग पर खड़ा हो जाता. भक्तगण तो समस्तीपुर भाया पटना- दिल्ली तक को हिला देते । महिला नेत्री बंदना ने इस घटना की तत्काल जांच व दोषियों पर कारबाई की मांग की है । उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि ऐपवा इस मामले को रेल अधिकारी से लेकर महिला आयोग तक जाएगी ताकि भविष्य में महिलाओं के साथ अन्याय रोका जा सके । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित । Published by Rajesh kumar verma
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