लॉकडाउन का पालन करते हुए ईद की मार्केटिंग इस साल नहीं करे भीड़ बढ़ेगी तो बीमारी भी बढ़ेगी :सैयद शहबाज़ रेज़ा

लॉकडाउन का पालन करते हुए ईद की मार्केटिंग इस साल नहीं करे भीड़ बढ़ेगी तो बीमारी भी बढ़ेगी :सैयद शहबाज़ रेज़ा
               छात्र नेता सैयद शहवाज रेजा

एस०एम०जमील की रिपोर्ट 

 ईद की खरीददारी छोड़ कर खाने का सामान खरीदे और अपने पड़ोसियों का भी ख्याल रखें कोई भूखा नहीं सोये और भूख से किसी कि मौत भी नहीं हो ।

समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 08 मई, 20 )। इस्लाम मज़हब का पवित्र महीना रमज़ान है । यह महीना शाबान के महीना खत्म होने के बाद शूरू होता । इस माह में लोग खूब कसरत से इबादत करते हैं रोज़ा रखते हैं तराविह की नेमाज़े भी पढ़ते हैं ।इस माह कि ख़्वासियत यह हैं कि मोमिन अपने गुनाहों की तौबा अल्लाह से करते हैं । ये बातें आर एन ए आर कॉलेज समस्तीपुर के पूर्व छात्र नेता सैयद शहबाज़ रेज़ा ने कही । उन्होंने आगे कहा कि लेकिन इस वर्ष पूरी दुनिया कोरोना जैसी बिमारी की चपेट में आगयी है जिस कारणवश रोज़ेदारों को इबादत करने में कठिनाइयां हो रही हैं क्योंकि मस्जिद में भीर लगाने पर पाबंदी लगा दी गई है सरकार के द्वारा और इस्लामिक धर्म गुरूओं के द्वारा भी यह अपील की गई है हदीस के अनुसार के मस्जिद में अज़ान देना बन्द नहीं करें और नमाज़ पाँच लोगों से ज्यादा नहीं पढ़ें । चूंकि पूरे भारत में पूरी तरह से लॉकडाउन लागू है तो पूरे भारत वासियों का यह फर्ज़ है कि सरकार के द्वारा लगाये गए लॉकडाउन को अपनाये क्योंकि इस बीमारी का एक ही ईलाज है शारीरिक दूरी आप सामाजिक दूरी नहीं शारीरिक दूरी बनायें, इसी शारिरीक दूरी से ही कोरोना जैसी बीमारी कम होगी ।
   आगे ऊन्होंने कहा कि इस महीना को तीन दशक में बाँटा गया है पहला दशक रहमत का जिसमें अल्लाह अपने बन्दों पर रहम करते हैं और अल्लाह कहतें जो मांगना हैं मांगो मेरा दरवाज़ा खूला हूआ है अब पहला दशक खत्म हो चूका है । अब दूसरा दशक शूरू हो चूका है यह दशक बरकत का है जिसमें अल्लाह हर एक चीज़ में बरकत देता है चाहे वो पैसा हो या कुछ भी सब में अल्लाह बरकत देता है और तीसरा दशक मग़फिरत का है यह दशक सबसे महत्वपूर्ण है जिसमें अल्लाह अपने बन्दों के गुनाहोंं को माफ़ करता है और इसी दशक में लोग इत्तेक़ाफ में बैठते हैं इत्तेकाफ का मतलब ही होता है सबकुछ छोड़ के अल्लाह के याद में लग जाना और अपना, अपने परिवार और समाज के लिए अल्लाह से दुआ करना | इस बार इत्तेकाफ में बैठने वाले लोगों से अपील है खासकर कोरोना जैसी बिमारी को खत्म होने के लिए दुआ करें ।
    उन्होंने आगे कहा के रमज़ान के खत्म होते ही ईद का त्यौहार मनाया जाएगा और यह मुसलमानों का बहुत बड़ा त्यौहार है लेकिन इस बार यह त्यौहार लॉकडाऊन में ही मनाने की उम्मीद है दूआ कीजिए यह बीमारी 17मई से पहले ही खत्म हो जाये लेकिन अगर 17 मई के बाद लॉकडाउन को बढ़ाया जाता है तो ईद कैसे मनाया जाएगा..? इसके लिए मौलाना लोग क्या सलाह देते हैं उनका इंतेज़ार करना होगा क्योंकि धर्म कि जानकारी मौलानाओं के पास ही होती है । मैं अापसे एक विनती करता हूँ की इस बार ईद की खरीददारी नहीं करें क्योंकि आपके खरीददारी से बाज़ार में भीड़ बढ़ेगी और बीमारी भी बढ़ेगी यह बीमारी आपके लिए भी घातक हो सकता है और जान भी जा सकती है । आप अपने पैसों को बचा के रखें और खाने का ही सामान खरीदें क्योंकि यह बीमारी बढ़ती जा रही है तो लॉकडाऊन भी बढ़ सकता है ।  इस लिए ईद की खरीददारी छोड़ कर खाने का सामान खरीदे और अपने पड़ोसियों का भी ख्याल रखें कोई भूखा नहीं सोये और भूख से किसी कि मौत भी नहीं हो ।  समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा एस० एम० जमील की रिपोर्ट सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma 

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