गोवर्धन : पहले डकैती का मुकद्दमा लिखा और नामजद आरोपियों को थाने में बिठाया फि बसूली कर छोड़ दिये

गोवर्धन : पहले डकैती का मुकद्दमा लिखा और नामजद आरोपियों को थाने में बिठाया फिर बसूली कर छोड़ दिये



 डॉ० केशव आचार्य गोस्वामी ब्यूरो रिपोर्ट

गोवर्धन/मथुरा,उत्तरप्रदेश ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 07 मई, 20 ) । कोरोना महामारी के चलते अधिकारियों का ध्यान थाने चौकियों पर हो रही लूट पर किसी का नही है जिससे लम्बे समय से थाने चौकियों पर जमे निरीक्षक उपनिरीक्षक निरंकुश हो गए हैं, उनको यह भलीभांति पता है कब उनको जाना पड़ जाए कोई गारण्टी नही है तो मौका मिला है क्यों न माल एकत्र कर लिया जाए इसी कड़ी में गोवर्धन थाने में डकैती जैसी धाराओं में सहजता से मुकदमा दर्ज कर नामजद आरोपियों को अड़तालीस घंटे हिरासत में रखने के उपरांत सुविधा शुल्क केकर विना कोई विधिक कार्यवाही किये छोड़ दिये जाने से एक बार थाना पुलिस की कार्यगुजारियों पर चर्चाओं का बाजार गर्म है।

बहादुर सिंह पुत्र घनश्याम सिंह निवासी नीमगांव थाना गोवर्धन ने विगत दिनांक 2 मई को अपने ही गांव के सात नामजद आरोपियों के विरुद्ध डकैती जैसी संगीन धाराओं में तहरीर दी जिस पर पुलिस ने सहजता से अपराध संख्या 148 सन 2020 धारा 395,452,323,504,506 आईपीसी के तहत कन्हैया, बृजन, हरिश्चन्द्र पुत्रगण राधाचरन व मुकेश, बॉबी,मानो पुत्रगण कन्हैया एक व्यक्ति अज्ञात के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करली जबकि तमाम फरियादी ऐसे हैं जिनकी तहरीर लेकर भी मुकद्दमा दर्ज नही किये जा रहे हैं ।
 इस बात की सूचना मिलने पर विपक्षी पार्टी से भी नामजद बॉबी पुत्र कन्हैया हरीशचंद पुत्र राधाचरन एक अन्य नामजद गोवर्धन थाने क्रॉस रिपोर्ट दर्ज कराने पहुँच गए।
सूत्रों के अनुसार थाना पुलिस ने उक्त तीनों नामजदों  को थाने में बैठा लिया गया करीब अड़तालीस घण्टे उक्त लोगों के विरुद्ध कोई भी विधिक कार्यवाही नही की गई और राजनैतिक हस्तक्षेप व साठ गाँठ हो जाने के बाद उक्त तीनों नामजदों को विना कार्यवाही किये थाने से छोड़ा गया तो बाजार में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया कि उक्त लोग निर्दोष थे तो अड़तालीस घण्टे हिरासत में क्यो रखे गए और दोषी थे तो फिर चालान कर क्यों कोर्ट में पेश किया गया।


उक्त पूरे प्रकरण में आरएसएस के नेता के अलावा जिले के एक मंत्री की भूमिका भी बताई जा रही है, के अलावा पूर्व एसरसपी शलभ माथुर के साथ भी आरोपियों के फोटू फेसबुक पर धमाल किये हुए हैं।
सूत्रों के अनुसार उक्त नामजद आरोपियों को थाने से छोड़ने की एवज में पुलिस ने पचास हजार रुपये लिए हैं ।
उक्त प्रकरण की सूचना आलाधिकारियों को मिली तो जांच हेतू एसपी देहात विगत रात्रि गोवर्धन थाने पहुँचे उसके बाद आज पुनः गोवर्धन थाने पहुँचे लेकिन यहां भी आरएसएस के उन्ही नेताओं और उनके गुर्गों ने मामले को रफा दफा करा दिया वताया सूत्रों की माने तो उक्त प्रकरण में थाना प्रभारी गोवर्धन के रिश्तेदारों तक ने हस्तक्षेप कर माल पैदा किया है।


मामला रुपये कितने लिए नही लिए किसने सिफारिश की कौन कौन शामिल हैं वो नही है बात यह है कि लॉक डाउन में अधिकांश अधिकारी कोरोना को रोकने में लगे हैं अधीनस्थों पर कोई ध्यान नही दिया जा रहा किसी को सजा मिलने की उम्मीद नही है जिसका फल यह है कि पुलिस निरंकुश हो गई और एक सूत्रीय कार्यक्रम में लगी हुई है राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट बदली जब हो जाएगी तो फिर कैसे होगी लूट। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा डॉ० केशव आचार्य गोस्वामी की रिपोर्ट सम्प्रेषित । 
Published by Rajesh kumar verma

Comments