प्रारंभिक शिक्षक बहाली में डीएलएड की प्राथमिकता का मुद्दा ट्विटर ट्रेंडिंग में रहा

प्रारंभिक शिक्षक बहाली में डीएलएड की प्राथमिकता का मुद्दा ट्विटर ट्रेंडिंग में रहा

अमित कुमार की रिपोर्ट 

समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 03 मई,20 ) । बिहार में एक लाख प्रारंभिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पिछले वर्ष प्रारम्भ हुई थी। हज़ारों नियोजन इकाई में आवेदन के बाद मेधा सूची निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी थी। मेधा सूची प्रक्रिया के दौरान ही डीएलएड को प्राथमिकता दे दिया गया। जिससे कि बीएड अभ्यर्थियों में सरकार के प्रति रोष उत्पन्न हो गया।बीएड अभ्यर्थी ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसी बीच फिर NIOS के मुद्दे पर शिक्षक भर्ती को बिहार सरकार के द्वारा रोक दिया गया। ऐसे में कई महीने बीतने के पश्चात भी इसपर ठोस निर्णय नहीं आने के कारण बहाली में प्राथमिकता को हटाते हुए बहाली पुनः प्रारंभ करने के मुद्दे को लेकर शनिवार को राज्य के बीएड शिक्षक अभ्यर्थी द्वारा ट्विटर कैंपेन चलाया गया है। शिक्षक भर्ती के इस मुहिम को ट्विटर पर हजारों से लोगों का समर्थन हासिल हुआ । पूरे दिन यह मुद्दा बिहार में ट्रेंडिंग करते रहा। बीएड स्टूडेंट्स एसोसिएशन के संयोजक सुधीर कुमार सिंह ने सरकार पर जान बूझकर डीएलएड प्राथमिकता देकर मामलें को अटकाने का आरोप लगाते हुए कहा की सरकार बहाली को लेकर एनसीटीई के नियमों के प्रति गंभीर नहीं दिख रही है। अभ्यर्थियों का यह कहना था कि सरकार को एनसीटीई के गाइडलाइन को मांगना चाहिए। बतातें चले कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के आलोक में राज्य में छात्र - शिक्षक अनुपात 30:1 होनी चाहिए,लेकिन बिहार में शिक्षकों के  लाखों पद रिक्त हैं और सरकार इसके प्रति गम्भीर नहीं है। सरकार की उदासीनता से राज्य के बच्चों के शैक्षिक अधिकार का हनन हो रहा है। बिहार के छात्र गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने से वंचित होते जा रहें। उज्ज्वल , उतपलकान्त ,गौरव सुजीत, हरिओम, राजेश, वर्षा रानी, नंदिता आदि हजारों अभ्यर्थियों ने सरकार से अपील किया है कि अब शिक्षा विभाग के कार्यालय खुल रहें हैं तो राज्य सरकार को शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को डीएलएड की प्राथमिकता हटाते हुए आगे बढ़ाने पर शीघ्र विचार करनी चाहिए। सरकार की उदासीनता इसी तरह से जारी रही तो लॉक डाउन समाप्ति उपरांत बीएड शिक्षक अभ्यर्थी मजबूर होकर सड़क पर उतरने को बाध्य हो सकते हैं। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा अमित कुमार की रिपोर्ट सम्प्रेषित ।
 Published by Rajesh kumar verma

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