भगवान महात्मा बुद्ध जी के प्रादुर्भाव / जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं


भगवान महात्मा बुद्ध जी के प्रादुर्भाव / जयंती की  हार्दिक शुभकामनाएं



कलियुग में अहिंसा परमोधर्म  सिद्धान्त के प्रतिपादक
भगवानश्रीबुद्ध के प्रादुर्भाव -दिवस पर
श्रीबुद्ध भगवान को कोटि -कोटि प्रणाम

                                               महात्मा गौतम बुद्ध



                              जाने महात्मा बुद्ध को
समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन 07 मई,20 )
श्रीगीताजी में- बुध अथवा बुद्ध की अवस्था का बहुत विस्तार उपलब्ध है| जिसमें बुध अथवा बुद्ध की अवस्था का विस्तार- युक्त, स्थिर, स्थिर-बुद्धि, योगी, विषयातीत तथा इन्द्रियातीत/इन्द्रियजीत आदि संज्ञाओं के द्वारा किया गया है| संक्षिप्त में-
बुद्धियुक्तो जहातीह उभे सुकृतदुष्कृते | (श्रीगीताजी-२/५०)
यस्मान्नोद्विजते लोको लोकान्नोद्विजते च यः |
हर्षामर्षभयोद्वेगैर्मुक्तो यः स च मे प्रियः || (१२/१५)
अर्थात-
जो पुरुष, पुण्य और पाप दोनों (के फल) को त्याग देता है, वह सम-बुद्धि, (अर्थात-बुध/बुद्ध) कहलाने योग्य होता है|(२/५०) जिससे कोई भी जीव उद्वेग को प्राप्त नहीं होता और जो स्वयं भी किसी जीव से उद्वेग को प्राप्त नहीं होता; तथा जो हर्ष, अमर्ष, भय और उद्वेग आदि से रहित है, वह (बुद्ध, स्थिर-बुद्धि के गुणों से युक्त) भक्त मुझको प्रिय है (१२/१५)|
कृषी निरावहिं । 
समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित ।

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