त्याग एवं मर्यादा को अक्षुण्ण रखनें सदैव तत्पर आदर्श नारीशक्ति की प्रतीक हैं-माँ जानकी : प्रो०प्रेम

त्याग एवं मर्यादा को अक्षुण्ण रखनें सदैव तत्पर आदर्श नारीशक्ति की प्रतीक हैं-माँ जानकी : प्रो०प्रेम

                                             प्रो० प्रेम

प्रो० प्रेम ने बिहार सरकार से माँग की है कि बिहार के स्कूली पाठ्यक्रम में रामायण को पुनः शामिल करना चाहिए ताकि बच्चों को अपने महापुरुष के बारे में जानकारी मिल सके। तथा केन्द्र सरकार से माँग किया है कि जानकी नवमी को" राष्ट्रीय महिला दिवस "के रुप में मनाने का निर्णय लेना चाहिए।
                                     पूजा अर्चना करते प्रो० प्रेम


राजेश कुमार वर्मा की रिपोर्ट 

समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 01 मई,20 ) । आज सम्पूर्ण विश्व में त्याग और  शक्ति की प्रतीक मां जानकी नवमी पर्व मनाया जा रहा है। इसी क्रम में मिथिला शिक्षा मंच (सम्बद्ध अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद् )तथा मिथिला मंथन के संयोजक प्रो पी के झा प्रेम ने अपने शाहपूर पगड़ा स्थित आवास पर लॉक डाउन और सोशल डिस्टेंस के नियमों का अनुसरण करते हुए माँ जानकी जन्मोत्सव मनाया। 

                         मॉं जानकी की अराधना करते प्रो० प्रेम

इस अवसर पर विधिवत पं हरिशंकर झा के निर्देशन में माँ के दरबार में पूजा अर्चना एवं प्रसाद वितरण भी किया। प्रो० प्रेम ने बताया कि आज जब पूरा विश्व में मानव मूल्यों का क्षरण हो रहा हैं, वहाँ माँ जानकी के रुप हम मिथिला वासियों को गर्व हैं कि जिन्होंने त्याग और शक्ति बल के द्वारा प्रभू राम को मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के रूप में स्थापित किया है। हम प्रेरणा लेकर पुनः भारत को विश्व गुरु और अपने समाज में राम राज स्थपित कर सकते हैं। 

             

अभी दूरदर्शन पर रामायण सिरियल का प्रसारण कर भारत सरकार  समाज में, परिवार में  खास कर छोटे बच्चों में संस्कृति और संस्कार के प्रति निष्ठावान होने में सहयोग किया है। अतः वो बधाई क पात्र  है। इसके साथ ही  प्रो० प्रेम ने बताया कि -आज सवेरे से बड़ो से ज्यादा बढ़ चढ़ कर दो प्यारे बच्चे ईरा(5वर्ष)और गन्नू 03वर्ष) पूजा अर्चना में शामिल हुए। सोशल डिस्टेंस के नियमों का अनुसरण करते हुए परिवार के अन्य सदस्य भी शामिल हुऐ हैं। इस अवसर पर प्रो० प्रेम ने बताया कि अपने घर के  अतिरिक्त  अन्य पदाधिकारी भी जानकी नवमी का आयोजन अपने अपने घरों पे किया। जिनमें प्रमुख डा० उमेश कान्त चौधरी (अनु० अध्यक्ष), प्रो,सत्यसंघ्  भारद्वाज (अध्यक्ष, ग्रामीण मंडल) डॉ०, सत्यनारायण महतो (संरक्षक)अरुण कुमार चौधरी (अध्यक्ष नगर )शंभु महतो (अजनौल पंचायत अध्यक्ष) आदि जगहों पर सोशल डिस्टेंस के नियमों का अनुसरण करते हुए किया ।  इस मौके पर प्रो० प्रेम ने बिहार सरकार से माँग की है कि बिहार के स्कूली पाठ्यक्रम में रामायण को पुनः शामिल करना चाहिए ताकि बच्चों को अपने महापुरुष के बारे में जानकारी मिल सके। तथा केन्द्र सरकार से माँग किया है कि जानकी नवमी को" राष्ट्रीय महिला दिवस "के रुप में मनाने का निर्णय लेना चाहिए। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma

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