घर पहुंचाने के एवज में प्रवासी मजदूरों का भाड़ा वसूलना घोर निंदनीय पीएम केयर फंड का पैसा आखिर सरकार क्या करेगी, उसे खर्च क्यों नहीं करती सरकार..?

घर पहुंचाने के एवज में प्रवासी मजदूरों का भाड़ा वसूलना घोर निंदनीय

पीएम केयर फंड का पैसा आखिर सरकार क्या करेगी, उसे खर्च क्यों नहीं करती सरकार..?
                                                 सुरेन्द्र प्रसाद सिंह


मजदूर विरोधी और मानवता विरोधी कदम है : सुरेन्द्र कुमार सिंह 


भाकपा-माले ने एक बार फिर मांग की है कि प्रवासी मजदूरों को 10 हजार लॉक डाउन भत्ता व 03 माह का राशन तथा मुफ्त सुरक्षित घर वापसी की गारन्टी की जानी चाहिए ।

राजेश कुमार वर्मा की रिपोर्ट 

समस्तीपुर,बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 02 मई, 20 ) । भाकपा-माले के जिला कमिटी सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा है कि प्रवासी मजदूरों से घर आने का भाड़ा वसूल करने का केंद्र सरकार का फैसला घोर निंदनीय है, मजदूर विरोधी और मानवता विरोधी कदम है ।  केंद्र सरकार यह पैसा राज्य सरकार से वसूलने की बात कह रही है, और बिहार में तथाकथित डबल इंजन की सरकार हाथ खड़ा किये हुए है. सवाल यह है कि केंद्र सरकार पीएम केयर फंड की राशि का क्या करेगी, वह प्रवासी मजदूरों को लाने और उनके इलाज पर खर्च क्यों नहीं कर रही है? केंद्र व राज्य सरकार एक - दूसरे पर फेंका फेंकी करने के बजाय प्रवासी मजदूरों के सकुशल घर वापसी की गारंटी करें। 
उन्होंने कहा कि इस विकट दौर का इस्तेमाल मोदी सरकार मजदूरों और कामकाजी हिस्से को लूटने में ही कर रही है।  सरकारी कर्मचारियों के वेतन कोरोना के नाम पर जबरदस्ती काटे जा रहे हैं, जबकि दूसरी ओर अभी भी कॉरपोरेटों पर कोई लगाम नहीं है । सरकार उन्हें छूट पर छूट दिए जा रही है. बैंक से कॉरपोरेटों द्वारा लिए गए पैसों को वसूलने की बजाय डूबने वाले खाता में डालकर एक तरह से माफ कर दिया गया है । एक ओर पूरे देश में मजदूरों के सामने घोर संकट है और सरकार दूसरी ओर नया पार्लियामेंट बनाने और प्रधानमंत्री के लिए विशेष और काफी महंगा हवाई जहाज खरीदने की योजना बना रही है. यह बेहद हास्यास्पद है ।न्होंने बिहार की डबल इंजन की तथाकथित सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब दिल्ली-पटना में भाजपा-जदयू की ही सरकार है, तो प्रवासी मजदूरों को वापस लाने में देरी क्यों हो रही है...? नीतीश कुमार और सुशील मोदी इसका जवाब दें । भाकपा-माले ने एक बार फिर मांग की है कि प्रवासी मजदूरों को 10 हजार लॉक डाउन भत्ता व 03 माह का राशन तथा मुफ्त सुरक्षित घर वापसी की गारन्टी की जानी चाहिए । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित । Published by Rajesh kumar verma

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