छपास स्टंट है नीतीश कुमार : वीआईपी मुख्यमंत्री_नीतीश_कुमार जी, बिहार की जनता जानना चाहती है – 15 साल में कितने लोगों को मिला प्रदेश में रोजगार.... ; पंकज कुमार कर्ण
छपास स्टंट है नीतीश कुमार : वीआईपी
मुख्यमंत्री_नीतीश_कुमार जी, बिहार की जनता जानना चाहती है – 15 साल में कितने लोगों को मिला प्रदेश में रोजगार.... ; पंकज कुमार कर्ण
किसी भी राज्य के लिए 15 साल कम नहीं होते हैं। इन 15 सालों में क्या नहीं हो सकता है,।
#बिहार और यहां के युवाओं के लिए क्या किया? कितने रोजगार सृजन किया.. ?
कितने लोगों को नौकरी दी ..? कितने उद्योग – धंधे लगाए गए ..?
समस्तीपुर कार्यालय रिपोर्ट
वीआईपी जिला युवा सचिव पंकज कुमार कर्ण
मुख्यमंत्री जी, आप लगातार कहते आये हैं कि प्रदेश के लोगों को पलायन की जरूरत नहीं है
समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 05 जून,2020 ) । विकासशील इंसान पार्टी के जिला युवा संगठन सचिव पंकज कुमार कर्ण ने प्रेस के माध्यम से बिहार के मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए एक ब्यान में कहां है की मुख्यमंत्री_नीतीश_कुमार जी, बिहार की जनता जानना चाहती है – 15 साल में कितने लोगों को मिला प्रदेश में रोजगार ....?
उन्होंने आगे कहां है कि किसी भी राज्य के लिए 15 साल कम नहीं होते हैं। इन 15 सालों में क्या नहीं हो सकता है, लेकिन आज बिहार की जनता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी आपसे पूछना चाहती है कि आपने #बिहार और यहां के युवाओं के लिए क्या किया? कितने रोजगार सृजन किया ..? कितने लोगों को नौकरी दी.. ? कितने उद्योग – धंधे लगाए गए.. ? मुख्यमंत्री जी, आप लगातार कहते आये हैं कि प्रदेश के लोगों को पलायन की जरूरत नहीं है। पलायन कम हुए हैं। मगर कोरोना संकट के दौरान आपके आंकड़ें के अनुसार 40 लाख लोग पलायन कर दूसरे प्रदेशों में काम कर रहे थे, मगर वास्तिवक आंकड़ें कुछ और हैं। इनमें बड़ी संख्या में मजदूर वापस बिहार लौटे हैं। अकेले दरभंगा, समस्तीपुर एंव #मिथिलांचल के जिले में बड़ी संख्या में बाहर काम करने वाले मजदूर आये हैं। तब आप कह रहे हैं कि आप उन्हें प्रदेश में ही रोजगार देंगे। अच्छी बात है। मेरा मानना है कि ये आपका छपास स्टंट है, क्योंकि बिहार में पहले से बेरोजगारी बेतहाशा है, जब 15 साल में आप उन्हें रोजगार नहीं दे पाये तो अब चुनाव में लाखों लोग को रोजगार देने चले हैं । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित ।
Published by Rajesh kumar verma
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