21 जून 2020 को सूर्य ग्रहण के अवसर पर गीत.... जिस दिन सूर्य चाॅंद के पीछे ही छिप जाए नज़र वास्तविक कोरोना तो नभ में आए..?

21 जून 2020 को सूर्य ग्रहण के अवसर पर गीत....

जिस दिन सूर्य चाॅंद के पीछे ही छिप जाए
नज़र वास्तविक कोरोना तो नभ में आए..?

उपमेन्द्र सक्सेना एड
      कुमुद -निवास'

 301, कुॅंवरपुर, बरेली

बरेली, उत्तरप्रदेश ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 20 जून,2020 ) । 

जिस दिन सूर्य चाॅंद के पीछे ही छिप जाए
 नज़र वास्तविक कोरोना तो नभ में आए।

 सूर्य ग्रहण में केवल परत बाहरी दिखती 
गोलाई में बाहर निकली ज्वाला टिकती
 आगे- पीछे चन्द्र ग्रहण की गाथा लिखती
 युग के हाथों जीवन की परिभाषा बिकती

  सूर्य ग्रहण जब मुख्य भूमिका यहाॅं निभाए
 नज़र वास्तविक कोरोना तो नभ में आए।

 सूर्य देव की पूजा से हमको मिलता बल
 बन किरीट कोरोना जीवन को दे सम्बल 
फिर क्यों लोग यहाॅं पर करते हैं इतना छल 
निकल न पाए इससे आज समस्या का हल

 पूजनीय जो बना हुआ वह हमको भाए
 नजर वास्तविक कोरोना तो नभ में आए।

भेड़ -बकरियाॅं समझ यहाॅं पर जिनको हाॅंका
 छले गए जो लोग करेंगे कब तक फाॅंका
 किसी धूर्त ने जब मानव के मन में झाॅंका
 एक वायरस को भी सूर्य देव से ऑंंका

 नकली कोरोना क्यों अब धरती पर छाए
 नज़र वास्तविक कोरोना तो नभ में आए।

 हाय वायरस बना यहाॅं पर जब कोरोना 
देखा मुकुट पिता का अब अपमानित होना 
यम को आया क्रोध पड़ा कितनों को रोना
हुआ दुःखद फिर  जीवन से हाथों को धोना

 वैदिक धर्म आज हम सबको यही बताए 
नज़र वास्तविक कोरोना तो नभ में आए ।

कोरोना के बने समर्थक अरुण देव जब
 हुए सारथी सूर्य देव के सच्चे वे तब 
कोरोना के पूजक को चिन्ताएंं हों कब
 कोरोना की तरह यहाॅं पर चमकें हम सब

 उसकी महिमा को बोलो अब कौन न गाए 
नज़र वास्तविक कोरोना तो नभ में आए।

रचनाकार-उपमेन्द्र सक्सेना एड
                 'कुमुद -निवास'
 301, कुॅंवरपुर, बरेली- 243003 (उ० प्र०) 
मो० नं०- 98379 44187

(भारत सरकार नोटरी द्वारा प्रमाणित रचना- सर्वाधिकार सुरक्षित) ! समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित । Published by Rajesh kumar verma

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