मधुबनी पुलिस उपाधीक्षक की मिलीभगत से हत्या कांड का मुकदमा को सड़क दुर्घटना में अपराधियों ने कराया तब्दील

मधुबनी पुलिस उपाधीक्षक की मिलीभगत से हत्या कांड का मुकदमा को सड़क दुर्घटना में अपराधियों ने कराया तब्दील 

जमीन हड़पने की नियत से महानंद राय को मारपीट कर हत्या कर दुर्घटना का नाम देते हुये दिया घटना की साजिश को दिया अंजाम 

मामला मधुबनी जिले के चपाही गाँव में साजिश के तहत दबंगो द्वारा जमीन पर जबरन अवैध कब्जा

समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा के साथ उजैैैन्त कुमार की रिपोर्ट

बड़े भाई के हत्यारे की गिरफ्तारी की मांग को लेकर न्याय           की गुहार लगाते हुऐ पीड़ित संजीव कुमार राय 

विगत दो वर्षों से थाना पुलिस के चक्कर काटकर थक चुके पीड़ित परिवार ने लगाई प्रेस के साथ ही वरीय अधिकारियों को प्रेस के माध्यम से गुहार 

दरभंगा/मधुबनी, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 16 जून,2020) । दरभंगा प्रमंडल के मधुबनी जिले के पुलिस उपाधीक्षक की मिलीभगत से राजनगर थाने के सोनबारी ग्राम के पास हत्या कांड को अंजाम देते हुऐ सड़क दुर्घटना में अपराधियों ने मुकदमा को कराया तब्दील । हत्यारों की धमकी से पीड़ित संजीव कुमार राय चपाही निवासी परिवार ने प्रेस से गुहार लगाते सरकार और पुलिस के आलाधिकारियों से कहा है की विगत वर्ष 24 मार्च '19 को जब महानंद राय  बाजार से घर लौट रहे थे की सोनवारी ग्राम के पास पहले से घात लगाऐ हुये अपराधियों ने बुरी तरह मार-पीट कर घायल कर दिया । जिनकी इलाज के दरम्यान पटना में मौत हो गई । बताया जाता है मारपीट की घटना को साजिश रचने के बाद उसे सड़क दुर्घटना का नाम देते हुए पूरे गाँव में हल्ला कर दिया गया कि महानंद जी दुर्घटनाग्रस्त हो गये है और इलाज के दौरान उनकी मौत हो जाती है ।  कहा जाता है कि जब पीड़ित परिवार लोग पटना पीएमसीएच में महानंद राय  का इलाज कराने हेतु आए तब वहाँ उनकी मृत्यु हो गई और वहाँ के टी ओ पी महोदय ने यह लिखकर दिया है कि की मारपीट से उनकी मौत हो गई और किसी दुर्घटना का नाम नहीं दिया गया है । जबकी मधुबनी जिले के राजनगर थाने में एफ आई आर की गई तो वहाँ कुछ अलग कहानी बना दी गई । वहाँ के पुलिस प्रशासन के अनुसार महानंद राय  की दुर्घटना से मृत्यु हुई । जब उन्होंने f.i.r. किया । उसके उपरांत थाना से आजतक किसी प्रकार की कोई भी कार्रवाई नहीं हुई  । वहीं डीएसपी श्रीमति कामिनी बाला महोदया के नजर में भी यह दुर्घटना माना जा रहा है और उन्होंने पटना पुलिस द्वारा लिऐ गए फर्दव्यान के इतर हत्या कांड को सड़क दुर्घटना मानते हुए मामले की आज तक छानबीन नहीं की ।

                राजनगर थाने में दर्ज फर्दव्यान पर नामजद 

                 आरोपी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज 

वहीं मृतक की हत्या होने का परिवार वाले दावा कर रहे हैं कि हत्या हुई है और प्रशासन उसको जबरन दुर्घटना का नाम देकर केस को उलझाने की नियत से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है ।  पीड़ित परिवार दर बदर आवेदन द्वारा शिकायत करते हुए ठोकर खाते हुए भटकते हुए थकहार कर मीडिया से संपर्क कर अपना दर्द बयां किया कि हत्या होने के कुछ समय बाद उनलोगों का जमीन जबरन हड़प लिया गया और थाना में सूचना देने के बावजूद थाना से उचित कार्रवाई नहीं की गई । वहीं आगे बताया गया है की थाना से प्रमोद कुमार सिंह नाम के पदाधिकारी जाते हैं और कब्जा करने वालों से पूछते ही उन लोगों में कहा-सुनी होती है, असमंजस की बात तब हो गई कि प्रशासन चुपचाप 144,107  धारा लगाकर शांत बैठ जाती है और दबंग लोग जमीन पर कब्जा कर आराम से घर बना लेते हैं । ताजुब्ब की बात यह है की पीड़ित परिवार को स्थानीय थाने से कोई सहायता नहीं दिया जा रहा है । वर्तमान राजनगर थानाध्यक्ष अमित कुमार साह से जब इस संदर्भ में जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन ने जानकारी मांगी तो उन्होंने कहा की 144/107 जरूर लगा दिया गया होगा आपलोग अनुुमंडल कार्यालय से पता लगाऐ वहीं से अब कुुुछ हो सकता है । वहीं हत्याकांड का मामला काफी उलझा हुआ है । इस मामले की जांच डीएसपी साहब कर रहें है । वहीं से जांच प्रतिवेदन मिलने के बाद ही किसी प्रकार की कार्यवाही की जा सकती है अगर जांच मेंं आरोपी गण दोषी करार दिए जाते है तो उन्हें अवश्य गिरफ्तार किया जाऐगा ।

             मृतक की मां एंव शोकसंतप्त पत्नी 

वहीं अपने बेटे की मौत से आहत स्व० महानंद राय जी की माता जी नीलम देवी और पत्नी त्रिवेनी देवी प्रेस को संवोधित करते हुऐ कहा की पुलिस प्रशासन आरोपियों से मिलकर नहीं कर रही है कोई कार्रवाई । पीड़ित परिवार के महिला ने प्रेस के माध्यम से वरीय अधिकारियों से लगाई गुहार । आगे बताई की साजिश के तहत दबंगो ने जमीन पर जबरन अवैध कब्जा कर लिया । महानंद रॉय का गावँ के ही राजेश साफी के साथ पूर्व में जमीनी विवाद चल रहा था, जिसको लेकर कई बार पंचायत के मुखिया, सरपंच के द्वारा महानंद राय के पक्ष में फैसला दिया गया । उसके बावजूद भी अपने दबंगई दिखाते हुए अनीता देवी पति राजेश साफी, महावती देवी, पति-स्व० बनारसी साफी, फूलो देवी, पति-स्व० पराव साफी, ललन साफी, पिता- स्व० पराव साफी, निर्मल साफी,  पिता- स्व० पराव साफी,सुशील साफी, पिता- स्व० पराव साफी, इन लोगों ने पंचायत का फैसला मानने से इनकार कर दिया साथ ही हमेशा स्व० महानंद राय जी के परिवार के साथ लड़ाई झगड़ा को अंजाम देते रहते है । इससे भी नही होता है तो हरिजन ऐक्ट में फँसाने की धमकी देना शुरू कर दिया है। अपने दबंग होने का धौंश दिखाते हुए विगत् 05 अप्रैल 2020 को जबरन जमीन पर कब्जा कर लिया, जब इसकी शिकायत थाना पर किया गया तो दबंगता दिखाते हुए प्रशासन के साथ मिलकर गाली गलौज कर भगा दिया । प्रशासन मौन बनकर रह गई। ताजुब्ब की बात है कि स्व० महानंद राय के परिवार को न समाज से इंसाफ मिला और ना ही प्रशासन से उन्होंने हर जगह अपनी शिकायत को भेजा मगर आज तक कहीं से कोई न्याय संगत फैसला नहीं दिया गया। दबंगों की प्रताड़ना को झेलते हुये स्व० महानंद राय जी की माता जी नीलम देवी और पत्नी त्रिवेनी देवी ने प्रेस के साथ हुई बातचीत में अपना दर्द बयां किया कि किस तरह उनके साथ नाइंसाफी हुई है। अब देखना है कि प्रशासन क्या कदम उठाती है। एक बेसहारा औरत को इंसाफ मिलता है या प्रशासन अवैधानिक लोगों के साथ मिलकर पीड़ित परिवार को तंगोतबाह करती है ।

      पटना में इलाज के दरम्यान हुई मौत के बाद टीओपी                           द्वारा लिए गए फर्दव्यान

वहीं इस संदर्भ में पीड़ित संजीव कुमार राय ने कहा की हत्या की मुकदमा को मिलीभगत से सड़क दुर्घटना में तब्दील कर आरोपी को खुलेआम घूमने के लिए छोड़ दिया गया है। आरोपी दिनरात फिर से धमकी देने का काम कर रहे जबकि हमलोग गांव में नहीं रहते है घरपे बुढ़ी मां के साथ चन्द महिला लोग निवास करते है । जिससे काफी भयभीत हो गए हैं। पीड़ित परिवार ने बताया कि ललन साफी, निर्मल साफी, सुशील साफी, विमल साफी, चारों के पिता परुउ साफी  सभी निवासी चपाही के साथ पूर्व से ही जमीनी विवाद चला आ रहा है । इस विवाद के कारण ही इनलोगों ने हमारे गांव के मजलूम अंसारी पिता साहिर अंसारी और रामरतन मंडल पिता स्व० ध्यानी मंडल के साथ मिलकर मारपीट की घटना को अंजाम दिया है जिससे हमारे बड़े भाई महानंद राय की इलाज के दरम्यान मौत हो गई । पटना में पुलिस ने फर्दव्यान लिए जिसमें उन्होंने मारपीट कर जख्मी कर दिया इलाज के दरम्यान मौत हुई उसकी पुष्टि की है । उस आधार पर वर्तमान थानाध्यक्ष ने टीओपी पटना के पत्रांक 715/19 दिनांक  27 मार्च 2019  के हवाला देते हुऐ राजनगर थाना में थानाकांड संख्या 115/2019 दिनांक 24 मार्च 20109 अन्तर्गत धारा 323/341/ 379/ 302/34 भा०द०वि० दर्ज करते हुऐ  आरोपी ललन साफी, पराउ साफी एंव अन्य पांच आरोपियों के विरुद्ध कांड दर्ज कर अनुसंधान प्रभारी नियुक्त करते हुऐ मुकदमा की जांच करने का आदेश दिया । लेकिन जांच अधिकारी और पुलिस उपाधीक्षक ने आरोपियों से सांठगांठ कर इस मुकदमा को सड़क दुर्घटना में तब्दील करने की साजिश रच आरोपियों को खुलेआम धमकी देने को छोड़ दिया गया है ।जिससे हमारे साथ साथ हमारे परिवार के अन्य लोग भी भयभीत है । आरोपी कहीं मुकदमा उठाने को लेकर दुसरी घटना की दुस्साहस ना कर दें ।
अब क्या समझा जाए आम जनता को प्रशासन से न्याय नहीं मिलने के कारण ही मामला कोर्ट तक पहुँचती है और वहाँ पहुंचने के बाद वर्षों बाद भी कोर्ट से न्याय मिलने के आसार नहीं रहते हैं आम जनता कहाँ जाये। मंदिर में भगवान मूर्ति बन बैठे है तो न्याय के मन मंदिर के भगवान अर्थ उगाही करने में लगे है और न्यायार्थी दहशतजदा बन डर से घर में दुबकने और न्याय के लिए दरदर ठोकर खाने को मजबूर हैं। देखना यह है की पीड़ित परिवार को कब तक  जमीन खाली करवा कर पुलिस प्रशासन या जिला प्रशासन न्याय दिलाते है । वहीं वर्तमान थानाध्यक्ष अपना पल्ला झाड़ते हुऐ एक शब्दों मेें कहते है कि ऐ मामला पुलिस उपाधीक्षक की सुपरविजन में हैं अब वो जैसा आदेश जारी करें उसपर अम्लीजामा पहनाया जाऐगा फिलहाल मुकदमा का जांच चल रहा है मुकदमा काफी उलझा हुआ लग रहा है । अब इनकी बातों से निष्पक्ष न्याय मिलना संशय बन गया है । ऐ यक्ष प्रश्न गांववासियों में चर्चा का विषय बना हुआ है । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा उजैन्त कुमार की रिपोर्ट प्रकाशित । Published by Rajesh kumar verma 

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