"पाकिस्तान संभल जाओ नहीं तो ब्लैक लिस्ट में आ जाओगे" : कवि विक्रम क्रांतिकारी

"पाकिस्तान संभल जाओ नहीं तो ब्लैक लिस्ट में आ जाओगे" : कवि विक्रम क्रांतिकारी

कवि विक्रम क्रांतिकारी (विक्रम चौरसिया -अंतरराष्ट्रीय चिंतक ) दिल्ली विश्वविद्यालय/आईएएस अध्येता /मेंटर

समस्तीपुर कार्यालय 

आखिर फिर से आतंक पर लगाम लगाने में नकाम रहने के कारण पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखा गया है

नई दिल्ली, भारत ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 25 जून,2020 ) । आखिर फिर से आतंक पर लगाम लगाने में नकाम रहने के कारण पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखा गया है । जैसा कि हम जानते हैं कि पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतें करने से बाज नहीं आ रहा है इस बार फिर ग्रे लिस्ट मे ही रखा गया है । क्योंकी इस बार भी हमारा पड़ोसी पाकिस्तान लश्कर और जैश जैसे‌ आतंकी संगठनों को पहुंचने वाले फंडिंग पर रोक लगाने में विफल रहा इसीलिए एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में ही बना रहेगा पाकिस्तान । जैसा कि हम जानते हैं आतंकवाद को समर्थन देने के कारण ही पाकिस्तान को एफएटीएफ ने पिछले साल अक्टूबर में  ग्रे  लिस्ट में डाल दिया था , और  साथ में समय दिया गया था  पाकिस्तान को कि 27 पॉइंट एक्शन प्लान पर काम करें। लेकिन हमने देखा कि पाकिस्तान अपने नापाक हरकतों को छोड़ नही रहा है बल्की हम देख रहे हैं कि कैसे लगातार  वह लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को फंड दे रहा है ।

जबकि पाकिस्तान के आम जनता बहुत ही ज्यादा आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं । हम देख रहे हैं कि पाकिस्तान को अपने आम जनता का कोई ध्यान  नहीं है बल्कि आतंक को फैलाने में इसको मजा आ रहा है इसीलिए फिर से ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान को आतंकवाद को धन उपलब्ध होने पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने बुधवार को फिर से इसको ग्रे लिस्ट में डाल दिया ।
जैसा कि हम जानते हैं जी 07 देशों की पहल पर ही एफएटीएफ की स्थापना 1989 में हुई थी, दोस्तो यह एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है । इस संगठन के सदस्यों की संख्या 37 जिसमें भारत भी शामिल है। जैसा कि हम जानते हैं कि इसका मुख्य उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग और आंतकी फंडिंग पर लगाम लगाने में नकाम देशों की रेटिंग तैयार करना जो पहला लिस्ट तैयार करता है ग्रे और दूसरी लिस्ट ब्लैक होती है। जैसा कि हम जानते हैं जब किसी भी देश को ग्रे लिस्ट में शामिल किया जाता है तब कोई भी अंतरराष्ट्रीय संस्था ग्रे लिस्ट वाले देश को आर्थिक देने‌ से कतराती हैं ।ग्रे लिस्ट   मे आ जाने पर किसी भी देश को कर्ज  मिलने में बहुत मुश्किल होती  है ,और जो ब्लैक लिस्ट में देश आ जाते हैं उन देशों को तो आर्थिक सहायता कहीं से भी मिलने का रास्ता पूरी तरह से बंद हो जाता है। आपको बता दें कि अब पाकिस्तान की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ेगी और अगर जिस प्रकार से पाकिस्तान हरकतें करना जारी रखा है आपको बता दे कि यदि पाकिस्तान को अक्टूबर की समीक्षा के बाद ब्लैक लिस्ट कर दिया जाता तो आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक ,यूरोपीय संघ जैसे बहुपक्षीय कर्जदाता पाकिस्तान की ग्रेडिंग और कम कर देते जिसके कारण पाकिस्तान को किसी भी देश से कर्ज नहीं मिलता l  जैसा कि हम सब जानते हैं कि जून 2018 से ग्रे लिस्ट मे एफएटीएफ ने पाकिस्तान को 27 मुद्दो पर आतंक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा था लेकिन सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान इनमें से 25 मुद्दों पर करवाई करने में नाकाम रहा ,जिसमें से आतंकी संगठनों की ओर से चलाए जा रहे हैं मदरसे एनजीओ और युवाओं को दी जा रही मदद का मामला मुख्य रूप से उभर कर सामने आया है l इसीलिए फिर से पाकिस्तान को ग्रे  लिस्ट मे डाला गया हैं l आगे भी पाकिस्तान इसी तरह हरकतें करता रहा तो ब्लैक लिस्ट में भी जल्दी ही डाल दिया जाएगा। फिर पाकिस्तान का हालात क्या होगा आप समझ सकते हैं हमने भी देखा  पिछले दिनो जैसे पाकिस्तान हरकते कर रहा था और बड़ी-बड़ी बातें कर रहा था कि हम भारत को आर्थिक सहायता देना चाहते हैं जबकि उसके जनता को खाने के लिए रोटी तक नही है और हालात पाकिस्तान का बहुत ही बदतर है फिर भी बयानबाजी देने से मान नहीं रहा है l  मेरा अपील है  पाकिस्तान  से की  अपने जनता पर ध्यान दें और अपने देश को समृद्ध बनाने के लिए काम करें ना कि आतंक फैलाने और नीच हरकते करे । अपने देश को समृद्ध बनाने के लिए काम करते हुये  पूरे विश्व की कल्याण की बातें सोचे नही तो पाकिस्तान विश्व के नक्शा से  ही एक  दिन  खत्म हो जाएगा ।।
कवि विक्रम क्रांतिकारी (विक्रम चौरसिया -अंतरराष्ट्रीय चिंतक ) । दिल्ली विश्वविद्यालय/आईएएस अध्येता /मेंटर 
लेखक सामाजिक आंदोलनो से जुड़े रहे हैं व वंचित तबको के लिए आवाज उठाते रहते हैं -  स्वरचित ,मौलिक व अप्रकाशित लेख । समस्तीपुर कार्यालय 

से राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित ।

Published by Rajesh kumar verma

Comments

Popular posts from this blog

महज सोलह दिनों में छह रेल सिग्नल-कर्मचारी कार्य करते हुए हो गए रन-ओवर

पुलवामा अटैक में शहीद हुए जवानों को ब्लड फ़ोर्स टीम के सदस्यों द्वारा दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

दो दिवसीय इंटरनेशनल सेमिनार का आयोजन विद्या शोध संस्थान संस्कृति विभाग द्वारा किया गया आयोजित