"क्या क्रिकेट का हर मैच फिक्स होता है ? " : कवि विक्रम क्रांतिकारी

"क्या क्रिकेट का हर मैच फिक्स होता है ? " : कवि विक्रम क्रांतिकारी 

मैच फिक्सिंग के आरोप में लंदन से भारत लाए गए एक सट्टेबाज ने दिल्ली पुलिस को अपने बयान में दावा किया है

                                   Kavi Vikram Krantikari

क्रिकेट जैसा खेल खुद एक फिल्म की तरह ही है, जिसकी पटकथा मैच शुरू होने से पहले ही लिख दी जाती है,?

समस्तीपुर कार्यालय रिपोर्ट 

संजीव चावला ने दावा किया कि फिल्मों की तरह क्रिकेट का भी स्क्रिप्ट पहले ही लिखा जा चुका होता है l अगर ऐसा है तो सभी फेवरेट खिलाड़ी, असल में क्रिकेटर नहीं बल्कि एक्टर है? जो हम उत्सुक होकर क्रिकेट मैच टीवी पर देखते हैं, उसकी स्क्रिप्ट पहले ही कोई लिख दिया होता है..?

नईदिल्ली, भारत (जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 09 जून, 2020 )। जैसा कि पिछले दिनों मैच फिक्सिंग के आरोप में लंदन से भारत लाए गए एक सट्टेबाज ने दिल्ली पुलिस को अपने बयान में दावा किया है l दोस्तों हमने कई बार खेल के रोमांचक पलो पर बनी फिल्में देखा हैं l लेकिन मेरा सवाल है कि क्या क्रिकेट जैसा खेल खुद एक फिल्म की तरह ही है, जिसकी पटकथा मैच शुरू होने से पहले ही लिख दी जाती है l इसी तरह का दावा किया है सट्टेबाज संजीव चावला ने अगर ऐसा है तो हो सकता है कि आप भी क्रिकेट देखने से दूरी बना ले वैसे मैं तो बचपन से ही अपने भाइयों के साथ क्रिकेट खेल जरूर लेता हूं l लेकिन जिस प्रकार से मेरे भाई लोग जैसे ही मैच शुरू होता है सब लोग टीवी के साथ चिपक जाते हैं ,वह आदत मेरे में कभी नहीं रही l क्योंकि मुझे हमेशा लगता था देखने से क्या फायदा इस से अच्छा है कि हम खेल ले वही मैं करते आया हूं l क्योंकि यह सच है कि क्रिकेट अगर में हम खेलते हैं तो हमारे सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है इसलिए मैं खेलने में विश्वास करता हूं देखना ही होता है तो मूवी देखता हूं l जैसा कि संजीव चावला ने दावा किया कि फिल्मों की तरह क्रिकेट का भी स्क्रिप्ट पहले ही लिखा जा चुका होता है l अगर ऐसा है तो सभी फेवरेट खिलाड़ी, असल में क्रिकेटर नहीं बल्कि एक्टर है..? जो हम उत्सुक होकर क्रिकेट मैच टीवी पर देखते हैं, उसकी स्क्रिप्ट पहले ही कोई लिख दिया होता है l जैसा सट्टेबाज ने बोला उसके अनुसार मेरा सवाल है कि क्या क्रिकेट के मैदान पर नजर आने वाले 22 खिलाड़ी असल में एक ऐसी स्टार कास्ट का हिस्सा होते हैं, जो किसी निर्देशक के इशारे पर चौके और छक्के मारते हैं ,जैसा कि फिल्मों में होता है और मैच के आखिरी क्षणों में महत्वपूर्ण विकेट गिराकर मैच का पासा पलट दिया जाता है जैसा कि फिल्मों में हीरो के साथ होता है ? जिस प्रकार से सट्टेबाज संजीव चावला ने दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को बयान दिया है उसके अनुसार मेरा सवाल है कि क्या क्रिकेट के खिलाड़ियों को सुपरस्टार और यहां तक कि भगवान का दर्जा दिया जाता है , अगर संजीव चावला के बयान में सच्चाई है तो यह करोड़ों क्रिकेट फैंस के साथ धोखा है ,जो क्रिकेट को धर्म समझते हैं l 
दोस्तों सबसे बड़ा पाप होता है किसी के धर्म को और किसी की आस्था को चोट पहुंचाना अगर क्रिकेट मैचो के फिक्सिंग में जरा भी सच्चाई है तो सारा रोमांच, आकर्षण किसी फिल्म के पटकथा का हिस्सा जैसा है l क्या अगर ऐसा दावा किया गया सच है तो मुझे लगता है आजाद भारत के इतिहास की सबसे बड़ी धोखाधड़ी हम कह सकते हैं..? दोस्तों आप भी देखते होंगे जैसे ही मैच शुरू होता है लोग सड़कों पर लंबी-लंबी लाइनें लगा देते हैं मैं मुखर्जी नगर रहते हुए देखता हूं जिस दिन मैच होता है पूरी रोड जाम हो जाती है जबकि देखता हूं वह भी खड़ा होकर लाइन में लगा रहता है जिसका आईएएस का मुख्य परीक्षा अगली सुबह होता है वह भी दीवाना होता है मैच का गौर से देखिए तो क्रिकेट ऐसा खेल है जिसे हर धर्म हर जाति का व्यक्ति एक जैसी उत्सुकता के साथ देखता है l 
2018 में आईसीसी द्वारा एक सर्वे किया गया था जिसमें कहा गया था कि दुनिया में क्रिकेट फैंस 100 करोड़ से अधिक है इनमें 90%  भारत या उपमहाद्वीप के दूसरे देशों में रहते हैं l आईसीसी के सर्वे के मुताबिक 16 से लेकर 69 वर्ष के क्रिकेटर फैंस सबसे अधिक है जो भी हो यह सब बातें एक सट्टेबाज ने कही है सच्चाई क्या है हमें नहीं मालूम इसलिए आप क्रिकेट फैन है तो मेरे इस बात को आप खारिज कर सकते हैं l 
ध्यान से देखिए तो क्रिकेट एक खेल ही नहीं है बल्कि यह कूट- नीति का भी जरिया है . क्रिकेट के ही बहाने भारत और पाकिस्तान जैसे देश अपने विवाद हल करने की कोशिश करते रहते हैं l याद होगा आपको कुछ वर्ष पहले क्यूबा के क्रांतिकारी नेता फिडेल कास्त्रो ने भी क्यूबा  के लोगों को बेसबॉल की जगह क्रिकेट खेलने के लिए बोला था ताकि अमेरिका को जवाब दे सके क्योंकि अमेरिका  का बेसबॉल लोकप्रिय खेल है इससे अपना कूटनीतिक निशाना साधने के लिए ऐसी बातें बोला था l ध्यान से देख लो अफगानिस्तान में कई वर्षों से चले भयंकर युद्ध में भी लोगो का जीवन सामान्य करने में क्रिकेट ही बड़ी भूमिका निभाई थी और मैं भी जब भी मौका मिलता है जरूर खेलता हूं l अफगानिस्तान में तो क्रिकेट का लोग इतने दीवाने हैं कि चुनाव में हिस्सा ले या ना ले लेकिन अपनी टीम का कोई क्रिकेट मैच मिस नहीं करते हैं l भारत में इसकी शुरुआत तो अंग्रेजों ने ही किया था जो आज दुनिया के लगभग हर कोने में इसकी लोकप्रियता है भले ही दुनिया के गिने-चुने देशों में ही खेला जाता हो l
आज करोना वायरस की वजह से आईपीएल प्रभावित है इस आईपीएल में बड़ी-बड़ी कंपनियां से लेकर बड़े-बड़े दिग्गज दांवपेच लगाते हैं l आज बयान दोस्तो एक सट्टेबाज ने ही दिया तो  कहीं ना कहीं सोचने का विषय है और इस पर निष्पक्ष जांच बहुत जरूरत है अब  l मेरा सवाल यह है अब कि क्या हजारों करोड रुपए की कमाई और करोड़ों फैंस और इस चौकाचौंथ के पीछे फिक्सिंग का काला सच छिपा है, जिसके बारे में कोई बात ही नहीं करना चाहता? या फिर आरोपी खुद को बचाने के लिए क्रिकेट को बदनाम कर रहा है..?
जो भी सच्चाई हो लेकिन क्रिकेट पर लगे फिक्सिंग के दाग अब तक धुले नहीं है l  इसलिए इसका निष्पक्ष जांच हो और जब तक क्रिकेट पूरी तरह भ्रष्टाचार मुक्त नहीं हो जाएगा तब तक यह हम नहीं कह सकते कि जो टीवी पर मैच देख रहे हैं उसमें खिलाड़ियों की मेहनत ही सच में छुपी हुई है l क्या सच में सब एक दिखावा होता है और जिस मैच को हम देखते हैं वह पहले से लिखी लिखाई कहानी होती है फिल्मों जैसा..?
वैसे दोस्तों जिस सट्टेबाज संजीव चावला ने दिल्ली पुलिस को बयान दिया है वह कोई सामान क्रिकेटर सट्टेबाज नहीं है इसको भारत में लाने में पूरे विश्व वर्ष लग गए हैं l आपको 
भी याद होगा की 2010 में ललित मोदी का मामला भी सामनेे आया था l  जिन पर आईपीएल में गड़बड़ियों का आरोप लगा था. और ललित मोदी को बोर्ड से निकाल दिया गया था ,और  देश के बाहर चला गया और उसको अभी तक देश में वापस नहीं लाया जा सका है इन सब मेरे बातों से आप समझ सकते हैं कि क्रिकेट के अंदर किस तरह का खेल हो रहा है l  इस पर दोस्त त्वरित जांच करने की जरूरत है नहीं तो करोड़ों क्रिकेट के दीवाने लोगों को धक्का तो लगेगा ही साथ ही क्रिकेट के प्रतिष्ठा का भी सवाल है l 

कवि विक्रम क्रांतिकारी(विक्रम चौरसिया-अंतर्राष्ट्रीय चिंतक)
दिल्ली विश्वविद्यालय/आईएएस अध्येता /मेंटर 
लेखक सामाजिक आंदोलनों से जुड़े रहे व वंचित तबकों के लिए आवाज उठाते रहते हैं-स्वरचित मौलिक व अप्रकाशित लेख । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित।  Published by Rajesh Kumar verma 

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