अब तो राहें जुदा जुदा हो गई., हम कहीं खो गए तुम कहीं खो गई.,
प्रमोद कुमार सिन्हा
जेपी सेनानी
बेगूसराय, बिहार
बेगूसराय, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 28 जून,2020 ) ।
अब तो राहें जुदा जुदा हो गई.,
हम कहीं खो गए तुम कहीं खो गई.,
अब तो राहें जुदा जुदा हो गई.,
हम कहीं खो गए तुम कहीं खो गई.,
तनहाई अब रास आने लगी.,
तुम्हारी याद दिल से जाने लगी.,
आशा था चमन में फूल भी खेलेंगे.,
कभी ना कभी हम गले मिलेंगे.,
अब हर याद तुम्हारी बिछड़ने लगी
तन्हाई अब रास आने लगी.,
जाने किस मुकाम पर गले मिले थे.,
सपने संजोए दिल खिले हुए थे
मुस्कान पर हम फिदा हो गए.,
अरमान लिए ही विदा हो गए.,
आंसू भी सूख गए हैं आंखों से.,
सूनापन अब ना बोझिल लगती है.,
बेदर्दी सॉन्ग मुझे भाने लगी है.,
तनहाई अब रास मुझे आने लगी है.,।।
समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा
जेपी सेनानी प्रमोद कुमार सिन्हा की रचना प्रकाशित । Published by Rajesh kumar Verma
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