"बुलंद तस्वीर देखो कोरोना से जंग में आत्मनिर्भर भारत का" : कवि विक्रम क्रांतिकारी

"बुलंद तस्वीर देखो कोरोना से जंग में आत्मनिर्भर भारत का" : कवि विक्रम क्रांतिकारी 

 कवि विक्रम क्रांतिकारी (विक्रम चौरसिया-अंतरराष्ट्रीय चिंतक) दिल्ली विश्वविद्यालय /आईएएस अध्येता /मेंटर

अभी तक भारत की जरूरत की 90% जीवन रक्षक दवाएं चीन से आती है और तो और दवाएं बनाने में इस्तेमाल होने वाले सामग्री का 75% हिस्सा भी चीन से ही आता है ,साथ ही चीन 80% मेडिकल उपकरणों की सप्लाई करता है अब इसको हमें बाय-बाय करने का वक्त आ गया है l

आपको मेरे बात से हैरानी होगी कि जब 3 महीने पहले भारत में कोरोना वायरस की शुरुआत हुई तब N-95 मास्क और पीपीइ किट्स का अपने देश में नाम मात्र का उत्पादन होता था

कोरोना के खिलाफ सबसे महत्वपूर्ण हथियार मतलब मास्क बनाकर देश को आत्मनिर्भर बनाने में जुटी यह महिलाएं और साथ ही हमारा अन्नदाता जो दिन भर खेतों में मेहनत करके सभी के पेट को भर रहा है l

समस्तीपुर कार्यालय रिपोर्ट 

नई दिल्ली, भारत ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 12 जून,2020 ) ।दोस्तों प्रधानमंत्री जी अपने संबोधन में कई बार कहे की अब भारत को बनना ही होगा आत्मनिर्भर l क्यों नहीं हम इस संकट की घड़ी का फायदा उठाएं और भारत को आत्मनिर्भर बनाएं ? हमें दोस्तों लोकल पर ही जोर देने की जरूरत है ताकि अपने स्थानीय स्तर पर निर्मित उत्पादों का हम इस्तेमाल करें और हमारा उत्पादन किया हुआ वस्तु विश्व के सभी देश करें l अभी तक भारत की जरूरत की 90% जीवन रक्षक दवाएं चीन से आती है और तो और दवाएं बनाने में इस्तेमाल होने वाले सामग्री का 75% हिस्सा भी चीन से ही आता है ,साथ ही चीन 80% मेडिकल उपकरणों की सप्लाई करता है अब इसको हमें बाय-बाय करने का वक्त आ गया है l
अगर हम ध्यान से देखें तो कोरोना से जंग में आत्मनिर्भर भारत के तस्वीरें अलग-अलग जगहों से देखने को मिला है जो की मेरे दिल में बहुत सुकून पैदा किया पिछले दिनों आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मेरठ एक छोटे से गांव में महिलाओं का समूह मास्क उत्पादन कर देश को आत्मनिर्भर बनाने के मिशन में जुटी हुई है l इसी प्रकार से देश के अलग -अलग हिस्सों से तस्वीरें देखने को मिली वैसे ही हमारा भारत के गांव आत्मनिर्भर तो पहले से ही रहे हैं l लेकिन आधुनिकता ने कुछ कमी की थी जो अब फिर पूर्ण रूप से भारत आत्मनिर्भर बनने की तरफ चल दिया है l
याद रखना मेरे बात को दोस्त चीन  सिर्फ सीमाओं पर ही घुसपैठ नहीं करता है , बल्कि हमारे जीवन शैली में भी घुसपैठ करता आ रहा है l सोचिए थोड़ा कैसे हमारे जीवन में घुसपैठ कर रहा है चीन जो हम मोबाइल फोन इस्तेमाल करते हैं ,उनमें से अधिकतर मोबाइल फोन चीन ही बनाता है और तो और बहुत से एप्स भी चीन बनाता है ,और जब हम लोग दिवाली पर जो लाइट खरीदते हैं घरों में सजाने के लिए वह भी चीन ही निर्माण करता है l हम कह सकते हैं कि सुबह से शाम तक हम अपने जीवन में चीन की इस घुसपैठ का भी सामना कर रहे हैं l लेकिन जिस प्रकार से अब भारत आत्मनिर्भर बनने के तरफ प्रयासरत हैं और जिस प्रकार से तस्वीरें देखने को मिली बहुत ही सुकूनदायक है कि अब हम आत्मनिर्भर बनने के तरफ चल दिए हैं l आपको मेरे बात से हैरानी होगी कि जब 3 महीने पहले भारत में कोरोना वायरस की शुरुआत हुई तब N-95 मास्क और पीपीइ किट्स का अपने देश में नाम मात्र का उत्पादन होता था. लेकिन आज स्थिति यह है कि भारत पीपीइ और मास्क उत्पादन में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है  अब इसकी वजह से इन चीजों के लिए चीन पर निर्भरता पूरी तरह से खत्म हो चुकी है हमारा अब इसी प्रकार अन्य वस्तुओं से भी हम निर्भरता खत्म कर देंगे l दोस्तों इस वैश्विक महामारी में देश में ऐसे भी कोरोना योद्धा है, जो कोरोना को हराने के लिए चुपचाप योगदान दे रहे हैं l हम कह सकते हैं कि कोरोना के खिलाफ सबसे महत्वपूर्ण हथियार मतलब मास्क बनाकर देश को आत्मनिर्भर बनाने में जुटी यह महिलाएं और साथ ही हमारा अन्नदाता जो दिन भर खेतों में मेहनत करके सभी के पेट को भर रहा है l दोस्तों यह महिलाएं और हमारे अन्नदाता इस संकट की घड़ी में नकारात्मक सोच रखने वालों के लिए मिसाल बनी है और इस संकट के घडीे को अवसर मैं कैसे बदले यह मिसाल दे रहे हैं योद्धा l  यह योद्धा ऐसा अपने या अपने परिवार के लिए ही नहीं कर रहे हैं बल्कि इस वैश्विक महामारी में पूरे विश्व के मानव को बचाने में लगे हुए हैं l
जैसा कि मैंने पहले बोला था भारत को पूर्णरूप से अब आत्मनिर्भर बनना होगा और इसके लिए केंद्र राज्य के साथ समन्वय के साथ- साथ देश के हर एक नागरिक का भी नैतिक जिम्मेदारी है कि वह निर्देशों का पालन करते हुए देश हित में सकारात्मक पहल करें भारत को आत्मनिर्भर बनाने में अब हमें बहुत जरूरत है चीन पर निर्भरता बिल्कुल खत्म करने का या कम करने का जो आज बाजार पर ड्रैगन का कब्जा है वर्षों से अब तोड़ने का वक्त आ गया है l जब हम चीन पर से अपनी निर्भरता कम कर लेंगे या बिल्कुल खत्म कर लेंगे तभी हम लोकल पर वोकल के सपने को पूर्ण कर सकेगे l इसके लिए हमें रणनीति रूप से केंद्र और राज्य के साथ-साथ नागरिकों के बीच समन्वय बनाकर इस मिशन को  सफल करेगे l दोस्तों हम कर्तव्य, कर्मठता और कौशल के दम पर आगे बढ़ेंगे इसलिए हमें अपने कर्तव्यों का पालन करना होगा, अपने जीवन में कर्मठता लाना होगा साथ ही कौशल को निखारना होगा यही हमारे भविष्य का कुंजी भी है l दोस्तों मैं देखता हूं अक्सर की लोकतंत्र में लोग अपने अधिकारों की बात तो करते हैं कि संविधान में यह लिखा हुआ है यह मेरा अधिकार है लेकिन मुझे लगता है कहीं ना कहीं हम अपने कर्तव्यों को भूल जाते हैं l इसलिए अब हमें जरूरत है अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों का भी पालन करना और इस वैश्विक महामारी में हमें अपने कर्तव्यों का खुद से परिचय करवाना है l सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए आत्मनिर्भर भारत हम अपने सामर्थ्य अनुसार जो भी कर सकते हैं वह करने का प्रयास करेंगे और साथ ही जो भी वंचित तबका दिखे जिसको आपकी जरूरत हो और आप उसका मदद करने लायक हैं तो करने का जरूर प्रयास करें l एक बात और  जो आपका प्रतिदिन पेट भरता है मेरा कहने का मतलब हम सबका अन्नदाता जो दिनभर खेतों में चाहे धूप हो चाहे वर्षा हो चाहे वैश्विक महामारी हो हर परिस्थिति में खेतों में काम कर रहा है अपने परिवार और छोटे-छोटे बच्चों के साथ उनको मत भूल जाना आप जब भी भोजन ग्रहण करें एक बार उस अन्नदाता को जरूर धन्यवाद बोले और अगर मे कहीं भी आपको उसका बच्चा या उसका परिवार किसी तरह से परेशानी में नजर आए तो उसका अपने सामर्थ्य अनुसार मदद करने का जरूर प्रयास करें l कवि विक्रम क्रांतिकारी (विक्रम चौरसिया-अंतरराष्ट्रीय चिंतक) दिल्ली विश्वविद्यालय /आईएएस अध्येता /मेंटर  लेखक समाजिक आंदोलनों से जुड़े रहे हैं व वंचित तबकों के लिए आवाज उठाते रहते हैं- स्वरचित मौलिक व अप्रकाशित लेख l समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित ।

Published by Rajesh kumar verma

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