दबंगों के भय से तीन वर्ष से घर जमीन छोड़कर अन्यत्र निवास करते हुऐ अपने पुत्र के हत्यारे की गिरफ्तारी को लेकर न्याय के लिए भटक रहें जयकांत लाल देव अपने परिवार के साथ नहीं मिल रहा उचित न्याय

दबंगों के भय से तीन वर्ष से घर जमीन छोड़कर अन्यत्र निवास करते हुऐ अपने पुत्र के हत्यारे की गिरफ्तारी को लेकर न्याय के लिए भटक रहें जयकांत लाल देव अपने परिवार के साथ नहीं मिल रहा उचित न्याय

न्याय की मंदिर से भी आतताइयों ने खरीद लिया न्याय के साथ साथ न्याय के देवता को न्याय के मंदिर से भी नहीं मिला हत्याकांड जैसे जघन्य कांड में न्याय

न्यायाधीश ने भी पूर्ण साक्ष्य के बावजूद नहीं किया न्याय मुकदमा किया खारिज 

  न्याय की गुहार प्रेस के समक्ष करते मृतक के माता-पिता 

             पत्नी एंव छोटे छोटे बेसहारा निरीह बच्चें

     हत्यारे ने बेरहमी से किया हत्या सलित उर्फ सतीश

मृतक के तीन छोटे छोटे बच्चे हुऐ बेसहारा 

पुलिस महानिदेशक भी नहीं दिला पांंऐ पीड़ित को न्याय

समस्तीपुर कार्यालय 

दरभंगा, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 22 जून,2020 ) । दबंगों के भय से तीन वर्ष से घर जमीन छोड़कर अन्यत्र निवास करते हुऐ अपने पुत्र के हत्यारे की गिरफ्तारी को लेकर न्याय के लिए भटक रहें जयकांत लाल देव अपने परिवार के साथ । न्याय की मंदिर से भी आतताइयों ने खरीद लिया न्याय के साथ साथ न्याय के देवता को न्याय के मंदिर से भी नहीं मिला हत्याकांड जैसे जघन्य कांड में उचित न्याय । मिली जानकारी के अनुसार बताया जाता हैं की दरभंगा जिले के बहेड़ी थानान्तर्गत मट्ठाराही गांव निवासी मुखी देवी पति जयकांत लाल देव के साथ ही जयकांत लाल देव पुत्र ज्ञानचंद लाल उम्र ५७ वर्ष ने लोकतंत्र के स्वंतत्र एंव निष्पक्ष चौथे स्तंभ जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन बेव पोर्टल सोशल मीडिया से न्याय की गुहार लगाते हुऐ अपने पुत्र के हत्यारोपियों की गिरप्तारी के साथ ही न्याय दिलाने की बात कहते हुऐ अपना दुखदायी दुखड़ा प्रेस के साथ शेयर करते हुऐ कहा की विगत वर्ष 2017 में हमारे पुत्र को 17 सितम्बर 2017 की संध्या करीब 07 बजे शाम को मेरा पुत्र सलित कुमार उर्फ सतीश लाल देव अपने दो पहिया वाहन पर सवार होकर अमता भोज खाने के लिए गया । रात्रि के करीब 10.30 बजे अमता से अपने घर आने के लिए चला । परन्तु बहेड़ी - बहेड़ा सड़क मार्ग में शिवराम से आगे पुल के नीचे तकरीबन 11.30 बजे रात्रि के बीच हमारे पुत्र के साथ गांव के ही दबंग उपेंद्र मुखिया पुत्र रामाधार मुखिया, तपेश्वर मुखिया पे० उपेन्द्र मुखिया, राजेश मुखिया पे० उपेन्द्र मुखिया के साथ 05-06 अन्य अज्ञात लोगों ने मिलकर नशापान करवाकर मारपीट करते हुऐ अन्यत्र हत्या कर दिया और शव को पुलिया के नीचे लाकर फेंक दिया गया।

 घटना के दिन की शव के बरामदगी का दृश्य :फाईल फोटो

मालूम हो की एक मुकदमा के गवाही के दरमियान सलित को खुलेआम आरोपियों ने न्यायालय में ही धमकी दिया था की तुमको दो दिन के अंदर मारकर फेंक देंगे और दो -तीन दिन बाद ही हमारे परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दिया। सलित की हत्या करने की बात की जानकारी हमारे पड़ोसी नारायण मुखिया दी गई । उसके बाद आरोपियों के विरुद्ध नामजद मुकदमा स्थानीय थाने में कांड सं० 175/2017 अन्तर्गत धारा

                       मृतक का दो पहिया वाहन

147/148/149/302 भा०द०वि० दर्ज किया गया । उन्होंने आगे बताया कि हत्याकांड के आरोपियों ने थाने पुलिस को मेल में लेकर हत्या कांड का मुकदमा सड़क दुर्घटना में तब्दील करा दिया । इतना ही न्याय के देवता कहें जाने वाले न्याय के मंदिर के पुजारी भी गवाहों की बात को अनसुना कर आरोपियों के अधिवक्ता से मेल कर उचित न्याय नहीं देते हुए मुकदमा को ही खारिज कर दिया ।

                     मृतक का मोटरसाइकिल

जबकि दर्ज मुकदमा के अभिलेखों के अवलोकन करने पर प्रेस को संदेह जाता है कि पीड़ित मुखी देवी /जयकांत लाल देव को मिलने वाली न्याय में मुकदमा की खरीद फरोख्त लाखों रुपए की हुई हैं । आशंका यह भी जताया जा रहा है अभियुक्तों के अधिवक्ता ने न्याय के देवता कहें जाने वाले न्याय के पुजारी को ही खरीद लिया जिसके कारण हत्याकांड के साक्ष्य पेश करने के बावजूद भी न्याय के मंदिर की पूजा करने वाले भक्त को न्याय के मन मंदिर से उचित न्याय नहीं मिल सका है । वहीं दूसरी ओर इस घटना से आहत परिवार न्यायालय के साथ साथ पुलिस के वरीय अधिकारियों से भी गुहार लगाई लेकिन वहां से भी किसी प्रकार की सहायता या आरोपियों की गिरफ्तारी सुलभ नहीं हो सका । उल्टे स्थानीय न्यायालय ने डायरी, गवाही, पीड़ित का ब्यान इत्यादि को नजरअंदाज करते हुऐ मुकदमा खारिज करने की अभियुक्त के पक्ष में करने की साजिश रची और अभियुक्त को खुलेआम धमकी देने को खुला छोड़ दिया । हत्याकांड के मुकदमे की सुनवाई समाप्त होते ही अभियुक्तों ने खुलेआम गांव समाज से कहने लगा की हमारे पास रूपया है । मेरा क्या बिगाड़ लिया । प्रशासन के साथ साथ न्यायालय को भी खरीद सकते है । इतनी सामर्थ्य है । जाऐं आगे कहां जाना हैं । मालूम हो की सड़क दुर्घटना में अगर मृतक की मृत्यु होती तो उसकी मोटरसाइकिल यथावत अवस्था में नहीं होती ।।मुख्य बात गौर फरमफरमाने लायक है। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गंभीर चोट शरीर के सीने इत्यादि में दर्ज नहीं होती । आशंका प्रवल है की मृतक की हत्या कर शव को यथास्थिति में रखने और साक्ष्य छुपाने की भरपूर कोशिश की गई । जिसके कारण ही महिला परिवार वालों के लाख मना करने के बाबजूद भी शव के अंतपरीक्षण बाद दाह संस्कार में पुलिस को मेल में लेकर आरोपियों के साथ ग्रामीण ने जल्दबाजी में मृतक के शव का अंतिम संस्कार कर दिया । वाजे है की पीड़ित जयकांत लाल देव के मृतक पुत्र की जवान विधवा बहू के साथ साथ तीन छोटे छोटे बच्चे बेसहारा हो गए है । अपने पुत्र को मिले न्याय को लेकर तीन वर्ष बाद थकहार कर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ से न्याय दिलाने की बात करतें हुए अपने पुत्र के हत्यारे की गिरफ्तारी की बात करते हुऐ अपने गृह घर को दबंगों से छुटकारा( हासिल) दिलाने के साथ ही करवाने की गुहार लगाया है । अब देखना है की देश के निवासियों के शुभचिंतक सरकार देश के पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का काम करती है या सच बात लोगों के साथ ही शासन प्रशासन को कहें जाने पर कार्यवाही करती हैं । आरोपियों के साथ साथ स्थानीय पुलिस प्रशासन से जानकारी लेने हेतू भरसक प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो सकने के कारण प्रशासनिक स्तर की जानकारी नहीं मिल सका है । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा साथ में दरभंगा ब्यूरो चन्दन कुमार मिश्रा द्वारा प्रकाशित । 

Published by Rajesh kumar Verma 

Comments

Popular posts from this blog

महज सोलह दिनों में छह रेल सिग्नल-कर्मचारी कार्य करते हुए हो गए रन-ओवर

पुलवामा अटैक में शहीद हुए जवानों को ब्लड फ़ोर्स टीम के सदस्यों द्वारा दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

दो दिवसीय इंटरनेशनल सेमिनार का आयोजन विद्या शोध संस्थान संस्कृति विभाग द्वारा किया गया आयोजित