"आज खतरे में है अमेजन " : विक्रम क्रांतिकारी

"आज खतरे में है अमेजन " : विक्रम क्रांतिकारी

                                             कवि विक्रम क्रांतिकारी

       दिल्ली विश्वविद्यालय/आईएएस अध्येता /मेंटर

अमेजन के जंगल दुनिया का सबसे बड़ा जैविक क्षेत्र है

दोस्तों अमेजन जैविक क्षेत्र में 3 करोड़ 30 लाख इंसान भी रहते हैं

यहां पेड़ पौधों और जानवरों की सबसे अधिक प्रजातियां रहती हैं

समस्तीपुर कार्यालय रिपोर्ट

दोस्तों आग लगने , जंगलों की कटाई और अब कोरोना वायरस के कारण खतरे में है आज अमेजन ध्यान से देखें तो जब से करोना वायरस ने ब्राजील पर हमला बोला है , तबसे ब्राजील के अमेजोनास राज्य में इसके संक्रमण की रफ्तार सबसे तेज है 

नई दिल्ली, भारत ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 04 जून,2020 ) । जैसा कि दोस्तों हम जानते हैं कि अमेजन के जंगल दुनिया का सबसे बड़ा जैविक क्षेत्र है ,और यहां दुनिया में सबसे अधिक जैव- विविधता पायी जाती है. मेरा कहने का मतलब है कि यहां पेड़ पौधों और जानवरों की सबसे अधिक प्रजातियां रहती हैं. दोस्तों अमेजन जैविक क्षेत्र में 3 करोड़ 30 लाख इंसान भी रहते हैं l और यह अमेजन पेड़ पौधों और जानवरों की हजारों नस्लो का घर भी है l दोस्तों आग लगने , जंगलों की कटाई और अब कोरोना वायरस के कारण खतरे में है आज अमेजन ध्यान से देखें तो जब से करोना वायरस ने ब्राजील पर हमला बोला है , तबसे ब्राजील के अमेजोनास राज्य में इसके संक्रमण की रफ्तार सबसे तेज है ! और इसके कारण अमेजोनास  की स्वास्थ्य व्यवस्था, पूरे ब्राजील में पैसे की कमी का सबसे अधिक सामना  कर रही है l "जैसा कि हम जानते हैं कि अमेजन के वर्षा वन दुनिया की जलवायु का संतुलन बनाए रखने में बेहद अहम भूमिका अदा करता है l और साथ ही यह वर्षा वन ग्लोबल वार्मिंग की चुनौती से लड़ने में भी दुनिया की मदद करता है. लेकिन अब दुनिया भर में फैली कोरोना वायरस की महामारी का दुष्प्रभाव अमेजन के वर्षा वनों पर भी पड़ रहा है l जैसा कि हम देख रहे हैं कि वर्ष 2020 के पहले 4 महीनों में अमेजन जैविक क्षेत्र में वनों के विनाश में, पिछले साल के मुकाबले 55% का इजाफा हुआ है जो कि बहुत ही चिंता का विषय है | जिसके कारण कोरोना वायरस से पैदा हुए हालात का फायदा उठाकर बहुत से लोग अवैध तरीकों से जंगलों को साफ कर रहे हैं, अवैध उत्खनन, जमीन साफ करने के लिए पेड़ों की कटाई और साथ ही जंगलों में लगने वाली आग की घटनाओं में पहले के 11 वर्षों में सबसे अधिक देखा जा रहा है l जिस प्रकार से अमेजन जैविक क्षेत्र को होने वाली क्षति की रफ्तार बढ़ रही है इससे जल्द ही हम तबाही के ऐसे मुहाने पर खड़े होंगे, जहां से लौटना मुश्किल होगा ! जैसा कि हम देख रहे हैं ,आए दिन चक्रवाती तूफान, भूकंप और वैश्विक महामारी  बढ़ती जा रही है दोस्तों इसी रफ्तार से अमेजन की जंगल नष्ट होती रही तो दुनिया की आब-ओ - हवा संतुलित रखने में जो भूमिका अभी आदा करता है वह अमेजन आगे नहीं कर पाएगा | इसलिए हमें  पर्यावरण को संतुलित करना बहुत जरूरी  है l  जिस प्रकार लॉक- डाउन के कारण पर्यावरण में बिल्कुल सुधार देखने को मिला इसी प्रकार आगे भी हमें पर्यावरण को संतुलित करने के लिए प्रयास करना होगा l जैसा कि हम जानते हैं कि अमेजन के जंगल में आग का पिक सीजन जुलाई से शुरू होता है और विशेषज्ञों के अनुसार इसी जुलाई के दौरान ब्राजील में कोरोना वायरस का प्रकोप भी अपने शीर्ष स्तर पर होगा जो कि बहुत ही चिंता का विषय है l पिछले वर्ष भी जंगलों में आग की अभूतपूर्व घटनाएं देखी गई थी, जिसके कारण अमेजन के एक बड़े  हिस्से में वनों का सफाया हो गया था l आखिर अमेजन के जंगलों में ऐसी घटनाएं क्यों घटती है ,जबकि अमेज़न पर्यावरण को संतुलित रखने में प्रमुख भूमिका निभाता है? दोस्तों अगर हम अमेजन में वनों को हो रहे नुकसान और क्षरण  के मौजूदा स्तर को रोक नहीं पाएंगे तो आने वाला वक्त में दुनिया के लिए जलवायु परिवर्तन के परिणाम और भयंकर होंगे l 2018 में ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच के सर्वे के मुताबिक अमेजन में पेड़ों का दायरा घटने का स्तर 40 हजार वर्ग किलोमीटर था . और इस जंगलों में समृद्ध जैव विविधता पाई जाती थी  जोकि नष्ट हो गया l दोस्तों एक हेक्टेयर जंगल के कट जाने का मतलब है कि अमेजन के इको सिस्टम का एक हिस्सा काम करना बंद कर दिया l जिसका प्रभाव अमेजन जैविक क्षेत्र के दूसरे हिस्सों पर भी पड़ेगा l दोस्तों जैसा कि हम जानते हैं कि जितना  पुराना और बड़ा पेड़ होता है, उसके अंदर उतना ही अधिक कार्बन इकट्ठा होता है l सभी पेड़ प्रकाश संश्लेषण के दौरान वायुमंडल से जितनी कार्बन -डाई -ऑक्साइड सोखते है, उसका एक हिस्सा वो सांस लेने की प्रक्रिया के दौरान वायुमंडल में वापस छोड़ देते हैं l और बाकी के कार्बन -डाई- ऑक्साइड को पेड़ कार्बन में तब्दील कर देते हैं. और फिर इसका इस्तेमाल कार्बोहाइड्रेट का उत्पादन करने के लिए करते हैं, जिससे उनकी जैविक गतिविधि हमेशा चलती रहती है l दोस्तों अगर ऐसे ही पेड़ काटे जाते रहे हैं या आग लगते रहा जंगलों में तो बड़ी मात्रा में धरती के कार्बन का भंडारण करने वाला अमेजन जैविक क्षेत्र, कार्बन -डाई -ऑक्साइड का बड़ा उत्सर्जक बन जाएगा l और इससे जलवायु परिवर्तन की प्रक्रिया में बहुत तेजी आएगी जैसा कि वर्तमान परिदृश्य हम देख रहे हैं l दोस्तों जंगलों में हो रहे नुकसान के कारण ही जंगलों की कार्यकुशलता कम हो रही है और यह अपनी जरूरत भर के बारिश को भी नहीं उत्पन्न कर पा रही है l क्यों नहीं हम प्राकृत के साथ तालमेल बैठाकर चलते हैं...?
कोलंबिया से आई एक रिपोर्ट के अनुसार 2012 से 2015 के बीच में कोलंबिया के अमेजॉन क्षेत्र से 1 लाख 87 हजार 955 हेक्टेयर क्षेत्र से जंगल साफ हो गया l जबकि 4 लाख 14 हजार 605 हेक्टेयर जमीन की गुणवत्ता कम हो गई है, यह काटे गए जंगलों से साफ इलाके के दोगुने से भी अधिक है फिर आप सोच सकते हो l ""फिर ऐसा क्या कारण है कि जब अमेजन के जंगलों को हुए नुकसान की बात होती है, तो काटे गए जंगलों के साथ -साथ जंगली इलाके के क्षरण को आकलन में क्यों शामिल नहीं किया जाता है?""दोस्तों अमेजन जैविक क्षेत्र के देशों में केवल एक ब्राजील ही इकलौता देश है, जो जंगलों को होने वाली क्षति  के आंकड़े हर साल जारी करता है l  अब जरूरत है कि इससे जुड़े वास्तविक आंकड़े जुटाय़ा जाए l ताकि अमेजन के जंगलों की मौजूदा वास्तविक स्थिति का पता चल सके नहीं तो मानव और प्रकृति के बीच बढ़ती असंतुलन प्राकृतिक आपदाएं लाता रहेगा और मनुष्य के समक्ष चुनौतियां बढ़ती जाएगी l हम अब उस मुहाने पर खड़े हैं, जिसे तबाही लाने वाला मोड़ हम कह सकते हैं l यह मोड़ वह है जहां से आगे बढ़ने पर अमेजन जैविक क्षेत्र का मिजाज पूरी तरह से बदल जाएगा ऐसा तब होगा जब अमेजन जैविक क्षेत्र के जंगलों की कटाई 20 से 25% के स्तर तक पहुंच जाएगी और ऐसा वैज्ञानिकों के अनुसार अगले 20 से 30 वर्षों में हो सकता है और इससे तापमान बढ़ जाएगा जिसके कारण पेड़ मरने लगेंगे और उष्णकटिबंधीय वर्षा वन, अफ्रीका के सवाना के घास के मैदान जैसा दिखने लगेगा l अगर सोचो दोस्तों अमेजन बर्बादी के मुहाने पर पहुंच गया तो फिर क्या होगा? दोस्तों अगर में हालात आगे भी ठीक वैसे ही रहें ,जैसे अभी हैं, तब वर्ष 2070 तक अमेज़न जैविक क्षेत्र का तापमान 8 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है. इससे वनों के सफाए के साथ-साथ ग्लोबल वार्मिंग का भी योगदान बढ़ जाएगा l मेरा सवाल है आपसे कि क्या हम अमेजन को तबाही के कगार पर पहुंचने से रोक सकते हैं? दोस्तों अमेजन की आग का सीधा संबंध वनों की कटाई से हैं इसलिए तत्काल वनों की कटाई पर रोक लगाने की जरूरत है l वैसे देखें तो कोरोना वायरस की महामारी ने भी इस वर्ष अमेजन क्षेत्र में अवैध गतिविधियों को बढ़ा दिया है और बोलसोनारो सरकार की बयान और उसकी नीतियां, जंगलों को काटने को बढ़ावा देने वाले हैं l और इस नीतियों से आदिम जनजातियों का शोषण भी होता है l दोस्तों हमें दुनिया की जलवायु को संतुलित बनाए रखने वाले अमेजन के जंगल को संरक्षित करने के लिए सभी राष्ट्र को मिलकर पहल करने की जरूरत है और हम व्यक्तिगत स्तर पर है जितना हो सके पेड़- पौधे लगाने का प्रयास करें l 
कवि विक्रम क्रांतिकारी(विक्रम चौरसिया-अंतर्राष्ट्रीय चिंतक) दिल्ली विश्वविद्यालय/आईएएस अध्येता /मेंटर लेखक सामाजिक आंदोलनों से जुड़े रहे हैं व वंचित तबकों के लिए आवाज उठाते रहते हैं -स्वरचित मौलिक व अप्रकाशित लेख । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित । Published by Rajesh kumar verma

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