05 करोड़ की सरकारी जमीन को पूर्व पत्रकार द्वारा हड़पने का प्रयास प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से करने की साजिश

05 करोड़ की सरकारी जमीन को पूर्व पत्रकार द्वारा हड़पने का प्रयास प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से करने की साजिश

जनक्रान्ति विधि संवाददाता अधिवक्ता रविशंकर चौधरी की रिपोर्ट

समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 29 जुलाई,2020 ) । 05 करोड़ की सरकारी जमीन को पूर्व पत्रकार द्वारा हड़पने का प्रयास प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से करने की साजिश ।
 समस्तीपुर जिला के रोसड़ा प्रखंड के एरौत गांव में हाई स्कूल का जमीन कब्जा किया पूर्व पत्रकार रहे संजीव सिंह जो इस जमीन को अपना हक जताने लगे है जो कि ये जमीन उनके पूर्वज इस जमीन को स्कूल को दे चुके है, उसके बदले में स्कूल के तरफ से दोगुनी जमीन दूसरे जगह दिया गया है । उसके बाद अब फर्जी कागज बना कर और CO और थाना में मैनेज करके अब उस जमीन पर अपना हक बताना शुरू कर दिया है।इस मामले को लेकर स्कूल प्रशासन थाना ,सीओ,डीएम,सांसद, विधायक,जिला परिषद ,मुखिया सब जगह इसकी शिकायत किया है।

पत्रकार का पावर दिखा कर सब को डरा रहे है और फर्जी कागज से पुलिश प्रशासन को दिखाकर ये जमीन कब्जा किया जा रहा है।इस मामले को लेकर गांव के कुछ नवयुवक कुछ भी करने के लिये तैयार हैं वही लोगो का गुस्सा इतना है। मार पीट गाली गलौज गोली बारी कुछ भी हो सकता है। पुलिश से लेकर सीओ इस बात का कोई एक्शन नही ले रहा है। हाई स्कूल के जमीन का हिस्सा जो सीमांकित नहीं हो पाया था उस पर अवैध दुकानों का संचालन चल ही रहा था की अचानक से 4 साल पहले पत्रकारिता से निलंबित व्यक्ति गांव के सबसे बड़े दलाल के परामर्श और अपने कुछ दलाल मुर्ख सहयोगी के परामर्श पर एक दिन अपना पुस्तैनी दावा करते हुए मिट्टीकरण का कार्य शुरू कर देते है महज 2 दिन तक तक यह महा विकास का कार्य चलता है और स्कूल की अपील पर अंचल अधिकारी के द्वारा इस  महान कार्य पर प्रतिबन्ध लग जाता है| आपको लगेगा कहानी खत्म हो गयी जी नहीं हम आपको पहले ही बता चुके है एरौत में गलत का साथ देना पुरानी परंपरा रही है  कुछ ग्रामीणों के सहयोग से अवैध ढंग से रात्रि के अंधेरे में एक गोदाम नुमा दुकान का निर्माण होता है और अगले ही दिन उसमे बिजली की भी व्यवस्था की है ।

स्कूल के जमीन को पुस्तैनी बता अवैध ढंग से अतिक्रमण करने वाले का इतिहास कुछ इस तरह है. जो अपने पूर्वज को स्कूल निर्माण में दान कर्ता समझते है और बताते है उनके पूर्वज स्कूल निर्माण के कार्य में बाधा बनकर आये थे क्युंकि उनके जमीन का एक टुकड़ा विद्यालय के परिसर में आ रहा था जिसके बदलें में उन्हे 02 गुणा ज्यादा जमीन दिया गया था. जिनके पूर्वज गांव के  विद्यालय निर्माण की अहमियत को नहीं समझ सके और लालच में रहे उनके पौत्र से हम क्या उम्मीद कर सकते है और इस लालची पत्रकारिता से निष्कासित दलाल का मानसिक  संतुलन  इस कदर  बिगड़  चूका  है  की स्कूल की जमीन पर कब्जा करने लगते है । वही इस जमीन की कीमत 05 करोड़ बताया जा रहा है ।

समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा रविशंकर चौधरी की रिपोर्ट प्रकाशित । Published by Jankeanti...!!

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