देश के कुछ अन्य हिस्सों में चल रहे कोविड-19 लॉकडाउन के हालातों के बीच ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्पलाइज यूनियन निभा रही हैं सक्रिय भूमिका : रत्नेश वर्मा

देश के कुछ अन्य हिस्सों में चल रहे कोविड-19 लॉकडाउन

के हालातों के बीच ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्पलाइज यूनियन निभा रही हैं सक्रिय भूमिका : रत्नेश वर्मा 

रेल-कर्मचारियों के बीच ECREU का जागरूकता अभियान

 

देश के कुछ अन्य हिस्सों में चल रहे कोविड-19 लॉकडाउन

के हालातों के बीच ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्पलाइज यूनियन निभा रही हैं सक्रिय भूमिका : रत्नेश वर्मा 

@✍️ Samastipur Office Report 

समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 24 जुलाई,2020 ) । देश के कुछ अन्य हिस्सों में चल रहे कोविड-19 लॉकडाउन के हालातों के बीच ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्पलाइज यूनियन निभा रही हैं सक्रिय भूमिका ।

रेलवे लाईन मरम्मती कार्य स्थलीय मजदूरों के बीच जागरूकता चलाया गया 

बताया जाता हैं की बिहार राज्य में दिनांंक 16 जुलाई से 31 जुलाई 2020 तक  एवं देश के कुछ अन्य हिस्सों में चल रहे कोविड-19 लॉकडाउन के हालातों के बीच ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्पलाइज यूनियन सक्रिय भूमिका निभा रही है। उपरोक्त बाते आज प्रेस ब्यान जारी करते हुऐ ECREU के समस्तीपुर डिवीजन के डिविजनल सेक्रेटरी श्री रत्नेश वर्मा ने बताया उन्होंने बताया की  रेलवे कर्मचारियों के कार्यस्थल पर जाकर उनसे कार्य के दौरान कोविड-19 महामारी से बचाव हेतु हमेशा जागरूक रहने के बारे में पुनः बताया गया ।

सभी रेलकर्मियों से कोविड-19 लॉक-डाउन के संदर्भ में आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर दिए जा रहे आदेशों का अक्षरशः पालन करने की बात बताई गई। हाल ही में केंद्र सरकार के द्वारा देश के 109 रेलवे रूटों पर 151पैसेंजर ट्रेनों को प्राइवेट पार्टी के द्वारा चलाये जाने से सम्बन्धित टेंडर तथा रेलवे में कैडर-मर्जिंग एवम खाली पड़े पचास प्रतिशत पदों के सरेंडर की योजना पर चर्चा करते हुए सरकार के कर्मचारी विरोधी नीतियों के विरुद्ध बहुत बड़े आंदोलन की आवश्यकता के बारे में बताया गया।

श्री रत्नेश वर्मा ने बताया कि रेलवे में पहले से ही पार्ट-पार्ट में निजीकरण  / निगमीकरण , पी०पी०पी० , 100% एफ०डी०आई० , ठेकाकरण , आउट-सोर्सिंग के कारण स्थाई रेलकर्मियों के बीच असमंजस की स्थिति से नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है । कई बड़े A-1 क्लास और A क्लास के स्टेशन बेचे जा चुके हैं। तेजस जैसी प्राइवेट ट्रेन निजी ऑपरेटर कम्पनी को करार पर दी गयी है।सफाईकर्मी , बेतन-खजांची , कैंटीन , कैटरिंग , रनिंग-रूम आदि पहले से हीं समाप्त किये जा चुके हैं।प्राइवेट कम्पनियाँ केवल मुनाफाखोरी करतीं हैं।

उन्हें देश के सामाजिक ढांचे और कल्याणकारी योजनाओं से कोई मतलब नहीं रहता है।रेलवे आरम्भ काल से हीं बिना लाभ हानि की परवाह किये देश हित मे चल रही सरकारी संस्था के रूप में विख्यात है , जिसे किसी भी स्तर से प्राइवेट हाथों में देना उचित नहीं है। कोविड-19 जैसी महामारी की स्थितियों में भी देश के रेलवेकर्मी अपने स्वास्थ्य की परवाह किये बिना , जान जोखिम में डालकर शुरू से ही लगातार ड्यूटी करते हुए मालगाड़ियों, पार्सल गाड़ियों, स्पेशल-ट्रेनों का सुरक्षित संचालन करके आवश्यक सामग्री , उत्पादन में प्रयुक्त वस्तुओं एवम यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने में लगे हुए हैं।

इस तरह ईमानदारी , निष्ठा से कर्तव्य निर्वाह करने के वावजूद रेलवे एवम रेल उत्पादन इकाइयों का निजीकरण / निगमीकरण किया जाना बहुत हीं दुर्भाग्यपूर्ण है।श्री वर्मा ने बताया कि इसी संदर्भ में इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव , श्री सर्वजीत सिंह जी के द्वारा केंद्रीय रेल मंत्री महोदय को पत्र भेजकर रेलवे के निजीकरण  / निगमीकरण को रोकने की अपील की गई है ।

सरकार इस पर विचार करके उपयुक्त कदम उठाए। उपरोक्त जानकारी वाट्सएप माध्यम से रत्नेश वर्मा द्वारा प्रेस को दिया गया ।

समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित । 

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