चन्द्रग्रहण 5 जुलाई .... विगत 30 दिनों के अंदर यह तीसरा चंद्र ग्रहण है

चन्द्रग्रहण  5 जुलाई ....

विगत 30 दिनों के अंदर यह तीसरा चंद्र ग्रहण है

राजीव रंजन कुमार शर्मा की रिपोर्ट 

                                                    आकाशीय ग्रहण 

 30 नवंबर को चौथा और वर्ष का आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा

पटना, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 05 जुलाई,2020 ) । आपकों बता दें कि यह उपच्छाया चंद्र ग्रहण है वहीं 30 दिनों के अंदर यह तीसरा ग्रहण होगा जहां इसके पहले 5 जून और 21 जून को सूर्य और चंद्र ग्रहण लगा था। आपकों बता दें कि आषाढ़ माह की पूर्णिमा पर यह चंद्र ग्रहण लग रहा है इस दिन गुरु पूर्णिमा का पर्व भी मनाया जाएगा और ऐसा संयोग तीसरी बार बन रहा है जब चंद्र ग्रहण और गुरु पूर्णिमा एक ही तिथि पर पड़ रही है। जहां इससे पहले 2019 और 2018 में बना था।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 5 जुलाई को लगने वाला चंद्र ग्रहण धनु राशि में लगेगा।दिनांक 5 जुलाई को पूर्णिमा की तिथि सुबह 10 बजकर 16 मिनट तक रहेगी जहां नक्षत्र पूर्वाषाढ़ा- 22:57 तक रहेगा। चंंद्रमा धनु राशि में रहेगा और राहुकाल का समय शाम 17:34 से 19:18 तक रहेगा ।

गुरु पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण पर क्या करें

आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि पर हर वर्ष गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। इस बार भी पिछले साल की तरह गुरु पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण लग रहा है। गुरु पूर्णिमा पर गुरु पूजन की परंपरा होती है। पूर्णिमा तिथि पर भगवान सत्यनारायण की कथा और मंत्रों का जाप करना चाहिए। पूर्णिमा तिथि पर दान और गंगा स्नान भी किया जाता है।

पौने तीन घंटे तक रहेगा चंद्र ग्रहण

साल 2020 का तीसरा चंद्र ग्रहण गुरु पूर्णिमा की तिथि पर लग रहा है। यह चंद्र ग्रहण कुल मिलाकर पौने तीन घंटे तक रहेगा। चंद्र ग्रहण सुबह 8 बजकर 38 मिनट से शुरू होगा और 11 बजकर 21 मिनट पर खत्म हो जाएगा। 

कहां- कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण

5 जुलाई को चंद्र ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और युरोप के देशों में देखा जा सकेगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा जिस कारण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। इसमें किसी भी तरह का शुभ कार्य संपन्न किया जा सकता है। चंद्र ग्रहण 5 जुलाई की सुबह 8 बजकर 38 मिनट से शुरू होगा और इसका मोक्ष काल 11 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। यह उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा जिसमें चांद के आकार में किसी भी तरह का कोई भी परिवर्तन देखने को नहीं मिलेगा। 

ग्रहण के दौरान सावधानियां

शास्त्रों में बताया गया है कि ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए। ग्रहण के दौरान और सूतक काल लगने पर किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता है। ग्रहण के दौरान सभी तरह के खाने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालने चाहिए। ग्रहण के दौरान मंदिर के दरवाजे और पर्दे बंद कर दिए जाते है। इस दौरान भगवान की मूर्तियों को नहीं छूना चाहिए। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान देना चाहिए। चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा से संबंधित मंत्रों का जाप करना चाहिए।

ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए करें ये आसान उपाय

कल लगने वाला चंद्र प्रभावकारी नहीं है। परंतु चंद्र ग्रहण के अशुभ प्रभावों को नष्ट करने के लिए अगले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। स्नान के बाद चंद्र ग्रहण के पश्चात चावल और सफेद तिल का दान करें और अपने से बड़ों का आशीर्वाद अवश्य लें। यह सरल उपाय आपको ग्रहण के अशुभ प्रभावों से मुक्त करेगा। इसके अलावा आप किसी विद्वान ज्योतिषी की सलाह से चंद्र ग्रहण के अशुभ प्रभावों से बचने की सलाह ले सकते हैं।

चंद्र ग्रहण का मन पर पड़ता है सीधा प्रभाव

चंद्र ग्रहण का प्रभाव सीधे व्यक्ति के मन पर पड़ता है। इसके साथ ही यह माता जी को भी प्रभावित करता है। ज्योतिष में चंद्र ग्रहण को मन और माता का कारक माना जाता है। इसलिए जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा पीड़ित अवस्था में हो उन्हें ग्रहण के दौरान चंद्र ग्रह की शांति के उपाय करने चाहिए। इस समय मन को एकाग्र करने के लिए ध्यान क्रिया उत्तम होती है। 

वर्ष का चौथा और आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा इस दिन

साल 2020 में चार चंद्र ग्रहण हैं। इस साल का पहला चंद्र 10 जनवरी में लगा था और साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 5 जून को था। वहीं जो कल यानी 5 जुलाई को लगेगा यह इस साल का तीसरा चंद्र ग्रहण होगा। जबकि 30 नवंबर को चौथा और वर्ष का आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा। यह ग्रहण भी उपच्छाया चंद्रग्रहण होगा। ग्रहण वृषभ राशि और रोहिणी नक्षत्र में घटित होगा इसके अलावा इस साल के खाते में दो सूर्य ग्रहण हैं। साल का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को था, जो बीत गया है। वहीं साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को लगेगा।
चंद्र ग्रहण के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए क्या करें

धार्मिक नजरिए से ग्रहण को अशुभ घटना के रूप में देखा जाता है। इसलिए चंद्र ग्रहण के दौरान इसके अशुभ प्रभाव से बचने के लिए चंद्र ग्रह से संबंधित मंत्रों का जाप करना चाहिए। चंद्र ग्रह के बीज मंत्र ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः का 108 बार जाप करने से ग्रहण के अशुभ प्रभावों से बचा जा सकता है। इसके अलावा चंद्र यंत्र की पूजा करने से भी ग्रहण के अशुभ प्रभावों से छुटकारा मिलता है।

ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को देना होगा खास ध्यान

ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को खास ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। हालांकि कल लगने वाला ग्रहण प्रभावकारी नहीं है। मान्यता के अनुसार, कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को नुकीली चीजों और तेजधार वाले औजारों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसका बुरा असर गर्भ में पल रहे शिशु के शरीर पर पड़ता है। सूतक काल में तो उन्हें घर से भी बाहर नहीं निकलना चाहिए।

पूर्णिमा तिथि पर ही लगता है चंद्र ग्रहण

चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा तिथि के दिन ही लगता है। खास बात ये है कि पिछले लगातार तीन साल से गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लग रहा है। लेकिन हर पूर्णिमा तिथि को यह नहीं लगता है। खगोल विज्ञान के अनुसार पूर्णिमा तिथि पर चंद्र ग्रहण का कारण पृथ्वी की कक्षा पर चंद्रमा की कक्षा का झुका होना है। यह झुकाव 5 अंश का है। इसलिए हर पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा पृथ्वी की छाया में प्रवेश नहीं करता है।

उपच्छाया चंद्र ग्रहण दिखाई देता है ऐसा

कल लगने वाला ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। दरअसल, उपच्छाया चंद्र ग्रहण में चांद के आकार में किसी भी तरह का कोई फेरबदल नहीं होता है। इस चंद्र ग्रहण में चांद के ऊपर पृथ्वी की छाया पड़ने से चंद्रमा पर एक हल्की सी धूल जैसी छाया पड़ती है। इसी को उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहते हैं। यह घटना नग्न आंखों से दिखाई नहीं देगी, बल्कि इसे देखने के लिए वैज्ञानिक उपकरणों का प्रयोग किया जाता है।

समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा राजीव रंजन कुमार शर्मा की रिपोर्ट प्रकाशित ।

Published by Rajesh kumar verma

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