वैश्विक महामारी कोरोना की आशंकाओं से घिरे भयानक, शासन, शासक,चिकित्सक के अधीन चिकित्साधीन ऑक्सीजन, वेंटीलेटर ,मृत्युशय्या पर लेटे लेटे लापरवाही के कारण चल बसे बिहार के लाईफ लाईन सुविख्यात चिकित्सक डॉ० रती रमण झा : प्रो० मुकुंद कुमार

वैश्विक महामारी कोरोना की आशंकाओं से घिरे भयानक, शासन, शासक,चिकित्सक के अधीन चिकित्साधीन ऑक्सीजन, वेंटीलेटर ,मृत्युशय्या पर लेटे लेटे लापरवाही के कारण चल बसे बिहार के लाईफ लाईन सुविख्यात चिकित्सक डॉ० रती रमण झा : प्रो० मुकुंद कुमार 

     फाईल फोटो: प्रो० मुकुंद संग डॉ० आर० आर० झा 

सुबह उठते ही चारों ओर से केवल एक ही खबर आती है के डा० झा अब ये नहीं रहे डॉ० झा अब वो नहीं रहे। 

                                  यादें .....छायाचित्रों की 

डॉ० आर० आर० झा वर्तमान सिविल सर्जन समस्तीपुर अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए कोरोना की महामारी से लड़ते हुए दिवंगत आत्मा को प्राप्त हो गए । उनका निधन चिकित्सा जगत सहित आई एम ए समस्तीपुर के लिए अपूरणीय क्षति है , कृतज्ञ जिला का सादर श्रद्धांजलि प्रोफेसर मुकुन्द कुमार

समस्तीपुर कार्यालय रिपोर्ट 


समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 23 जुलाई,2020 ) । बहुत ही भयावह, शासन,शासक ,चिकित्सक अब आक्सीजन, वेंटिलेटर और मृत्युशय्या पर। राजनीतिक टिप्पणी नहीं है वो सच है जिसे आप राजनीति का अफीम बनाकर लोगों को चटा रहे हैं।

यादें तस्वीरोंं से.....

प्रख्यात चिकित्सक डाक्टर रती रमण झा समस्तीपुर ही नहीं नार्थ बिहार के लाईफ लाइन थे।ये मसीहा गरीबों के सांस का वो डोर था जिसकी जान आपकी लापरवाही के कारण गई,आपने सिविल सर्जन तक को कोरोना से बचाव हेतु सुरक्षा कीट उपलब्ध नहीं कराया जिसका परिणाम सामने है आप दूसरा सिविल सर्जन लाकर बिठा दीजियेगा लेकिन ये जिला अपना चहेता डाक्टर जो जीता जागता भगवान था लाखों लोगों के लिए कहां से ला पाएगा..?

ये घटना साधारण नहीं है डाक्टर ही जब अपना आत्मबल और विश्वास खो बैठेंगे तो आम लोगों का क्या होगा..? साधारण और अन्य गम्भीर बीमारी के इलाज के लिए अब डाक्टर जोखिम नहीं उठाना चाह रहे हैैं, ये विश्वास की कमी और डर, आपके नेतृत्व नियत और नकारेपन के कारण उनके मन में घर कर गया है।

नतीजा ये है की कोरोना के साथ साथ अब साधारण बीमारी के कारण भी लोगों के मौत के काल में सामने का आंकड़ा बढ़ रहा है। सुबह उठते ही चारों ओर से केवल एक ही खबर आती है के अब ये नहीं रहे अब वो नहीं रहे। 

बुधवार 22 जुलाई 2020 को डॉ० आर० आर० झा वर्तमान सिविल सर्जन समस्तीपुर अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए पटना के एम्स में कोरोना की महामारी से लड़ते हुए दिवंगत आत्मा को प्राप्त हो गए । उनका निधन चिकित्सा जगत सहित आई एम ए समस्तीपुर के लिए अपूरणीय क्षति है । भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार को और हमें इस अपूरणीय क्षति को सहने की शक्ति प्रदान करें ।

वैसे तो समस्तीपुर का आँचल अनेकानेक सपूतों के कृति से प्रकाशवान रहा है।समस्तीपुर के सपूतों की चर्चा होने पर एक नाम है जो सम्वेदना के तारों को झंकृत करता है।स्मरण आते ही रोम रोम खड़ा हो कर उस अपराध बोध को व्यक्त करने लगता है कि काश वक्त इन्हें मानव सेवा करने का कुछ और मौका देता..........!

दृग कोरकों में विवशता के आँशु छलक आते हैं,और प्रकृति का कण कण अपने सास्वतता के द्वारा उनका आभार व्यक्त करने लगता है।निश्चित रूप से वह शख्सियत कोई और नहीं बल्कि दरभंगा जिले के बरका ग्राम में 06 जुलाई 1956 को जन्मे स्वर्गीय कोशकि रमन झा के पुत्र मानव के रूप में एक देवता रूपी अवतार डॉ. रतिरमन झा सर जी हैं।

वे अति साधारण परिवार में जन्मे ओर ननिहाल में ही ज्यादा रहे। भागलपुर ओर दरभंगा मेडिकल कॉलेज से इनकी पढ़ाई हुई जिसमें इनके मामा जी का बहुत बड़ा योगदान रहा।ये अपने पीछे दो पुत्र और एक पत्नी को छोड़ गए । आज उनकी मृत्यु से जिला स्तब्ध है,प्रकृति भी मानो तो यह सोच कर आज रोएगी की इसके बाद कौन है जिसके शरीर मात्र स्पर्श कर लेने से मरणासन्न रोगी भी खिलखिला कर हंस देता था।अब कौन है जिसके दर पर गरीब से गरीब मरीज भी निःशुल्क अपना इलाज करवा पाएगा।अब कौन सुध लेगा गरीबों का।

खैर मृत्यु तो सृष्टि का अंतिम सत्य है जिसे झुठलाया नहीं जा सकता।लेकिन एक प्रश्न है जो अक्सर ये पूछ रहा है कि हमारे सिस्टम इतने कमजोर हैं कि जिसने हजारों जान बचाने वाले को भी न बचा पाया।आखिर क्यों ..?
डॉक्टर साहब आज नाश्वर शरीर को त्याग स्वर्ग की ओर महाप्रस्थान कर चुके हैं। सर्वविदित है कि व्यक्ति की महानता उसके विचारों पर निर्भर करता है,जो आज परिलक्षित दिख रहे हैं।हर कोई दुखी है।सोशल मीडिया उनके श्रधांजलि सन्देश से भड़े परे हैं।सम्वेदना व्यक्त करने की होड़ मची हुई है,और हो भी क्यों न। क्योंकि आज जिला ने अपना एक रत्न खोया है।

डॉक्टर साहब आपकी कमी सदैव जिलावाशिओं को सालती रहेगी।आपके निरंतर सेवा से कृतज्ञ हम जिला वाशी सदैव आपको एक बेहतर डॉक्टर के साथ ही एक अच्छे समाजिक व्यक्ति और कुशल पथ प्रदर्शक के रूप में याद रखेंगे। प्रोफेसर मुकुंद कुमार ने जिला की ओर कृतनिश्चयी सादर भाववीनी अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी ।
समस्तीपुर कार्यालय रिपोर्ट राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित । Published by Rajesh kumar verma

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