राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ समस्तीपुर ने लॉकडाउन अवधि में प्राथमिक व मध्य विद्यालय को खोलकर छात्रों अथवा अभिभावकों को चावल बांटने की जगह पर मध्याह्न भोजन योजना के अन्तर्गत चावल की राशि एवं परिवर्तन मूल्य की राशि सीधे छात्रों के खाते पर स्थानांतरित करने की किया मांग

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ समस्तीपुर ने लॉकडाउन अवधि में प्राथमिक व मध्य विद्यालय को खोलकर छात्रों अथवा अभिभावकों को चावल बांटने की जगह पर मध्याह्न भोजन योजना के अन्तर्गत चावल की राशि एवं परिवर्तन मूल्य की राशि सीधे छात्रों के खाते पर स्थानांतरित करने की किया मांग 

समस्तीपुर कार्यालय रिपोर्ट 

बिहार में कोरोना संक्रमण को समुदाय में फैलने से रोकने हेतु लॉकडाउन लगाया गया । दूसरी तरफ निदेशक, मध्याह्न भोजन योजना के निर्देशानुसार वर्ग एक से पांच तक आठ किलोग्राम एवं वर्ग छः से आठ तक बारह किलोग्राम चावल वितरित करने तथा परिवर्तन मूल्य की राशि छात्रों के खाता पर स्थानांतरित करने का तुगलकी फरमान निर्गत : डॉ० मिथिलेश कुमार

समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 18 जुलाई,2020 ) । राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ समस्तीपुर ने लॉकडाउन अवधि में प्राथमिक व मध्य विद्यालय को खोलकर छात्रों अथवा अभिभावकों को चावल बांटने की जगह पर मध्याह्न भोजन योजना के अन्तर्गत चावल की राशि एवं परिवर्तन मूल्य की राशि सीधे छात्रों के खाते पर स्थानांतरित करने की किया मांग । बताया जाता है कि राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, समस्तीपुर के जिलाध्यक्ष डॉ० मिथिलेश कुमार ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी(मध्याहन भोजन योजना),ज़िला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिलाधिकारी समस्तीपुर को पत्र लिख कर लॉकडाउन की अवधि में प्राथमिक व मध्य विद्यालय को खोलकर छात्रों अथवा अभिभावकों को चावल बांटने की जगह पर मध्याह्न भोजन योजना के अन्तर्गत चावल की राशि एवं परिवर्तन मूल्य की राशि सीधे  छात्रों के खाते पर स्थानांतरित करने का निवेदन पदाधिकारियों से किया हैं। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है
 एक तरफ पूरे बिहार में कोरोना संक्रमण को समुदाय में फैलने से रोकने हेतु लॉकडाउन लगाया गया । दूसरी तरफ निदेशक, मध्याह्न भोजन योजना के निर्देशानुसार वर्ग एक से पांच तक आठ किलोग्राम एवं वर्ग छः से आठ तक बारह किलोग्राम चावल वितरित करने तथा परिवर्तन मूल्य की राशि छात्रों के खाता पर स्थानांतरित करने का तुगलकी फरमान निर्गत हुआ है।राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का स्पष्ट मन्तव्य है कि मेधासॉफ्ट के माध्यम से छात्रों के खाता से संबंधित सभी विवरण विभाग के पास पूर्व से उपलब्ध है तथा नए नामांकित छात्रों का भी डीबीटी करने का निर्देश प्राप्त है।ऐसे में विभाग द्वारा जिला स्तर से ही चावल की निर्धारित सरकारी दर की राशि एवं परिवर्तन मूल्य की राशि एन0 आई0सी0 के माध्यम से सीधे छात्रों अथवा अभिभावकों के खाता पर स्थानांतरित किया जाए।
 ज्ञातव्य हो कि...

01.  बिहार में वैश्विक महामारी COVID - 19 कोरोना का प्रकोप काफी तेजी से बढ़ रहा है जिसके रोकथाम के लिए बिहार सरकार द्वारा 16 जुलाई से 31 जुलाई तक लॉकडाऊन की घोषणा की जा चुकी है।
02.  ऐसे में अभिभावकों/छात्रों  को विद्यालय में बुलाना उचित नहीं होगा क्योंकि कोरोना संक्रमण समुदाय में तेजी से फैलने का खतरा बना हुआ है। चावल वितरण की सूचना मिलते ही विद्यालय में छात्रों और अभिभावकों की भीड़ लग रही हैं। जिस कारण सोशल डिस्टेंसीग का पालन कराने में भारी समस्या हो रही हैं।
03.  विद्यालय विगत तीन महीनों से बंद होने के कारण विद्यालय में अवशेष खाद्यान्न (चावल) की गुणवत्ता अब मानव के खाने लायक नहीं है।
04.  बिहार में लॉकडाऊन लागू होने के कारण सार्वजनिक परिवहन पर रोक लगा हुआ है।जिस कारण बहुत से ऐसे दूर- दराज के शिक्षक जो सार्वजनिक यातायात के माध्यम से ही विद्यालय पहुंचते हैं उन्हें लॉकडाऊन में विद्यालय पहुंचने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं।
     लॉकडाऊन की स्थिति में शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों को विद्यालय में बुलाना काफी खतरनाक है जो कोरोना संक्रमण फैलाव का बहुत बड़ा कारण बन सकता है।राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ इसका पूर्ण रूप से विरोध करता है।किसी भी तरह की दुर्घटना की सारी जबावदेही संबंधित विभाग की होगी।
      राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, समस्तीपुर माँग करता हैं कि वर्तमान लॉकडाऊन की स्थिति में विद्यालय के सभी कार्य लॉकडाऊन समाप्त होने के पश्चात ही कराया जाए। चावल की राशि भी परिवर्तन मूल्य की राशि के साथ ही जिला स्तर से एन0 आई0 सी0 के माध्यम से सीधे छात्रों अथवा अभिभावकों के खाते पर स्थानांतरित किया जाए। उ
   उपरोक्त ब्यान प्रेस को वाट्सएप माध्यम से डॉ० मिथिलेश कुमार, जिला अध्यक्ष, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ,

समस्तीपुर के द्वारा दिया गया ।                     

समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित । Published by Rajesh kumar verma

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