देशभर में मनाया जा रहा गुरु पूर्णिमा

देशभर में मनाया जा रहा गुरु पूर्णिमा

कटिहार से विनोद कुमार की रिपोर्ट 

                     गुरु पूजा अर्चना करते हुए जगन्नाथ दास

बलरामपुर /कटिहार,बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 05 जुलाई,2020 ) । जगन्नाथ दास  ने गुरु पूर्णिमा पर हवन यज्ञ कर गुरुजनों को याद किया और कहा कि हवन प्रवाह से वातावरण में किसी भी प्रकार के वायरस का अंत होता है। भारतीय संस्कृति में हवन यज्ञ से वातावरण शुद्ध होता आया है। हवन यज्ञ कर वातारण को शुद्ध करने का प्रयास किया है।  हवन कर कोरोना वायरस की समाप्ति के लिए प्रार्थना की गयी। गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं क्योंकि इस दिन वेद व्यास जी का जन्म हुआ था । गुरु पूर्णिमा वह दिन है जब पहले गुरु का जन्म हुआ था । हमारे देश में गुरुाओं का का स्थान सबसे ऊँचा है। एक गुरु ही अपने शिष्य को अंधकार से निकालकर और उसे सही मार्ग पर लेकर आता है । गुरु के मार्गदर्शन के बिना शिष्य कभी सफल नहीं हो सकता और इसी वजह से अपने गुरुओं को सम्मान देने के लिए गुरु पूर्णिमा मनाया जाता है | सबसे पहला प्रणाम मात-पिता को हमारे पहले गुरू जिन्होंने हमें जन्म दिया कोटि-कोटि प्रणाम दूजा प्रणाम जिन्होंने हमें शिक्षा दी, देशभर में आज गुरु पूर्णिमा मनाया जा रहा है। इस अवसर पर जगन्नाथ दास  मीडिया प्रभारी राजवंशी कल्याण परिषद की ओर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। कहा है कि गुरु पूर्णिमा गुरु-पूजन का पर्व है। उन्हेंने जनता से अपील की कि कोविड-19 के संक्रमण के दृष्टिगत गुरु पूर्णिमा का पर्व सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्ण पालन करते हुए ही मनाएं।

उन्होंने ने कहा कि हमारी संस्कृति में गुरु को सर्वोच्च स्थान प्रदान किया गया है। गुरु को ब्रह्मा, विष्णु, महेश के समान बताया गया है। गुरु शिष्य को रचता है, इसलिए वह ब्रह्मा है। गुरु शिष्य की रक्षा करता है इसीलिए वह विष्णु है गुरु शिष्य के सभी दोषों  का संहार करता है इसीलिए वह साक्षात महेश्वर है हमें गुरु पूजन आस्था और श्रद्द्भाव से करके उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।
 उन्होंने कहा कि जीवन में गुरु का महत्व से भावी पीढ़ी को परिचित कराने के लिए यह पर्व आदर्श है गुरु पूजा का यह पर्व हमें सत्मार्ग पर ले जाने वाले उन महापुरुषों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता  अर्पित करने की प्रेरणा देता है ।जिन्होंने अपने ज्ञान, त्याग और तपस्या से समाज राष्ट्र और  विश्व को नई राह दिखाई ।सनातन संस्कृति में ज्ञान प्राप्ति के लिए गुरु शिष्य की सुदीर्घ परंपरा है बिना गुरु के ज्ञान प्राप्त संभव नहीं है गुरु का आशीर्वाद से सभी सिद्धियां प्राप्त की जा सकती है।

समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा बिनोद कुमार की रिपोर्ट प्रकाशित । Published by Rajesh kumar verma

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