संविधान व लोकतंत्र का तकाजा है डॉक्टर कफील खान को जल्द रिहा किया जाये- महबूब आलम

संविधान व लोकतंत्र का तकाजा है डॉक्टर कफील खान को जल्द रिहा किया जाये- महबूब आलम

देश में कोरोना महामारी का इस्तेमाल लोकतान्त्रिक अधिकारों का दमन करने के लिये किया जा रहा है- आइसा

कटिहार जिलासंंवाददाता जगन्नाथ दास की रिपोर्ट

कटिहार,बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 20 जुलाई, 2020 ) ।  प्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर कफील खान के रिहाई की मांग को लेकर भाकपा-माले, आइसा, आरवाईए और इंसाफ मंच के राज्यव्यापी आह्वान पर बारसोई प्रखंड के ग्वालटोली चौक, काजिटोला चौक, इमादपुर, स्टेशन चौक, सुधानी व मनसाही में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन शारीरिक दूरी का खयाल रखते हुए किया गया। धरना को संबोधित करते हुए माले विधायक कॉमरेड महबूब आलम ने कहा कि डॉक्टर कफील खान को जिस मामले में जेल में बंद कर के रखा गया है वह बिल्कुल झूठे और मनगढंत हैं। उन्हें राजनितिक विद्वेष के तहत रासुका जैसे मामले में फसाया गया है। वे एक ऐसे डॉक्टर हैं जो यूपी से बिहार तक हजारों बच्चों की जिंदगी बचाने और बाढ़ पीड़ितों की सेवा करते रहे हैं। जहां कहीं भी लोकतान्त्रिक अधिकारों पर हमला हुआ है उसका भी उन्होंने डटकर विरोध किया है। इसी विरोध के चलते उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने संविधान व लोकतंत्र विरोधी नागरिकता संसोधन कानून, एनपीआर, एनआरसी विरोधी कार्यक्रमों में भाग लिया था। जो देश के नागरिकों का संविधान सम्मत लोकतान्त्रिक अधिकार है।

उन्होंने कहा कि योगी और मोदी सरकार यूपी सहित पूरे देश में फासीवादी शासन चला रहे हैं। आज कोरोना महामारी के दौर में जब ज्यादा से ज्यादा डॉक्टर्स की जरूरत है उस समय जनता के जीवन के प्रति एक समर्पित डॉक्टर को जेल में बंद रखना घोर मानवता विरोधी है।
   प्रतिवाद आंदोलन को संबोधित करते हुए आइसा के प्रदेश उपाध्यक्ष काजिम इरफानी ने मांग की हैं कि डॉक्टर कफील खान पर दर्ज तमाम फर्जी मामले जल्द वापस लेकर बिनाशर्त रिहा किया जाये। इस तरह का दमन अभियान पूरे देश में चल रहा है।  वह दिल्ली से महाराष्ट्र तक देखने को मिल रहा है। जनकवि वरवर राव,आनंद तेलतुंबड़े,सुधा भारद्वाज, अखिल गोगोई सहित सैकड़ों राजनितिक, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, लेखकों, पत्रकारों, साहित्यकारों को जेल में बंद करके रखा गया है। हम कोरोना महामारी के दौर में उन सभी लोगों के रिहाई की मांग करते हैं।
इन प्रदर्शनों में आइसा नेता काज़िम इरफानी, मोअज़्ज़म हुसैन, जूही महबूबा, मिथिलेश कुमार, अविनास कुमार, शाहबाज़ दीदार, काजी शाहबाज़, तौसीफ आलम, सिमा उमेश यादव, सोनू यादव, उदय यादव, मिथुन यादव, मुजस्सिम हुसैन, शैफ दीदार सहित सेकड़ों की संख्या में नेता कार्यकर्ता मौजूद थे।

समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा जगन्नाथ दास की रिपोर्ट प्रकाशित ।

Published by Rajesh kumar verma

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