भारत गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति डॉ० राजेन्द्र प्रसाद जो हमारे ही समाज के पुरोधा और स्वतंत्रता आंदोलन के महत्वपूर्ण कड़ी रहे आज उनका अपने ही राज्य के बेगूसराय जिला में किया जा रहा अपमान और सभी स्वतंत्रता सेनानी के साथ ही हम सब चुप है : उपमेंन्द्र सक्सेना, अधिवक्ता

भारत गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति डॉ० राजेन्द्र प्रसाद जो हमारे ही समाज के पुरोधा और स्वतंत्रता आंदोलन के महत्वपूर्ण कड़ी रहे आज उनका अपने ही राज्य के बेगूसराय जिला में किया जा रहा अपमान और सभी स्वतंत्रता सेनानी के साथ ही हम सब चुप है : उपमेंन्द्र सक्सेना, अधिवक्ता

 डॉ० राजेन्द्र प्रसाद सदर अस्पताल बेगूसराय का नाम बदलकर सदर अस्पताल बेगूसराय करने की सरकार की साजिश की अन्तर्राष्ट्रीय कायस्थ समाज ने किया घोर भर्तस्ना 

             देश के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ० राजेन्द्र प्रसाद 

@Samastipur Office Report

                                           बेगूसराय सदर अस्पताल 

बेगूसराय,बिहार / बरेली, उत्तरप्रदेश ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 19 जुलाई, 2020 ) । भारत गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति डॉ० राजेन्द्र प्रसाद जो हमारे ही समाज के पुरोधा और स्वतंत्रता आंदोलन के महत्वपूर्ण कड़ी रहे हैं । आज उनका अपने ही राज्य के बेगूसराय जिला में अपमान किया जा रहा है और सभी स्वतंत्रता सेनानी के साथ ही हम सब चुप है । उपरोक्त ब्यान आज अन्तर्राष्ट्रीय कायस्थ परिवार के प्रदेश अध्यक्ष उपमेंन्द्र सक्सेना, अधिवक्ता ने प्रेस को जारी करते हुऐ कहां की बहुत ही दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि भारत गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद जी जो हमारे ही समाज के पुरोधा और स्वतंत्रता आंदोलन की महत्वपूर्ण कड़ी रहे है ।

   प्रदेश प्रवक्ता योगेश जौहरी अन्तर्राष्ट्रीय कायस्थ परिवार

आज उनका अपने ही राज्य बिहार (जिला बेगूसराय) में अपमान हो रहा है और हम सब चुप है । बिहार सरकार और पटना उच्च न्यायालय के निर्देश पर तत्कालीन जिला पदाधिकारी ने सन् २००० में ही अस्पताल में देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद का प्रतिमा लगवाया था और शिलापट्ट लगवाया था जिसे उप चिकित्सा अधीक्षक ने किस आदेश के तहत *डॉ० राजेन्द्र प्रसाद, सदर अस्पताल , बेगूसराय*, का नाम बदल कर सदर अस्पताल बेगूसराय कर दिया गया है। सदर अस्पताल से भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ० राजेन्द्र प्रसाद का नाम हटा दिए जाने का मामला धीरे-धीरे जोर पकड़ता जा रहा है। आम लोगों में भी यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर किस परिस्थिति में राजेन्द्र बाबू जैसे महापुरुष का नाम सदर अस्पताल की दीवारों से विलोपित कर दिया गया। इस बात को लेकर कई संघ संगठनों ने पूर्व में क्षोभ व्यक्त करते हुए राजेन्द्र बाबू का नाम फिर से सदर अस्पताल में लिखाये जाने की मांग को लेकर जिलाधिकारी से लेकर बिहार सरकार तक को चिठ्ठी तक लिखी है। केंद्रीय पशुपालन मंत्री भारत सरकार सह सांसद गिरीराज सिंह ने इस मामले में जिलाधिकारी को पत्र लिखा कर कहा था कि सदर अस्पताल का नाम देश रत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के नाम से था, जो अब दृष्टि पटल पर नहीं है। अतः तीन दिसंबर डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती के पूर्व उनकी प्रतिष्ठा के अनुरूप उनका नामांकन सदर अस्पताल कराना अनिवार्य है। कई संघ संगठनों ने भी किया क्षोभ व्यक्त कर सदर अस्पताल से देशरत्न डा. राजेन्द्र प्रसाद नाम हटाये जाने के मामले में कई संघ संगठन ने अपनी आपत्ति दर्ज करायी थी। श्री सक्सेना ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय से आग्रह है की दोषी उप चिकित्सा पदाधिकारी को अविलंब बर्खास्त करते हुए पुन: सदर अस्पताल बेगूसराय का नाम देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ० राजेन्द्र प्रसाद सदर अस्पताल का नामकरण किया जाए एवं वहां बोर्ड लगाया जाए अन्यथा सम्पूर्ण भारत मे उपरोक्त मामले का हम विरोध करने को बाध्य होंगे।
उपरोक्त जानकारी वाट्सएप के माध्यम से राज्य प्रवक्ता योगेश जौहरी राज्य प्रवक्ता अन्तर्राष्ट्रीय कायस्थ समाज बरेली, उत्तरप्रदेश ने दिया । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित । Published by Rajesh kumar verma

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