" चीन के खिलाफ लड़ाई में भारत करेगा अगुआई " : कवि विक्रम क्रांतिकारी

" चीन के खिलाफ लड़ाई में भारत करेगा अगुआई " : कवि विक्रम क्रांतिकारी

                                          कवि विक्रम क्रांतिकारी

               (विक्रम चौरसिया -अंतरराष्ट्रीय चिंतक)
          दिल्ली विश्वविद्यालय/आईएएस अध्येता /मेंटर

अपने देश में हम तो चीन के बहिष्कार की शुरुआत कर चुके हैं,अब जरूरत है भारत चीन के खिलाफ इस लड़ाई में दूसरे देशों को भी साथ कर ले :

समस्तीपुर कार्यालय 

जिससे कि एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बनाकर चीन का बहिष्कार करें। जैसा मैंने देश - दुनिया के समाचार पत्र पर नजर दौड़ाया तो देखा कि अमेरिका से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक और ब्रिटेन से लेकर जापान तक दुनिया के बड़े-बड़े अखबार इस खबर को प्रमुखता दे रहे हैं कि चीन के तनाव के बीच भारत का कड़ा जवाब जायज है

हम सब देख रहे हैं कि अब पूरी दुनिया में लोग कहने लगे हैं कि इन चाइनीज एप्स पर प्रतिबंध लगाने के लिए भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता की बात की है , जोकि  चीन धीरे -धीरे अपना उपनिवेश बना रहा था।

नई दिल्ली, भारत ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 01 जुलाई,2020 ) । अपने देश में हम तो चीन के बहिष्कार की शुरुआत कर चुके हैं,अब जरूरत है भारत चीन के खिलाफ इस लड़ाई में दूसरे देशों को भी साथ कर ले । जिससे कि एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बनाकर चीन का बहिष्कार करें। जैसा मैंने देश - दुनिया के समाचार पत्र पर नजर दौड़ाया तो देखा कि अमेरिका से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक और ब्रिटेन से लेकर जापान तक दुनिया के बड़े-बड़े अखबार इस खबर को प्रमुखता दे रहे हैं कि चीन के तनाव के बीच भारत का कड़ा जवाब जायज है । जैसा कि आपको मैंने बताया था कि चीन अक्टूबर तक टिक -टॉक एप्स  के जरिए पूरे 100 करोड़ रुपए कमाने का लक्ष्य रखा था । लेकिन जैसे ही हमने प्रतिबंध लगाया चीन का यह सपना अधूरा रह गया। कुछ लोगों से मेरी बातें हो रही थी कल तो बोल रहे थे कि चाइनीज ऐप पर प्रतिबंध लगाने के कदम मामूली कदम है ,लेकिन मुझे लगता है कि भारत के इस फैसले से चीन बहुत ही परेशान और दुनिया भर में इस कदम की व्यापक चर्चा हो रही है। क्योंकि इस वैश्वीकरण के दौर में अगर किसी भी देश के आर्थिक कमर को पहले तोड़ते हैं तो यही सबसे बड़ा मुझे लगता है सजा है किसी भी नापाक हरकतें करने वाले देश के लिए । हमने देखा कि जापान की सबसे बड़ा अखबार द जपान टाइम्स में कहा गया है कि चीन से खूनी टकराव के बीच भारत का यह कदम बहुत अप्रत्याशित है ,मतलब जिसके बारे में सोचा भी नहीं जा सकता था। दोस्तों अब भारत ने बता दिया है कि चीन के खिलाफ इस तरह के बड़े कदम उठाने में भारत को अब कोई हिचक नहीं है जो भारत कहता है वही करता है जैसा कि हमने पीओके में भी सर्जिकल स्ट्राइक किया था उसी प्रकार से चीन में सॉफ्ट सर्जिकल स्ट्राइक हमने किया है। दोस्तों जिस प्रकार से चीन भारत के सीमा विवाद को हल्का समझ रहा था ,और इस पर ज्यादा बात नहीं कर रहा था लेकिन हम भारत के जनता और भारत सरकार की कड़े कदमों से अब चीन के लिए सीमा विवाद के मामले को हल्का समझना बहुत बड़ी मुश्किल होगी ।
हम सब देख रहे हैं कि अब पूरी दुनिया में लोग कहने लगे हैं कि इन चाइनीज एप्स पर प्रतिबंध लगाने के लिए भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता की बात की है , जोकि  चीन धीरे -धीरे अपना उपनिवेश बना रहा था।
हम देख रहे हैं कि चीन भारत को धमकियां दे रहा है लेकिन मुझे लगता है कि चीन अभी से भारत के खिलाफ अपनी हार कबूल कर ली है इसीलिए हम देख रहे हैं कि चीन अब उन कमजोर देशों के कंधे पर बंदूक रखकर भारत पर गोली चलाना चाहता है, जो देश पहले ही भारत से कई बार हार चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक हमने सुना अब चीन के कुछ अधिकारियों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी संगठन अलवर के आतंकवादियों से मुलाकात कि है, जो कि चीन इस आतंकवादी संगठन को आर्थिक मदद देकर इसे फिर से खड़ा करना चाहता है ,ताकि यह भारत खिलाफ लड़ाई छेड़ सके। लेकिन आपको हम बता देगी चीन भारत के खिलाफ जिस पाकिस्तान की मदद ले रहा है उसकी पूरी दुनिया में कैसे जग हंसाई हो रही है ,यह हम सब देख रहे है ।
अब भारत को अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बनाने की जरूरत है, जिसमें मुझे लगता है कि वह देश इस गठबंधन में साथ देंगे जो चीन से फैले कोरोना वायरस की वजह से परेशान है,हम देख रहे हैं कि जितने भी देश चीन से परेशान हैं वह चाह रहे है कि चीन से मुआवजा या फिर वे चाहते हैं कि चीन के खिलाफ वायरस फैलाने को लेकर करवाई किया जाए। इन देशों में हम देख रहे हैं कि अमेरिका ,ऑस्ट्रेलिया ,ब्रिटेन, जर्मनी ,जापान और कनाडा जैसे देशों को देख सकते हैं। आपने भी देखा कि पिछले महीने विश्व स्वास्थ संगठन मे एक प्रस्ताव पेश किया गया था जिसमें हमने देखा कि 100 देशों से अधिक देशों ने समर्थन किया था कि चीन के खिलाफ इस वायरस को लेकर जांच की जाए कि कोरोनावायरस कहां से फैला? मेरा कहने का मतलब साफ है कि कोरोनावायरस को लेकर भी दुनिया के अधिकतर देश चीन से नाराज हैं । कुछ देशों का तो यह भी आरोप है कि चीन की वजह से पहले तो उनके देश में कोरोना वायरस फैला और जब इस वायरस की वजह से देश की अर्थव्यवस्था कमजोर होने लगी तो चीन इसका फायदा उठाने में जुट गया और तो और कंपनियां भी खरीदने कोशिश शुरू कर दिया जो आर्थिक रूप से कमजोर हो चुकी है । ध्यान से देखिए तो अमेरिका ने चीन की चाल बहुत पहले ही समझ लिया था इसीलिए वहां के शेयर बाजार से  चीन की सारी कंपनियों को डि -लिस्ट कर दिया था ।
 एक बात और बता दे आपको कि आज 18 देशो से भी अधिक ऐसे देश हैं जिनके साथ चीन का कोई ना कोई सीमा विवाद है इनमें अपना भारत भी शामिल है ,क्योंकि चीन 1962 के युद्ध के दौरान ना सिर्फ भारत की 38 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर चुका है, बल्कि चीन आज भी अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख पर अपना दावा करता रहता है। और जापान की बात करे तो उसके साथ भी दो दीपो को लेकर ताजा विवाद हुआ है। अगर हम दोस्तों चीन के पारंपरिक दुश्मनों की बात करें तो, इसमें जापान, अमेरिका ,वियतनाम और भारत जैसे देश प्रमुख हैं और इन सभी देशों का चीन के मामले में भारत की तरफ ही झुकाव  है, मेरा कहने का मतलब है कि अगर चीन के खिलाफ हम भारत के नेतृत्व में एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बना ले तो यह गठबंधन बहुत मजबूत होगा और चीन के लिए इस गठबंधन का सामना करना कभी भी आसान नहीं होगा और चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज आ जाएगा ।।।
कवि विक्रम क्रांतिकारी (विक्रम चौरसिया -अंतरराष्ट्रीय चिंतक) दिल्ली विश्वविद्यालय/आईएएस अध्येता /मेंटर 
लेखक सामाजिक आंदोलनों से जुड़े रहे व  वंचित तबकों के लिए आवाज उठाते रहते हैं -स्वरचित मौलिक व अप्रकाशित लेख ।

समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित । Published by Rajesh kumar verma

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