"क्या दुनिया के लोगों ने अब कोरोना से डरना सच में छोड़ दिए हैं.. ?": कवि विक्रम क्रांतिकारी

"क्या दुनिया के लोगों ने अब कोरोना से डरना सच में छोड़ दिए हैं.. ?": कवि विक्रम क्रांतिकारी

कोविड़ 19 से उपजी वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से लड़ते-लड़ते अब हम लोग अनलॉक -2 के दूसरे सप्ताह मेंं है: कवि विक्रम क्रांतिकारी (विक्रम चौरसिया -अंतरराष्ट्रीय चिंतक) दिल्ली विश्वविद्यालय/आईएएस अध्येता/मेंटर

अगर हम गौर करें तो कोरोना से मृत्यु दर बहुत से देशों की तुलना में हमारे भारत में संभली हुई स्थिति अभी भी है  जिसका प्रमुख कारण है सही समय पर लिया गया लॉकडाउन का फैसला।

समस्तीपुर कार्यालय

न ई दिल्ली, भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 09 जुलाई,2020 ) । कोविड़ 19 से उपजी वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से लड़ते-लड़ते अब हम लोग अनलॉक -2 के दूसरे सप्ताह मे है और अब हम लोग इस मौसम में भी प्रवेश कर चुके हैं कि जहां सर्दी, खांसी बुखार होते रहते हैं। ऐसे नाजुक वक्त में आप सब से मेरा विनम्र निवेदन है कि अपना और अपने परिवार के साथ -साथ अपने पड़ोसियों का भी ध्यान जरूर रखें । देश को 6 वीं बार संबोधित करते हुए हमारे प्रधानमंत्री जी भी हम सभी से अपील किए थे कि कोरोना वायरस से अब और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।
 अगर हम गौर करें तो कोरोना से मृत्यु दर बहुत से देशों की तुलना में हमारे भारत में संभली हुई स्थिति अभी भी है  जिसका प्रमुख कारण है सही समय पर लिया गया लॉकडाउन का फैसला। लेकिन अब हम देख रहे हैं कि जब से हमारे देश में या अन्य देशों में भी अनलॉक किया गया है, तब से बहुत ही ज्यादा व्यक्तिगत और सामाजिक लापरवाही बढ़ती जा रही है। गौर से देख तो पहले हम लोग मास्क और सामाजिक दूरी साथ ही हाथ धोने को लेकर बहुत ज्यादा सतर्क रहते थे ।लेकिन अब हम देख रहे हैं कि उतना सतर्क नहीं रह रहे हैं ।जबकि  अब हमें और ज्यादा सतर्कता बढ़ाने की जरूरत है। क्या आपको नहीं लगता अगर लापरवाही इसी तरह बढ़ती रही तो विश्व में हम पहले स्थान पर आ जाएंगे वर्तमान में तीसरे स्थान पर तो आ ही चुके हैं ? याद करो जब लॉकडाउन किया गया था तो हम सब ने बहुत गंभीरता से नियमों का पालन किया फिर से हमें अभी भी उसी प्रकार से नियमों का पालन करना होगा।
आज ध्यान से देखे तो जैसे ही लॉकडाउन हटाया गया पूरी दुनिया के लोग बड़ी संख्या में बाहर निकलने लगे हैं मुझे लगता है कि अब लोगों के मन में इस बात का जरा भी डर नहीं है कि उनके लापरवाही से कोरोना संक्रमण उनको भी हो सकता है।
दुनिया में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या के मामले में  देखें तो  वर्तमान में अमेरिका पहले नंबर पर बना हुआ है लेकिन हम देख रहे हैं कि अमेरिका में आज कई सारे बीच खोल दिए गए हैं और वहां के लोग बड़ी संख्या में लॉकडाउन से पैदा हुई थकावट मिटाने के लिए इन बीचेज पर लोग जा रहे है। एक समय ऐसा था जब स्पेन कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में से एक था । लेकिन आज यहां भी लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं और अपनी थकावट मिटाने के लिए बाहर निकल रहे हैं। इसी प्रकार देखें तो संक्रमण के मामले में दूसरे नंबर पर मौजूद ब्राजील में भी कई शहरों से  लॉकडाउन हटा दिया गया है और लोग बड़ी संख्या में बाहर निकल रहे हैं। आज अपना भारत भी कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के मामले में दुनिया में तीसरे नंबर पर है लेकिन भारत में भी हम देख रहे हैं कि लॉकडाउन हटा दिया गया और लोग  संक्रमण के खतरे से बेपरवाह होकर घूमने -फिरने के लिए निकल रहे हैं । जैसा कि हम सब जानते हैं कि अनलॉक इसलिए किया गया था ताकि देशों की आर्थिक गतिविधियां चलती रहे और अपने सुरक्षा के साथ लोग अपना नौकरी और रोजगार करते रहे लेकिन हम देख रहे हैं कि लोग घूमने -फिरने लगे हैं । आखिर क्यों? क्या आप लोग यही चाहते हो कि अपना भारत भी कोरोना वायरस के मामले में पहले स्थान पर आ जाए ? पिछले दिनों ही हमने देखा कि वियतनाम  में तो फुटबॉल लीग का आयोजन हुआ जिसमें देखा गया कि स्टेडियम पूरी तरह पैक था । आखिर क्यों नहीं आप इस अदृश्य वायरस से डरते हैं और नियमों का पालन करते हैं.. ?
आपको बता दें कि जब मार्च महीने के 25 तारीख को भारत में लॉकडाउन  लगाया गया था तो हमारे भारत में कोविड-19 के लगभग 500 मरीज थे लेकिन अब हमारे भारत में यह संख्या बढ़कर साढ़े सात लाख  हो चुकी है और दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है । खैर एक सुकून की बात है कि हमारे देश में रिकवरी रेट और देशों के अपेक्षा बहुत ही अच्छा है लेकिन फिर भी हमें अपना और अपनों का ख्याल तो रखना होगा न ।
हमारे देश की तरह ही जब दुनिया के अधिकतर देशों में कोविड-19 के मामले कुछ सौ से लेकर कुछ हजार के बीच  जब रहा था तभी दुनिया की करीब आधी आबादी मतलब कि लगभग 400 करोड़ लोग लॉकडाउन में चले गए थे। लेकिन अब जबकि पूरे दुनिया में कोविड-19 के मामले एक करोड़ 18 लाख  से भी अधिक हो चुका है और इससे मरने वालों की संख्या भी साढ़े पांच लाख हो चुकी है और दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रही है तब भी लोग हम देख रहे हैं कि बाहर घूम रहे हैं पार्टी कर रहे हैं और तो और फुटबॉल मैच देख रहे हैं धार्मिक आयोजनों से लेकर अन्य सारे मौज मस्ती वाले गतिविधियां कर रहे हैं आखिर क्यों ?
जिस प्रकार से लोगों को बाहर मस्ती करते हुए हम देख रहे हैं देख कर मुझे तो यह लग रहा है कि अब कोरोनावायरस से अधिकतर लोगों को डर लगना बंद हो गया है या फिर लोग इस वैश्विक संकट का सामना करते -करते इतना थक गए हैं कि अब इन्हें कैद में रहना कोरोना वायरस का सामना करने से भी ज्यादा खतरनाक लगने लगा है । यह वैश्विक महामारी अपने साथ एक अनुशासन लेकर आया था लेकिन अनुशासन के इस परीक्षा में अधिकतर लोग दो से तीन महीनों में ही फेल हो गए है मेरे नजरों में अब देख रहा हूं मैं कि लोग सावधानी बरतने की बजाए लोग अब दवाएं और गोलियां खाने के लिए तैयार है। क्या आपको भी ऐसा ही लगता है कड़े नियमों -कायदों का पालन करने से अच्छा है कि गोली जड़ी बूटी और दवाई खाई जाए ..?
आखिर अब लोग कोरोना वायरस और इससे जुड़े नियमों से इतना  परेशान क्यों हो गए हैं ? अगर हम कनाडा की बात करें तो वहां पर कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या एक लाख से ज्यादा है और 8 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन पिछले दिनों एक सर्वे हुआ था वहां देखा गया कि अब कोरोना वायरस से डरने वालों की संख्या 73% से घटकर 46% और यहां के लोग लगभग 56% लोग मानते थे कि सार्वजनिक स्थानों पर नहीं जाना है लेकिन अब ऐसा मानने वालों की संख्या घटते -घटते  पर 36% रह गई है ।
 मेरे प्रिय मित्रों एक सर्वे के मुताबिक दुनिया के अधिकतर  देशों के लगभग 60% लोग पैनडेमिक फैटीगऊ का शिकार हो चुके है या हम कह‌ सकते हैं  कि यह वायरस लोगों की मानसिक स्थिति पर बुरा असर डाल रहा है। जिसके कारण लोगों के मन पर बुरा असर पड़ता है लोग बात -बात पर गुस्सा होने लगते हैं और भविष्य की चिंता जरूरत से ज्यादा सताने लगती है और आत्मविश्वास गिरने लगता है जिससे कि हमारे निजी जीवन में और हमारे रिश्तो पर भी असर पड़ने लगता है जिससे अक्सर रिश्ते भी टुुटने लगते हैं। जिसके कारण हमारे इम्यूनिटी पर भी असर पड़ने लगता है साथ में शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता कम होने लगती है, शायद इसी कारण इम्यूनिटी इस साल की सबसे बड़ी जरूरत बन गई है, वैसे दोस्त इम्यूनिटी हमेशा से हम सबके शरीर में रहता तो है ही लेकिन इस बार कोविड-19 के दौर में इसकी चर्चा बहुत हुई है और हमारे शरीर के लिए बहुत  जरूरी है इसके लिए हमें व्यायाम करने के साथ-साथ हूं योगा और विटामिन सी के साथ-साथ अपने खानपान को अच्छा करना होगा और साथ में आप अपने नींद को लेकर भी सतर्क रहें टाइम टेबल बना ले निश्चित समय पर सोना है निश्चित समय पर उठना है और साथ ही अच्छे-अच्छे किताबें पढ़ सकते हैं जैसे कि मेरा लिखने में रूची है और साथ ही वंचित बच्चों के लिए कुछ-कुछ करते रहने में तो ऐसे ही आप अपना ध्यान रखते हुए जरूर अपने जीवन में इन सब आदतों को शामिल करें । जितना संभव हो सके घर का बना हुआ खाना ही खाएं साथ ही हमेशा आप खुश रहें और अपने परिवार के साथ साथ आस-पड़ोस के लोगों का भी ध्यान रखें । एक बात और  मेरे प्रिय मित्रों यह बात आप भी जानते हो कि कोरोना वायरस अभी खत्म नहीं हुआ है बल्कि दिन -प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है इसलिए अपना ध्यान रखते हुए नियमों का पालन करें बहुत जरूरत हो तभी बाहर निकले नहीं तो नहीं निकले और जो आयुष मंत्रालय का दिशा निर्देश है उसका पालन कीजिए।
आप सभी से मेरा एक विनम्र निवेदन है कि जो भी वंचित तबका आपके नजर से दिखाई दे तो अपने सामर्थ्य अनुसार उसका मदद करने का जरूर प्रयास करें। 
कवि विक्रम क्रांतिकारी (विक्रम चौरसिया -अंतरराष्ट्रीय चिंतक) दिल्ली विश्वविद्यालय/आईएएस अध्येता/मेंटर 
लेखक सामाजिक आंदोलनों से जुड़े रहे व वंचित तबकों के लिए आवाज उठाते रहते हैं -स्वरचित मौलिक व अप्रकाशित लेख । समस्तीपुर कार्यालय से राजेेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित । Published by Rajesh kumar verma

Comments

Popular posts from this blog

महज सोलह दिनों में छह रेल सिग्नल-कर्मचारी कार्य करते हुए हो गए रन-ओवर

पुलवामा अटैक में शहीद हुए जवानों को ब्लड फ़ोर्स टीम के सदस्यों द्वारा दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

दो दिवसीय इंटरनेशनल सेमिनार का आयोजन विद्या शोध संस्थान संस्कृति विभाग द्वारा किया गया आयोजित