21 अगस्त 2020 शुक्रवार विशेष.. तीज व्रत कैसे करें.. कोरोनावायरस और लॉकडाउन को देखते हुए स्वयं भी घर में व्रत कर सकते हैं हरितालिका तीज व्रत जानिए पूजा विधि नियम...

 21 अगस्त 2020 शुक्रवार विशेष..

तीज व्रत कैसे करें.. 

कोरोनावायरस और लॉकडाउन को देखते हुए स्वयं भी घर में व्रत कर सकते हैं  हरितालिका तीज व्रत जानिए पूजा विधि नियम...

                                                 हरितालिका तीज

नागेन्द्र कुमार सिन्हा रिपोर्ट 

समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 20 अगस्त,2020 ) । हरितालिका तीज व्रत में जल ग्रहण नहीं किया जाता है. अगले दिन सुबह पूजा के बाद जल पीकर व्रत खोलने का विधान है.
हरतालिका तीज व्रत एक बार शुरू करने पर फिर इसे छोड़ा नहीं जाता है. हर साल इस व्रत को पूरे विधि-विधान से करना चाहिए । 
हरतालिका तीज व्रत के दिन रात्रि जागरण किया जाता है. रात भर जागकर भजन-कीर्तन करना चाहिए.
हरितालिका तीज का मुहूर्त 2020

21 अगस्त को सुबह 5 बजकर 54 मिनट से सुबह 8 बजकर 30 मिनट तक पूजा करें ।
शाम को हरितालिका तीज पूजा मुहूर्त शाम 6 बजकर 54 मिनट से रात 9 बजकर 6 मिनट तक है ।
तृतीया तिथि प्रारंभ 20/21 अगस्त की प्रातः 04 बजकर 14 मिनट से.
तृतीया तिथि समाप्त 21/22 अगस्त रात 1 बजकर 59 मिनट तक.
हरितालिका तीज पूजा विधि

हरतालिका तीज पर बालू रेत से भगवान गणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा बनाएं.
प्रतिमा बनाने के बाद भगवान गणेश, भगवान शिव और माता पार्वती को एक चौकी पर स्थापित कर दें.
इसके बाद उस चौकी पर एक चावलों से अष्टदल कमल बनाएं और उस पर कलश की स्थापना करें.
कलश की स्थापना करने से पहले उसमें जल, अक्षत, सुपारी और सिक्के डालें और उस पर आम के पत्ते रखकर उस पर नारियल भी रखें । 
इसके बाद भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश का पूजन करें.
इस व्रत की मुख्य परंपरा माता पार्वती को सुहाग की सारी वस्तुएं चढ़ाना है.
हरतालिका तीज की पूजा में शिव जी को धोती और अंगोछा चढ़ाया जाता है. बाद में यह सामग्री किसी ब्राह्मण को दान देना चाहिए.
इसके बाद चौकी पर पान के पत्ते रखकर उस पर अक्षत रखें. इसके बाद भगवान गणेश, भगवान शिव और माता पार्वती को स्नान कराएं ! 


सभी भगवानों को स्नान कराने के बाद उनके आगे घी का दीपक और धूप जलाएं, इसके बाद भगवान गणेश और माता पार्वती को कुमकुम का तिलक लगाएं और भगवान शिव को चंदन का तिलक लगाएं.
तिलक करने के बाद सभी भगवानों को फूल व माला चढ़ाएं, इसके बाद भगवान शिव को सफेद फूल अर्पित करें.
इसके बाद भगवान गणेश को दूर्वा और भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, भांग और शमी के पत्ते अर्पित करें ! 
भगवान शिव को यह सभी चीजें अर्पित करने के बाद भगवान गणेश और माता पार्वती को पीले चावल अर्पित करें और भगवान शिव को सफेद चावल अर्पित करें.

1) ध्यान

2) आवाहन
3) आसन
4) प्रतिष्ठा
5) पाद प्रक्षालन
6) हस्त प्रक्षालन
7) मुख प्रक्षालन
8) सर्वांग जल स्पर्श
9) दूध से स्नान तत्पश्चात जल
10) दही से स्नान तत्पश्चात जल
11) घी से स्नान तत्पश्चात जल
12) शहद से स्नान तत्पश्चात जल
13) शक्कर से स्नान तत्पश्चात जल
14) दूध दही घी शहद शक्कर मिलाकर पंचामृत से स्नान तत्पश्चात जल
15) वस्त्र तत्पश्चात जल आचमन
16) यज्ञोपवीत तत्पश्चात जल आचमन
17) उप वस्त्र तत्पश्चात जल आचमन
18) टीका चंदन आदि श्रृंगार
19) माला इत्र आदि सुगंधित वस्तु
20) धूप दीप दिखाएं
21) भोग प्रसाद अर्पित करें
22) आचमन से चल कर दें
23) फल अर्पित करें
24) दक्षिणा अर्पित करें
25) हाथ जोड़कर प्रार्थना करें
आरती करें
26) पुनः पुष्प लेकर के पुष्पांजलि करें
भगवान से निवेदन करें कि उनकी कृपा सभी प्राणियों पर पड़े।

-इसके बाद सभी स्वरूपों पर कलावा अर्पित करें और भगवान गणेश और भगवान शिव को जनेऊ अर्पित करें

जनेऊ अर्पित करने के बाद माता पार्वती को श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें, इसके बाद बाद सभी भगवानों को फल अर्पित करें ! 
फल अर्पित करने के बाद हरतालिक तीज की कथा पढ़े या सुने. तीज की कथा स्वयं करें या ब्राह्मण से सुनें और रात्रि जागरण करें. !
इसके बाद भगवान गणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें और उन्हें मिष्ठान अर्पित करें और हाथ जोड़कर प्रणाम करें. सुबह माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाएं और हलवे का भोग लगाकर व्रत खोलें.
भगवान शिव की कृपा अवश्य होगी !


पंडित राहुल मिश्रा शास्त्री गुजरात सूरत बरेली पटेल नगर की विचार नागेन्द्र कुमार सिन्हा द्वारा समस्तीपुर कार्यालय सम्प्रेषित राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित  ।

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