नीतीश सरकार में अब बॉडीगार्ड घोटाला चहेतो को दिया गया अंगरक्षक लेकिन नहीं वसूली गई करोड़ों की सरकारी राशि

 नीतीश सरकार में अब बॉडीगार्ड घोटाला चहेतो को दिया गया अंगरक्षक लेकिन नहीं वसूली गई करोड़ों की सरकारी राशि

विधि संवाददाता रविशंकर चौधरी अधिवक्ता की रिपोर्ट 

पटना,बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 23 अगस्त,2020 ) । बिहार में तरह-तरह के घोटाले की खबर सामने आती रहती है आज हम आपको एक नए    घोटाले की खबर बताते हैं दरअसल बिहार में बॉडीगार्ड घोटाला हुआ है वैसे सुनने में आपको यह थोड़ा अटपटा लगेगा लेकिन इसमें पूरी सच्चाई है आरटीआई से इस पूरे घोटाले से पर्दा उठा है बॉडीगार्ड घोटाले में बिहार सरकार का करोड़ों रुपया पानी में डूब ता नज़र आ रहा है जानिए पूरी खबर ।

चहेतों को दिए गए अंगरक्षक

बिहार में अब बॉडीगार्ड घोटाला सामने आया है भारतीय लेखा परीक्षा विभाग की तरफ से आरटीआई से मांगी गई जानकारी में यह खुलासा हुआ है रिपोर्ट में बताया गया है कि बिहार में सरकारी बॉडीगार्ड देने में भारी गड़बड़ी की गई है दरअसल जिला स्तर पर स्थानीय वीआईपी को जो बड़ी गाड़ दिए गए उसमें पैसे की वसूली करनी थी जिला सुरक्षा समिति व्यक्तियों को भुगतान के आधार पर अंगरक्षक की प्रतिनियुक्ति कर सकती है इसके बदले में बॉडीगार्ड लेने वाले शख्स को पैसे का भुगतान करना पड़ता है यहीं पर भारी गड़बड़ी हुई स्थानीय स्तर पर बॉडीगार्ड तो दिए गए लेकिन उससे के पैसे पैसे की वसूली नहीं हुई या काफी कम हुई बिहार के कई जिलों में बॉडीगार्ड देने के नाम पर करोड़ों रुपए सरकार के बकाया हैं लेकिन उसकी वसूली करने में सिस्टम फेल नजर आ रहा है !

आरटीआई से हुआ खुलासा

दरअसल बिहार के आरटीआई एक्टिविस्ट शिव प्रकाश राय ने भारतीय लेखा परीक्षा विभाग पटना से सूचना के अधिकार के तहत इस साल  तक जानकारी मांगी थी आरटीआई एक्टिविस्ट ने वर्ष 2010 से 2020 के दौरान बिहार के 40  जिलों में जिला पुलिस को सामान्य नागरिकों के जीवन की सुरक्षा हेतु उपलब्ध कराए गए बॉडीगार्ड पर कुल व्यय राशि से संबंधित जानकारी मांगी गई थी इसके बाद लेखा परीक्षा विभाग ने आरटीआई एक्टिविस्ट को 82पेज की पूरी सूची दी है !

वैशाली में बॉडीगार्ड के नाम पर सबसे अधिक बकाया

रिपोर्ट में कहा गया है कि जिला स्तर पर अंगरक्षक के बदले काफी समय से राशि की वसूली नहीं हो रही अधिकारी बकाया राशि की वसूली में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे लेखा परीक्षा विभाग ने इसे बड़ी लापरवाही बताया है रिपोर्ट में यह बताया गया है कि तमाम जिले के एसपी बकाया राशि की वसूली का सिर्फ आश्वासन दिया आरटीआई एक्टिविस्ट को मिली जानकारी के अनुसार बक्सर में बॉडीगार्ड के नाम पर करीब 43 लाख का बकाया है कैमूर में 22 लाख की वसूली नहीं हो पाई वही अररिया में 45 लाख बगहा में 11लाख  वैशाली में सबसे अधिक 76 लाख रोहतास में 67 लाख  औरंगाबाद में 22 लाख लखीसराय में भी करीब 11 लाख और गया में 28 लाख का बकाया है जिसकी वसूली नहीं हो पा रही है रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी जिलों के एसपी ने बकाए पैसे की वसूली की बात कही है हालांकि हाल के दिनों तक जिले के एसपी ने कितनी राशि वसूल की है इसकी जानकारी नहीं है 

आरटीआई एक्टिविस्ट ने खोली पोल

आरटीआई एक्टिविस्ट शिव प्रकाश राय ने बताया कि हमने 2010 से लेकर 2020 तक आम लोगों को दिए गए बॉडीगार्ड के एवज में पैसे वसूली को लेकर भारतीय लेखा परीक्षा विभाग से जानकारी मांगी थी जो जानकारी  दी गई है उसमें कई जिलों में लाखों रुपए बकाया है पूरे बिहार की बात करें तो इसमें बड़ा घोटाला हुआ है और इसमें करोड़ों की सरकारी राशि की वसूली नहीं हो पाई है ।

समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा रविशंकर चौधरी की रिपोर्ट प्रकाशित । Published by Jankranti...

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