विश्व अंगदान दिवस विशेष..... "अंगदान कर बचाइए दूसरे की जान,यह है एक पुण्य का काम " : कवि विक्रम अग्निहोत्री

 विश्व अंगदान दिवस विशेष.....

"अंगदान कर बचाइए दूसरे की जान,यह है एक पुण्य का काम " : कवि विक्रम अग्निहोत्री

कल 13 अगस्त को पूरे विश्व में अंगदान दिवस 2020 मनाया जायेगा 

जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट 

अंगदाता  कोई भी हो सकता है जिसका अंग किसी भी अत्यधिक जरूरतमंद मरीज को दिया जा सकता है : कवि विक्रम क्रांतिकारी (विक्रम चौरसिया- चिंतक /पत्रकार आईएएस मेंटर / दिल्ली विश्विद्यालय - अध्येता 

हमारे भारतीय कानून द्वारा अंगदान कानूनी रूप से वैध है। भारत सरकार ने मानव अंग अधिनियम (तोहा)1994 के प्रत्यारोपण को अधिनियमित किया, जो कि अंगदान की अनुमति देता है, और मस्तिष्क की मृत्यु की अवधारणा को भी वैध  बनाता है।

नई दिल्ली, भारत ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 12 अगस्त, 2020 ) । दोस्तोंं 13 अगस्त को पूरे विश्व में अंगदान दिवस 2020 मनाया जायेगा ।
किसी व्यक्ति के जीवन में अंगदान के महत्व को समझने के साथ ही अंगदान करने के लिए इंसान को प्रोत्साहित करने के लिए सरकारी संगठन और दूसरे व्यवसायो से संबंधित लोगों द्वारा प्रत्येक वर्ष 13 अगस्त को हम लोग अंगदान दिवस मनाते हैं। 


दोस्तों अंगदाता  कोई भी हो सकता है जिसका अंग किसी भी अत्यधिक जरूरतमंद मरीज को दिया जा सकता है।
दोस्तों एक रिपोर्ट के मुताबिक किसी भी समय किसी व्यक्ति के मुख्य क्रियाशील अंग के खराब हो जाने की वजह से प्रतिवर्ष कम से कम 5 लाख से ज्यादा भारतीयों की मौत हो जाती है। दोस्तों वह व्यक्ति अभी जीना चाहता है क्योंकि वह व्यक्ति अभी अपने जीवन से संतुष्ट नहीं हुआ है, लेकिन दोस्तों प्राकृतिक संकट की वजह से वह ऐसा कर नहीं पाते। उम्मीदों से ज्यादा एक जीवन जीने के उसके समय को बढ़ाने के द्वारा उसके सुंदर जीवन में अंग प्रतिरूपण एक बड़ी भूमिका अदा करता है। अंग प्रतिरूप व्यक्ति के जीवन में अंगदान करने वाला वह अपने  एक ईश्वर की भूमिका निभाता है।

कोई व्यक्ति अपने अच्छे क्रियाशील अंगों को दान करने के द्वारा कोई भी अंग दाता 8 से ज्यादा जीवन को बचा सकता है। हम लोग अंगदान दिवस अभियान जो कि 13 अगस्त को प्रत्येक वर्ष मनाते हैं, यह मित्रों एक बेहतरीन मौका देता है कि हर एक के जीवन में की वह आगे बढ़े और अपने बहुमूल्य अंगों को दान देने का संकल्प लें ।


दोस्तों हम सभी को अंगदान की जरूरत के बारे में लोगों को जागरूक करने की जरूरत है और इसके साथ ही पूरे देश में अंगदान के संदेश को फैलाना और अंगदान करने के बारे में लोगों की जो हिचकिचाहट होती है उसको दूर करना है। हम लोगों को जागरूक कर सकते हैं दोस्तों की वह अपना किडनी ,फेफड़ा, हृदय ,आंख , कलेजा, पाचक ग्रंथि, आंख की पुतली की रक्षा करने वाला सफेद भाग , नसे हृदय आदि को दान करके किसी व्यक्ति का जान बचाएं ।


हम सभी देखते  हैं कि आज भी लोगों में जागरूकता की कमी के कारण अंगदान के बारे में भय और मिथक है । इस दिवस को मनाने का हम सभी का उद्देश्य यही है कि सामान्य मनुष्य को मृत्यु के बाद अंगदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
दोस्तो अंगदान देखा जाए तो पूरी तरह से आपकी सोच पर निर्भर करता है। यदि आप दूसरों को जीवन दान करना चाहते हैं तो यह अंगदान एक बेहतर विकल्प हो सकता है, आप जीवित रहते हुए मरने के बाद दूसरों को एक स्वस्थ जीवन दे सकते हैं।
हमारे भारतीय कानून द्वारा अंगदान कानूनी रूप से वैध है। भारत सरकार ने मानव अंग अधिनियम (तोहा)1994 के प्रत्यारोपण को अधिनियमित किया, जो कि अंगदान की अनुमति देता है, और मस्तिष्क की मृत्यु की अवधारणा को भी वैध  बनाता है।
आप सभी से विनम्र निवेदन है कि आज से ही आप सभी अंगदान को लेकर अपने करीबियों और परिवार में लोगों को जागरूक करें। दोस्तों सोच कर देखो आप ही की कोई व्यक्ति एक्सीडेंट या किसी और दुर्घटना में मारा जाता है और उसके अंग से दूसरा कोई व्यक्ति जीवित हो सकता है ,तो दोस्तो इससे अच्छा और क्या हो सकता है? क्यों नहीं हम मर कर भी किसी और के धड़कनों में धड़कते रहते है ? इसलिए आप लोग जागरूक करें लोगों को की अंगदान के लिए आगे आए और मरने के बाद भी जिंदा रहे।
कवि विक्रम क्रांतिकारी (विक्रम चौरसिया- चिंतक /पत्रकार आईएएस मेंटर / दिल्ली विश्विद्यालय - अध्येता लेखक सामाजिक आंदोलनों से जुड़े रहे हैं व वंचित तबकों के लिए आवाज उठाते रहते है - स्वरचित ,मौलिक व अप्रकाशित लेख।।

समस्तीपुर कार्यालय रिपोर्ट राजेेेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित । Published by Jankranti..

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