देश के सभी अभिभावक के साथ ही सभी पत्रकार साथी सहित अपने ग्रुप सदस्यों के पास एक बात विचार करने योग्य रख रहा हूँ - आप लोग अपना-अपना बहुमूल्य सुझाव जरूर रखना चाहेंगे : निजी स्कूल संचालक की मनमानी से त्रस्त एक अभिभावक

 देश के सभी अभिभावक के साथ ही सभी पत्रकार साथी सहित अपने ग्रुप सदस्यों के पास एक बात विचार करने योग्य रख रहा हूँ - आप लोग अपना-अपना बहुमूल्य सुझाव जरूर रखना चाहेंगे : निजी स्कूल संचालक की मनमानी से त्रस्त एक अभिभावक

जनक्रान्ति कार्यालय से उप सम्पादक उजैन्त कुमार की विचार 

  निजी स्कूल संचालक की मनमानी से त्रस्त अभिभावक

पटना/दरभंगा/मुजफ्फरपुर/भागलपुर/समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 16 सितंबर, 2020 ) । देश के सभी अभिभावक के साथ ही सभी पत्रकार साथी सहित अपने ग्रुप सदस्यों के पास एक बात विचार करने योग्य रख रहा हूँ - आप लोग अपना-अपना बहुमूल्य सुझाव जरूर रखना चाहेंगे : निजी स्कूल संचालक की मनमानी से त्रस्त एक अभिभावक । बताते है कि विगत 22 मार्च ,2020 से देशभर में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण वायरस को लेकर भारत सरकार के निर्देशानुसार राज्य सरकार द्वारा राज्य भर में लॉकडाउन लगा दिया गया । जिसके तहत सभी निजी-सरकारी स्कूलों को तत्कालीन प्रभाव से बंद कर दिया गया । स्कूल संचालकों को तीन माह तक की फी माफी का भी आदेश दिया गया । इसके बाबजूद भी स्कूल संचालक फी की मांग अभिभावकों से करते है । अभिभावकों द्वारा जब स्कूल के बंद रहने की बात कहते हुए फी देने से इंकार किया गया तो उनलोगों का नया फंडा जारी हुआ ऑनलाइन क्लास । निजी स्कूलों के संचालकों द्वारा लॉकडाउन की बढ़ रही अवधि और बच्चों की शिक्षा के ह्रास को देखते हुऐ ऑनलाइन क्लास लेने की शुरुआत की गई । क्लास चालू करने के बाद स्कूल के संचालकों द्वारा आऐ दिन अभिभावकों को फीस भरने की चेतावनी दी जा रही है । अब आप सभी अभिभावकों के साथ ही पत्रकार साथियों सहित शासन-प्रशासन के लोगों से स्कूल संचालक की मनमानी से त्रस्त होकर आपसबों के समक्ष अपना विचार रखते हुऐ कहना चाहता हूं की 01. क्या अभी जो स्कूल बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दे रही है, उससे बच्चों का माइंड डेवलपमेंट कितना होना है और 01 घंटे ऑनलाइन क्लास करवाने का क्या फी होना चाहिए, हमारे राज्य के एरिया में जितने भी नामीगिरामी निजी स्कूल है, जिसका नाम मैं अभी आपलोगों के पास नहीं रख रहा हूँ, जो मात्र 01 घंटा ऑनलाईन क्लास लेती है और गार्जियन पर फी के लिए दबाव बनाती है, एक घंटे की क्लास जब ऑनलाइन कराया जाता है तो एक बच्चे पर 01 GB डाटा गार्जियन का भी खर्च होता है। 02. स्कूल वाले अपनी बात तो गार्जियन के पास मैसेज के द्वारा भेज देते हैं, शिक्षकों को सैलरी देना है जो गार्जियन सक्षम हैं - वह फी दे पाते हैं, जिनकी जॉब छूट गई है, वो नहीं दे पाते है तो उनकी बात नहीं सुनी जाती है, स्कूल प्रबंधन जितने भी गार्जियन का जॉब छुट गया है, क्या उनको जॉब दिला सकती है, उनकी बात सरकार के पास रख सकती है - नहीं ...???


जब ऐसा कुछ नहीं कर सकती है, तो फिर गार्जियन पर फी भरने का दबाव क्यों बनाया जा रहा है, पत्रकार भाइयों आप इसमें अपना सुझाव जरूर रखें, एक स्कूल की बात नहीं है, जितने भी शिक्षण संस्थाएं चल रही हैं, सब में लुट-खसोट का धंधा जारी हैं, गार्जियन पर दबाव बनाए जा रहे हैं - सभी गार्जियन सामने नहीं आ पाते हैं, इस बात को सोच कर कि उनका नाम जब हाईलाइट होगा, तब उनके बच्चों को स्कूल प्रबंधन दिक्कत देगी। इस बात पर ना ही सरकार ध्यान दे रही है और ना ही कोई संगठन कहीं ना कहीं हर गार्जियन आर्थिक स्थिति से तंग आकर अपने जीवन की ईहलीला समाप्त कर ले रहे हैं। यह बहुत ही शर्म की बात है,जो हमलोग में से कोई भी इस बात को गंभीरता पूर्वक लेते हुए आवाज नहीं उठा रहें हैं।
03. सरकार अपना दावा कर रही है कि आप इस बार हमें वोट दो हमें जीताओ सब कुछ सही हो जाएगा अरे भैया कुछ सही नहीं होगा सरकार जो झांसा देते 15 साल से देते आई है, आम पब्लिक को उसी झांसा को सुनते हुए - अपना जीवन यापन करना होगा, हम किसी पार्टी के पक्ष में बात नहीं रख रहे हैं - इतना जरूर कहूँगा कि बिहार में हमारे माननीय पूर्व सांसद पप्पू यादव जी और दिल्ली में माननीय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी का जो काम करने का तरीका दिल्ली में देखा है वह बहुत ही सराहनीय है - मध्यम वर्गीय के लिए बिजली फ्री - पानी फ्री और भी बहुत कुछ सुविधाएं घर-घर तक पहुँचाने की बात सामने आई हैं। हम लोगों ने देखा है । इस लॉकडाउन में हमारी वर्तमान सरकार जो गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को सुविधायें दिया है - मन बहुत प्रसन्न हो गया है - जीने की इच्छा बढ़ गई है और ऐसा भी मन कर रहा है कि जब तक जिये तब तक केंद्र में बीजेपी का सरकार और बिहार में जदयू के सरकार को वोट देकर हम लोग अपना बहुमूल्य वोट देकर जीतवाते रहे - अरे भाई लोग अभी जो जिंदगी जीवन हम लोग जी रहे हैं वह घर में ही जी रहे हैं, जैसा स्थिति हमारी केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने बना दिया है हम लोग अपना-अपना देखने और सोचने को मजबूर हैं - स्वार्थ में जीने को मजबूर हैं । शायद इसीलिए आंख मुंद कर आज अपने लोभीपन के कारण ढ़कोसला बाजी नीतियों को अम्लीजामा पहनाकर और बातों पर ध्यान देते हुए हरकदम मिला कर चलने को तैयार है । देश की डुबती हुऐ जनता का दुखड़ा सुनने को शायद इसीलिए कोई तैयार नहीं हो पाता है । आज मीडिया के भाई बंधू भी सिपहसलार के माफिक सरकारी नुमाइंदों के साथ ही शिक्षा माफियाओं के हां में हां मिलाने को तैयार दिखाई देते हैं ।

आप सभी जनमानस बुद्धिजीवियों, देशचिंतकों, राष्ट्रभक्तों, पार्टी भक्तों का इन बातों पर क्या कहना है । आप सबों का अमुल्य वाण विचार सुझाव जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय महात्मा गली,वार्ड-10 ताजपुर रोड-धरमपुर, समस्तीपुर बिहार के पते पर या वाट्सएप नं० : +91 8804781897 के साथ ही +91 76330 73534 पर सम्प्रेषित कर सकते हैं आपका अमुल्य सुझाव आपकी बात सरकार तक पहुंचाने का प्रयास करते हुऐ चुनावी समीक्षा कर प्रकाशित किया जा सकता है। उप सम्पादक उजैन्त कुमार की आमजन का विचार योग्य सुझाव मांग प्रकाशित किया जा सकता हैं ।


समस्तीपुर कार्यालय से प्रकाशक राजेश कुमार वर्मा द्वारा उजैन्त कुमार की रिपोर्ट प्रकाशित । Published by Jankranti.... 

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