प्रश्न :- मनुष्य जन्म क्यों लेता है ...????

         प्रश्न  :- मनुष्य जन्म क्यों लेता है ...????

                                          ✍️ Gulshan Kumar

Jankranti office

समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 02 सितंबर, 2020 ) । 

                      प्रश्न  :- मनुष्य जन्म क्यों लेता है...????

🌷 उत्तर  :- न्यायदर्शन का यह सूत्र इस शंका का समाधान करता है ।

दु:ख -जन्म  - प्रवृत्ति - दोष - मिथ्याज्ञानम्
उत्तरोत्तरापाये तदनन्तरापायादपवर्ग: ( न्यायदर्शन १\२ )

   मनुष्य के जन्म का मुख्य कारण है उसके पूर्व  -संस्कार और शेष संचित कर्म। अज्ञानता के कारण दोष उत्पन्न होते है और दोष के कारण प्रवृत्ति बनती है। यही प्रवृत्ति जिस के कारण जन्म होता है। और सब दु:खों का कारण जन्म ही है।  जब तक अज्ञानता दूर नही होगी यह जन्म  -मरण का अनादि चक्र चलता ही रहेगा। अज्ञानता  ( अविद्या अंधकार ) के हटने पर ही मुक्ति मिलती है 

       मनुष्य स्वयं जन्म नही लेता।  ये उसके कर्म ही उसे जन्म लेने पर विवश करते हैं  ! जन्म कब - कहाँ- कैसे होना है यह मनुष्य के बस में नही है। ईश्वर ही सर्वज्ञ है , न्यायकारी है। मनुष्य के वर्तमान जीवन में किये कर्मों के आधार पर तथा पूर्व जन्मों के सिंचित कर्मानुसार ईश्वर  - व्यवस्था में मनुष्य को जन्म मिलता है । मनुष्य अगर वर्तमान में अपने कर्मो पर ध्यान दे तो वह अपने कर्मो में सुधार लाकर और ईश्वर की उपासना से सद्ज्ञान की प्राप्ति करके मोक्ष का भागी बन सकता है और जन्म- मरण के बन्धनों से मुक्त हो सकता है। 

                        🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀

                       🕉️🙏ओ३म् सादर नमस्ते जी 🕉️🙏
                        🌷🍃आपका दिन शुभ हो 🌷🍃

दिनांक  - - ०२ सितम्बर २०२०
दिन  - - बुधवार 
तिथि - -  पूर्णिमा 
नक्षत्र  - - शतभिषा 
पक्ष  - - शुक्ल 
माह  - - भाद्रपद 
ऋतु  - - वर्षा 
सूर्य  - - दक्षिणायण 
सृष्टि संवत  - - १,९६,०८,५३,१२१
कलयुगाब्द  - - ५१२१
विक्रम संवत  - - २०७७
शक संवत  - - १९४२
दयानंदाब्द  - - १९६

                     🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀

                         🕉️🚩आज का वेद मंत्र 🕉️🚩

   🌷ओ३म् तमीशानां जगतस्तस्थुषस्पतिं धियञिजन्वमवसे हुमहे वयम्।  पू षा नो यथा वेदसामसद् वृधे रक्षिता पायुरदब्द:स्वस्तये।  ( ऋग्वेद)

  💐अर्थ:-   चर् और अचर जगत के स्वामी, हमारी बुद्धि को तृप्त करने वाले परमात्मा को अपनी रक्षा के लिये पुकारते हैं, जिससे कि वह पौषक हमारे ज्ञान व धनों की बढ़ती और समृद्धि के लिये हमारी सदा रक्षा करें ।

                     🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀

                     🕉🚩 आज का संकल्प पाठ 🕉🚩
                             -----------------------------


      (सृष्टि संवत् - संवत्सर-अयन - ऋतु- मास-तिथि- नक्षत्र)

                                 🔥💥🌟☀️ 

 👉✍️🙏🌹🕉️  ओं तत्सद्।श्री व्रह्मणो दिवसे द्वितीये प्रहरार्धे सप्तमे वैवस्वते मन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे ,{ एकोवृन्दः षण्णवतिकोटि: अष्टलक्षानि त्रिपञ्चाशत्सहस्राणि एकविंशत्युत्तरशततमे ( १,९६,०८,५३,१२१) सृष्टिसंवत्सरे } { पच्चसहस्स्राणि एकविंशत्युत्तरशततमे ( ५१२१ ) कलियुगे } { सप्तसप्तत्युत्तर द्विसहस्रतमे ( २०७७) विक्रमसंवत्सरे } {षण्णवत्यधिकशततमे (१९६) दयानंद संवत्सरे }  रवि दक्षिणायाने, वर्षा ऋतौ, भाद्रपद मासे, शुक्ल पक्षे, पूर्णिमा तिथि, शतभिषा नक्षत्रे, बुधवासरे तदनुसार ०२ सितम्बर २०२०
जम्बूद्वीपे,  भरतखण्डे आर्यावर्त्तान्तरगते .........प्रदेशे ,........जनपदे.. ..नगरे......गोत्रोत्पन्नः....श्रीमान. (पितामह)....(पिता)...पुत्रस्य... अहम् .'(स्वयं का नाम)....अद्य  प्रातः कालीन वेलायाम्  सुख शांति समृद्धि हितार्थ ,आत्मकल्याणार्थ ,रोग -शोक निवारणार्थ च यज्ञ कर्मकरणाय भवन्तम् वृणे।

                        🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀

                       🌷🍃🌷🍃 ओ३म् सुदिनम्🌷🍃🌷🍃                                                  🌷🍃🌷🍃ओ३म् सुप्रभातम्🌷🍃🌷🍃                                                🌷🍃🌷🍃ओ३म् सर्वेभ्यो नम:🌷🍃🌷🍃

                       🕉🙏🕉 कृण्वन्तोविश्वमार्यम्  🕉️🙏🕉️ 

             जय आर्यावर्त 🇮🇳 जय भारत🇮🇳जय बिहार 🇮🇳जय मिथिला

समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा प्रकाशक द्वारा गुलशन कुमार की विचारधारा प्रकाशित । Published by Jankranti Publisher....

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