बिहार कृषि मंत्री ने मिट्टी जाँच कराने के लिए किसानों से किया सीधा संवाद

 बिहार कृषि मंत्री ने मिट्टी जाँच कराने के लिए किसानों से  किया सीधा संवाद

जनक्रान्ति कार्यालय से रामजी राय की रिपोर्ट 

पटना, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 01 सितंबर, 2020 ) । बिहार कृषि मंत्री ने मिट्टी जाँच कराने के लिए किसानों से सीधा किया संवाद ।
माननीय मंत्री, कृषि विभाग, विहार डॉ प्रेम कुमार द्वारा राज्य के मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्राप्त किसानों से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सीधा संवाद किया गया।

माननीय मत्री ने कहा कि विना मिट्टी जाँच के खेतों में आवश्यकता से अधिक उर्वरक के उपयोग के कारण जहाँ किसानों का आर्थिक नुकसान होता है, वहीं खेत की मिट्टी भी खराब हो रही है, जिसका असर मानव स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। साथ ही इसके कारण पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है तथा ग्लोबल वार्मिंग की समस्या उत्पन्न हो रही है। इसलिए सरकार मिट्टी जाँच योजना को गभीरता से ले रही है। आने वाले दिनों में स्वायल हेल्थ कार्ड के आधार पर ही किसानों को उर्वरक की विक्री की जायेगी।


उन्होंने कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के अंतर्गत वर्ष 2015-17 एवं 2017-19 के बीच दो चक्रों में पूरे राज्य में सिंचित क्षेत्र के लिए 25 हेक्टेयर एवं वर्षाश्रित क्षेत्रों के लिए 10 हेक्टेयर का ग्रीड बना कर प्रत्येक ग्रीड से एक मिट्टी नमूना का संग्रहण किया गया एवं उस ग्रीड में जिन किसानों का खेत था, उनमें अधिकांश किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया गया। प्रथम चक्र में राज्य के 66 लाख एवं द्वितीय चक्र में 60,27,930 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलळा कराया गया है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड में किसानों के खेत की मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्त्वों के साथ-साथ मिट्टी की आवश्यकता के अनुसार उर्वरकों की अनुशसा भी रहती है, जिसके अनुसार किसान उर्वरक का प्रयोग कर लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। मृदा स्वास्थ्य कार्ड से किसान यह जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि उनके खेत में किस पोषक तत्व की कमी है और किस पोषक तत्व की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में है।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड का उपयोग कर ना सिर्फ मिट्टी को टिकाऊ खेती के लिए स्वस्थ रखा जा सकता है, बल्कि अनावश्यक उर्वरकों के उपयोग को कम किया जा सकता है जिससे खेती की लागत में कमी आएगी एवं किसानों के आय में वृद्धि होगी। साथ ही, मृदा प्रदूषण को कम किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि विगत दो चक्रों के पश्चात योजना कार्यान्वयन की समीक्षा के क्रम में ऐसा महसूस हुआ कि किसानों के द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड के प्रति अभिरुचि नहीं ली जा रही है। इसके मद्देनजर वर्ष 2019-20 से इस योजना के स्वरूप में परिवर्तन किया गया।

राज्य के प्रत्येक प्रखड के एक गाँव को चयनित कर उस गाँव के सभी फार्म होल्डिंग का नमूना लेकर मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों के बीच वितरित किया गया, जिसके आधार पर प्रत्यक्षण का आयोजन कराया गया। राज्य के कुल 1,21,181 किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया गया एव 8,085 हेक्टेयर क्षेत्र में मृदा स्वास्थ्य कार्ड आधारित प्रत्यक्षण का आयोजन किया गया। इन प्रत्यक्षण स्थलों पर किसान मेला लगाकर किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड एवं मिट्टी जाँच के लाभ की जानकारी भी दी गई। मृदा स्वास्थ्य कार्ड आधारित खेती करने से 8-10 तक प्रतिशत उर्वरकों की बचत होती है एवं उपज दर में लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि होती है।
डॉ ० प्रेम ने बताया कि वर्ष 2020-21 में राज्य के 6,957 ग्राम में प्रत्यक्षण-सह-प्रशिक्षण के माध्यम से किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड के प्रति जागरूकता पैदा करने का अभियान चलाया जा रहा है इसके अतर्गत किसानों को । मिट्टी नमूना लेने में प्रशिक्षित किया जाएगा एवं उन्हें उन्हीं के खेत से मिट्टी नमूना लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा और उनके द्वारा लिए गए मिट्टी नमूनों के विरुद्ध उनको मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलका कराया जाएगा। साथ ही, प्रत्येक चयनित गाँव में एक हेक्टेयर क्षेत्र का मृदा स्वास्थ्य कार्ड आधारित प्रशिक्षण कराया जाएगा, ताकि किसान स्वयं यह देख सके कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार खेती करने से उन्हें क्या फायदा है। किसान के खेतों की मिट्टी के नमूनों की जाँच हेतु राज्य के 38 जिलों में जिलास्तरीय मिट्टी जाँच प्रयोगशाला एवं प्रत्येक प्रमंडल में एक-एक अर्थात 09

चलत मिट्टी जाँच प्रयोगशाला कार्यरत हैं, जहाँ किसानों के खेत से संग्रहित मिट्टी के नमूनों की निःशुल्क जाँच की जाती है। इसके अतिरिक्त कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केन्द्रों एवं पटना जिलातर्गत पालीगज वितरणी कृषक सहयोग समिति द्वारा संचालित मिट्टी जाँच प्रयोगशाला में भी शुल्क लेकर मिट्टी नमूनों की जाँच की जाती है। डॉ ० कुमार ने कहा कि प्रकृति ने जितने भी संसाधन मानव समाज को दिए हैं, उसमें सबसे महत्वपूर्ण मिट्टी है।
मिट्टी नहीं तो जीवन नहीं। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इसके मद्देनजर मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना प्रारंभ की। मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का मुख्य उद्देश्य मिट्टी जाँच के आधार पर पोषक तत्वों एवं मृदा सुधारकों के उपयोग को बढ़ावा देना है, ताकि फसलों को उनकी आवश्यकतानुसार संतुलित पोषक तत्व उपलब्ध हो सके। उन्होंने किसानों से अपील किया कि आने वाली पीढ़ी के हित में अपने खेत की मिट्टी को स्वस्थ रखने के उद्देश्य से अपने खेतों के मिट्टी की जाँच कराकर ही उर्वरकों का उपयोग करें तथा सरकार द्वारा दी जा रही सुविधा का लाभ उठावें। 

उपरोक्त जानकारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बिहार सरकार कृषि विभाग द्वारा प्रेस को दिया गया। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा सम्पादक द्वारा रामजी राय की रिपोर्ट प्रकाशित । Published by Publisher Jankranti...

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