जेल में बंद लोग और जेल सुधार कार्यक्रम के तहत जन घोषणा पत्र तैयार करने को लेकर आयोजित किया गया बेबीनार कार्यक्रम
जेल में बंद लोग और जेल सुधार कार्यक्रम के तहत जन घोषणा पत्र तैयार करने को लेकर आयोजित किया गया बेबीनार कार्यक्रम
जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट
जेल में बंद नागरिकों को वोट देने का मिले अधिकार : संतोष उपाध्याय।
मोहिउद्दीननगर/समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 30 सितंबर, 2020 ) । बिहार के विभिन्न सामाजिक संगठन यहाँ की जनता के आशा - आकांक्षा को लेके आसन्न विधान सभा के चुनाव में सरकार,राजनीतिक दलों व समाज को जागृत करने के लिए जन घोषणा पत्र बनाने की प्रक्रिया में आज जेल में बंद लोग और जेल सुधार पर बेबीनार आयोजित किया गया ।
जिसमेंं बोलते हुए बंदी अधिकार आंदोलन के संयोजक संतोष उपाध्याय ने कहा कि जेल को सुधार गृह माना जाता है ,गाँधी के देश मे जेलो को उनके अनुसार अस्पताल की तरह चलाने की जरूरत है ,इसलिए जेल में बंद लोग भी इस देश के नागरिक है और उन्हें चुनाव में वोट देने का अधिकार मिले,अजीब बात है कि जेल में बंद नागरिक चुनाव में खड़ा होता है,जीतता है व जेल से सदन में जाकर भाग लेता है,लेकिन वो वोट नही दे सकता है ।
इसके लिए राजनीतिक प्रतिबद्धता की जरूरत है,वरना जेल सुधार का पन्ना अधूरा रह जायेगा तिहाड़ के पूर्व कानूनी सलाहकार सुनील गुप्ता ने दिल्ली के जेलो के उदाहरण देते हुए कहा कि जेलो में अत्यधिक भीड़भाड़ सुधार के रास्ते मे बाधा है,जब जेलो में रहने,सहने खाने सोने के जगह का अभाव है तो सुधार की बात बेमानी है जेलो में न्यूनतम मजदूरी मिलनी चाहिए,किसी हादसे के बाद ही जेलो में सुधार का रास्ता खोले जाते है जेल आपराधिक न्याय व्यवस्था की प्रयोगशाला है अगर विचाराधीन कैदी ज्यादा है तो समझे कि सिस्टम ठीक से काम नही कर रहा है
पीयूसीएल के सरफ़राज़ ने कहा कि अभी के दौर में जेलो के बिना दुनियाँ चलाने की मांग तो सरकार वाज़िब नही कहेगी,लेकिन जेलो का मानवीयकरण होना चाहिए मुल्ला कमिटी व अभिताभ राय कमिटी के सुझाव को कार्यरूप में परिणत करना चाहिए ।
दिल्ली के जाने माने समाज सेवी राज कचरू ने 181 व 15100 कॉल नंबर को बिहार में शुरू कराने की मांग रखी इसके लिए राजनीतिक दबाब जरूरी है, सरकार के साथ मिलकर सरकार का काम करने का तरीका से जेल सुधार का रास्ता खुलेगा ।
रामनाथ ठाकुर ने प्रत्येक जेल में पुस्तकालय खोलने की माँग रखी वही नदीम भाई ने राजनीतिक कैदियो के साथ बर्बरतपूर्वक ज्यादती की बात कही।
वहीं वक्ताओं ने जेल में प्रवेश की बात पर तंज कसते हुए बोला कि संसद में पास लेके कोई नागरिक संसद घूमता है तो जेलो में भो नागरिकों के आने जाने का इंतजामात होना चाहिए ।
लीगल ऐड का मानक कमजोर होता जा रहा है दलित,अल्पसंख्यक व गरीब लोग आपराधिक न्याय व्यवस्था के शिकार ज्यादा हो रहे है वीणा सेठी के मामले में न्यायमूर्ति कृष्ण अय्यर द्वारा कही गयी कथा सच हो सकती है "एक दिन अधिकतर लोगों की चीखें और निराशा हमारे समाज की नींव को हिला देगी और सम्पूर्ण लोकतांत्रिक ढांचे को खतरे में डाल देगी जब ऐसा होगा तो उसले लिए दोषी केवल हम होंगें दीनबंधु वत्स ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि इस मीटिंग से जो तथ्य आये है उनको जन घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा जो सरकार व समाज को जेल सुधार के लिए उत्प्रेरित करेगा !
मीटिंग में पंकज श्वेताभ,उमाशंकर,तुषारकान्त उपाध्यय,वंदना शर्मा,उमेश चौधरी,इरफान अहमद फ़ातमी,प्रवीण पटेल,साक्षी गोपाल,रितेश पाण्डेय,डॉक्टर शम्भू शरण सिंह,पूजा,बेबी कुमारी आदि शामिल रहे । उपरोक्त जानकारी प्रेस कार्यालय को उमा शंकर सिंह, सूरज नरायण सेवा समिति द्वारा दिया गया।
समस्तीपुर कार्यालय से प्रकाशक राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित । Published by jankranti..
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