ओ३म्.....! 🌷दोषी संस्कारों को कैसे ठीक किया जा सकता है.. ?

                                                      🔥ओ३म्.....!

🌷दोषी संस्कारों को कैसे ठीक किया जा सकता है.. ?

                 👉🌹🕉️🙏जय श्री राम 🙏🕉️🌹👈

✍️गुलशन कुमार 

जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट 

समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 03 अक्टूबर, 2020 ) ।

🌷समाधान  : ऐसे संस्कारों को भून डालना चाहिए । न रहेंगे दूषित संस्कार, न ही अविद्या की उत्पत्ति होगी। जप, तप, स्वाध्याय से दूषित संस्कारों को समाप्त किया जा सकता है ।

     जप  : ईश्वर के नाम का अर्थ सहित स्मरण करना, ईश्वर के गुणों को अपने जीवन में उतारना अर्थात व्यवहार में लाना, इसी को जप कहते हैं । जप बार बार करना चाहिए और इसका अभ्यास निरन्तर करना चाहिए ।

     तप  : जीवन में कितनी भी बाधाएं आये अडिग रहना, अचल रहना, धर्म के रास्ते पर ही चलना, असत्य से समझोता न करना, ईश्वर की ही आज्ञा का पालन करना , ईश्वर के गुणों को जीवन में उतारना यही तप है ।

     स्वाध्याय   : वेदादि धार्मिक ग्रन्थों को पढना- समझना और उन पर अमल करना, इसे स्वाध्याय कहते हैं । प्रणव= ओ३म् गायत्री आदि का जप करना, आध्यात्मिक ग्रन्थों वेद, दर्शन, उपनिषद, सत्यार्थ प्रकाश, आदि का पढ़ना स्वाध्याय कहलाता है ।

     स्व+ अध्याय  : आत्मनिरीक्षण । रोज़ाना जो व्यवहार पूरे दिनकाल में करते हैं उसका रात्रि में ध्यान करना ।इससे हमारा आने वाला कल सुधरता है, आत्मनिरीक्षण से भविष्य सुधर जाता है । "मनुष्य का आत्मा सत्यासत्य को जानने वाला है " ( महर्षि दयानंद सरस्वती) उसको अपनी अच्छाइयां और बुराइयाँ मालुम होती हैं ।जहां बुराइयाँ होती है, उसको ठीक करने का यह बहुत अच्छा तरीका है ।

      मिमीहि श्लोकमास्ये पर्जन्य इव ततन:।गाय गायत्रमुक्थ्यम्।।( ऋग्वेद १|३८|४ )

     जत - तप और स्वाध्याय से ही अपने में परिवर्तन लाया जा सकता है और कुसंस्कारों से छुटकारा और सुसंस्कारों को ग्रहण किया जा सकता है ।

      जब ज्ञान की वृद्धि होती है और मनुष्य अच्छे संस्कारों में प्रवृत्त होता है तो इन्द्रिय दोष में भी सुधार होता है और अज्ञानता  / अविद्या का नाश होता है ।

                                             🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁

                                              🕉️🙏ओ३म् सादर नमस्ते जी 🕉️🙏
                                               🌷🍃 आपका दिन शुभ हो 🌷🍃

दिनांक  - - ०३ अक्तूबर २०२०
दिन  - - शनिवार  
तिथि  - - द्वितीया 
नक्षत्र  - - रेवती 
पक्ष  - - कृष्ण  
माह  - - आश्विन ( द्वितीया)
ऋतु  - - शरद 
सूर्य  - - दक्षिणायन 
सृष्टि संवत्  - - १,९६,०८,५३,१२१
कलयुगाब्द  - - ५१२१
विक्रम संवत्  - - २०७७
शक संवत्  - - १९४२
दयानंदाब्द - - १९६

                            🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁

                                  🕉️आज का वेद मंत्र 🕉️

🌷 ओ३म् स्वस्तिरिद्धि प्रपथे श्रेष्ठा रेक्णस्वत्यभि या वाममेति । सा नो अमा सो अरणे नि पातु स्वावेशा भवतु देवगोपा: ( ऋग्वेद  १०|६३|१५ )

💐 अर्थ :- जो पृथिवी उत्तम गुण वाली, उत्तमोत्तम धन धान्य से युक्त है, अच्छे मार्ग के लिए कल्याणकारी ही होती है, वही पृथिवी हमारे लिए, हमारे यज्ञ के लिए, हमारे सुन्दर निवास के लिए, घर में वा वन में रक्षा करें तथा परमात्मा द्वारा रक्षित हमारा सदा कल्याण करती रहें ।

                               🍁🍀🍀🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁

                             🕉🚩 आज का संकल्प पाठ 🕉🚩
                (सृष्टि संवत् - संवत्सर-अयन - ऋतु- मास-तिथि- नक्षत्र)                                                            🔥💥🌟☀️

  👉☪️🙏 🕉️ओं तत्सद्।श्री व्रह्मणो दिवसे द्वितीये प्रहरार्धे सप्तमे वैवस्वते मन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे ,{ एकोवृन्दः षण्णवतिकोटि: अष्टलक्षानि त्रिपञ्चाशत्सहस्राणि एकविंशत्युत्तरशततमे ( १,९६,०८,५३,१२१) सृष्टिसंवत्सरे } { पच्चसहस्स्राणि एकविंशत्युत्तरशततमे ( ५१२१ ) कलियुगे } { सप्तसप्तत्युत्तर द्विसहस्रतमे ( २०७७) विक्रमसंवत्सरे } {षण्णवत्यधिकशततमे (१९६) दयानंद संवत्सरे }  रवि दक्षिणायाने, शरद ऋतौ, आश्विन मासे, कृष्ण पक्षे, द्वितीया तिथि, रेवती नक्षत्रे, शनिवासरे, तदनुसार  ०३ अक्तूबर २०२०
जम्बूद्वीपे,  भरतखण्डे आर्यावर्त्तान्तरगते .........प्रदेशे ,........जनपदे.. ..नगरे......गोत्रोत्पन्नः....श्रीमान. (पितामह)....(पिता)...पुत्रस्य... अहम् .'(स्वयं का नाम)....अद्य  प्रातः कालीन वेलायाम्  सुख शांति समृद्धि हितार्थ ,आत्मकल्याणार्थ ,रोग -शोक निवारणार्थ च यज्ञ कर्मकरणाय भवन्तम् वृणे।

                              🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁

                          🌷🍃🌷🍃 ओ३म् सुदिनम्🌷🍃🌷🍃

                         🌹🍃🌹🍃ओ३म् सुप्रभातम्🌷🍃🌷🍃                                                 🍃🌹🍃🌹ओ३म् सर्वेभ्यो नम:🌹🍃🌹🍃

                           🕉🙏☪️ कृण्वन्तोविश्वमार्यम् 🕉️🙏☪️ 

           जय आर्यावर्त🕉️जय भारत☪️जय मिथिला🕉️जय बिहार☪️

समस्तीपुर कार्यालय से सम्पादक/प्रकाशक राजेश कुमार वर्मा द्वारा गुलशन कुमार की अध्यात्म विचार प्रकाशित । Published by Jankranti....

Comments

Popular posts from this blog

महज सोलह दिनों में छह रेल सिग्नल-कर्मचारी कार्य करते हुए हो गए रन-ओवर

पुलवामा अटैक में शहीद हुए जवानों को ब्लड फ़ोर्स टीम के सदस्यों द्वारा दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

दो दिवसीय इंटरनेशनल सेमिनार का आयोजन विद्या शोध संस्थान संस्कृति विभाग द्वारा किया गया आयोजित