विदेशों में कोविड-19 से हुए बेरोजगार व फंसे प्रवासी मजदूरों के परिजनों के प्रति मानसिक स्वास्थ्य कैम्प का किया गया आयोजन

विदेशों में कोविड-19 से हुए बेरोजगार व फंसे प्रवासी मजदूरों के परिजनों के प्रति मानसिक स्वास्थ्य कैम्प का किया गया आयोजन 

50 से अधिक मुस्लिम महिलाओं को मिला परीक्षण का लाभ 

महिलाएं खुद को उपेझित न करें :-- डॉ॰ मनोज कुमार

जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट 

पटना, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 12 दिसम्बर,2020 ) । विदेशों में कोविड-19 से हुए बेरोजगार व फंसे प्रवासी मजदूरों के परिजनों के प्रति मानसिक स्वास्थ्य कैम्प का किया गया आयोजन । मिली जानकारी के मुताबिक आज शनिवार को इजार्ड पटना के तत्वावधान में इवा फाउंडेशन द्वारा गायघाट, बबुआगंज, पटना में कम्यूनिटी मेंटल हेल्थ कैम्प का आयोजन किया गया ।

आज के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में कोविड-19 से उपजे वैश्विक हालात के मद्देनजर अल्पसंख्यक (मुस्लिम युवतियों/महिलाओं) में हो रहे मानसिक स्वास्थ्य में होनेवाले परिवर्तन पर उन्हें मदद दिया गया। ज्ञात्वय हो कि इस कार्यक्रम में वैसी मुस्लिम महिलाएं शामिल थी ।जिनके परिजन लौकडाउन के पहले विदेश गये और इस महामारी में वहाँ बेरोजगार हो गये।

इस अवसर पर पटना के मनोवैज्ञानिक डॉ॰ मनोज कुमार द्वारा विस्थापित, रोजगार से वंचित व अपनों से दूर रह रहीं मुस्लिम महिलाओं व युवतियों के मानसिक स्वास्थ्य का परीक्षण किया । इस कार्यक्रम में डॉ॰ कुमार ने बताया की विश्व के लगभग सभी देशों में वैश्विक महामारी ने लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला है। देशव्यापी बंदी के बाद देश और इससे बाहर काम करने वाले दैनिक मजदूरों के हालात बदतर हुए हैं।

आर्थिक कारणों कि वजह से माइग्रेंट मुस्लिम महिलाओं में निराशा और अवसाद के लक्षण देखने को मिल रहें। डॉ॰ मनोज कुमार द्वारा विदेशों में फंसे अल्पसंख्यक मुस्लिम महिलाओं के परिजनों को बताया गया की उन्हें अपने अंदर नकारात्मक भाव नहीं आने देना चाहिए। खुद को बुलंद रखकर अपने और अपने परिवार को नयी ताकत के साथ संभालना चाहिए ।

महिलाओं को सुबह का नाश्ता बिल्कुल उपेक्षित नहीं करना चाहिए। खुद के लिए समय निकाल खुद को महत्व देने की दरकार से उन्हें मानसिक स्तर पर मजबूती प्रदान करेगा।परिजन चाहे जहां फंस गये हैं या आर्थिक कारणों से स्वदेश नही लौट पाये हैं उनसे उचित माध्यम से संवाद जारी रखें।सरकारी व्यवस्था पर आशान्वित रहें और खुद को समाज से जोङे रखें । इस अवसर पर उन्होंने सामुदायिक स्तर पर जाकर कैसे इस महामारी में अपना और अपने परिवार का ख्याल रखना है।

इसकी जानकारी कैम्प में दिया।कार्यक्रम में विशेष रूप से आलमगंज ,थानाक्षेत्र के सामुदायिक स्तर पर समाजिक उत्थान के लिए फुलवारीशरीफ़, पटना से पूर्व विधानसभा उम्मीदवार श्रीमति प्रतिमा पासवान ने लोगों को जागरुक किया।उन्होनें समाजिक कार्यकर्ता के रूप में आज के कार्यक्रम में संदेश दिया कि शारीरिक स्वास्थ्य पर हम जागरूक हैं परंतु मानसिक स्वास्थ्य पर महिलाओं में अनदेखी होता है।

जिस वजह से महिलाओं में बहुत अधिक समस्याएं पैदा होती रहती है। उन्होंने बालिकाओं कि शिक्षा और खेलकूद पर अन्य लोगों को नवजाग्रित किया।आज के इस कार्यक्रम में कोविड-19 के दिशानिर्देश का पालन करते हुए 50 से अधिक विस्थापित मुस्लिम महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर आवश्यक चिकित्सीय परामर्श सह जागरूक किया गया ।

इस अवसर पर इवा फाउंडेशन कि मैनेजिंग डायरेक्टर एवं अधिवक्ता पटना हाई कोर्ट, पटना कि मिसेज़ सविता अली, इजार्ड पटना कि सचिव अखौरी बेगम,फाउंडेशन कि कौशल विकास निदेशिका राणा इकबाल, केन्द के समन्वयक मुर्शीद आलम , पटना कि समाजिक कार्यकर्ता श्रीमति आसमां खान तथा पटना सिटी अंचल के अन्य बुद्जीवीयों व कानूनविदगण उपस्थित थे।

जनक्रान्ति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित व प्रसारित । 

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