नामापुर पंचायत में वर्ष 20 11 से वर्ष 2016 तक ₹साठ लाख रुपये सरकारी राशि गबन करने संबंधी डीएम को पड़ा आवेदन

 नामापुर पंचायत में वर्ष 20 11 से वर्ष 2016 तक ₹साठ लाख रुपये सरकारी राशि गबन करने संबंधी डीएम को पड़ा आवेदन

जनक्रान्ति कार्यालय से राज्य विधि चीफ ब्यूरों   

 प्रखंड सह अंचल कार्यालय कल्याणपुर के कार्यालय की कारस्तानी लाखों रुपये का छुपा गबन का मामला

समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 28 दिसम्बर, 2020 ) । समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर प्रखंड अंतर्गत नामा पुर पंचायत में वर्ष 2011 से वर्ष 2016 तक ₹600000 सरकारी राशि गबन करने के संबंध में स्थानीय निवासी प्रेम लाल साह पिता स्वर्गीय लेखा साह ग्राम उत्तरी साढ़ी नामापुर के निवासी ने समस्तीपुर जिला अधिकारी को आवेदन देकर तत्कालीन मुखिया श्रीमती अर्पणा कुमारी तथा तत्कालीन पंचायत सचिव तुलाई मंडल के द्वारा विभिन्न योजनाओं में लगभग ₹600000 रुपये चेक द्वारा गबन कर लिया गया है की जानकारी दिया है ।

वहीं इस बात की जांच करने पर पंचायत के ऑडिट के रिपोर्ट में स्पष्ट हो जाएगा की भी बात कही है । वहीं उन्होंने आगे बताया है की पंचायत के उपकरण का जो रुपया सरकार द्वारा दिया गया उसमें भी मुखिया सचिव के द्वारा बंदरबांट कर लिया गया । कंप्यूटर, इनवर्टर, बैटरी आदि मुखिया अर्पणा कुमारी के घर का शोभा बढ़ा रही हैं । जो उपकरण पंचायत भवन में रहना चाहिए था । उस उपकरण को तत्कालीन मुखिया अर्पणा कुमारी से वापस लेकर पंचायत भवन में रखा जाए । वहीं उक्त मुखिया के द्वारा कबीर अंत्येष्टि योजना, वार्ड सदस्य का मानदेय का रुपया फर्जी उपयोगिता प्रमाण पत्र बनाकर कर लिया गया है । जो लाभुक से पूछने पर पता चल जाएगा । उक्त अवधि में तत्कालीन मुखिया अर्पणा कुमारी मनरेगा योजनाओं में भी भारी लूट की जो रिकॉर्ड मिलान स्थल जांच से पता चल जाएगा । उपरोक्त संबंधी जानकारी प्रेमलाल साह नामापुर पंचायत वासी जिला समाहर्ता के साथ ही अनुमंडल लोक शिकायत निवारण में भी वाद दर्ज कराया है । उपरोक्त पत्र की प्रति प्रेस को भी दिया गया । जब उक्त आशय की जानकारी जनक्रांति हिंदी न्यूज़ बुलेटिन कार्यालय से कल्याणपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी धर्मवीर प्रभाकर से दूरभाष से वार्ता कर जानकारी मांगी गई तो उन्हें इस गबन के विषय में किसी प्रकार की जानकारी नहीं होने की बात कही । प्रखंड विकास पदाधिकारी कार्यालय कल्याणपुर के वर्तमान प्रखंड विकास पदाधिकारी के लिए सबाल खड़ा कर रहा है की प्रखंड पदाधिकारी का कार्य भार पदग्रहण करने के दरम्यान इतनी बड़ी पंचायत की सरकारी राजस्व का गबन व ऑडिट के रिपोर्ट में सत्यापन होने के बाबजूद सामने नहीं आया ।

05 साल बीतने के बाद भी इतने बड़े सरकारी रकम का हेरा फेरी का आवेदन जिलाधिकारी को दिया गया है। वहीं इस गबन के सहभागी पूर्व प्रखंड विकास पदाधिकारी चंदन कुमार की स्थानांतरण भी हो गई । परंतु नए प्रखंड विकास पदाधिकारी ने जब प्रखंड का पदभार ग्रहण किया था तब यह मामला उजागर हो सकता था । परंतु पदभार ग्रहण करने के महीनों उपरांत तक इतने बड़े सरकारी राशि गबन का उजागर नहीं होना कहीं ना कहीं सरकार के घर में सेंध लगाने जैसी बात है । 

जनक्रान्ति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा पटना कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित । 

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