भगवान परशुराम की प्रतिमा खुले में लगाए जाने का ब्राह्मण संगठनों ने किया विरोध

 भगवान परशुराम की प्रतिमा खुले में लगाए जाने का ब्राह्मण संगठनों ने किया विरोध

     नगर निगम के अधिवेशन में पारित हुआ था प्रस्ताव

जनक्रान्ति कार्यालय से अवधेश यादव की रिपोर्ट 


आगरा,उत्तरप्रदेश ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 20 दिसम्बर, 2020 ) । नगर निगम की कार्य कारिणी के 14 अधिवेशन में वार्ड 78 के पार्षद द्वारा प्रस्तावित भगवान परशुराम की 06 फुट ऊंची प्रतिमा इंदिरापुरम मैं खुले में लगाए जाने से ब्राह्मण संगठमें रोष व्याप्त हो गया है। उन्होंने एक स्वर में  भगवान परशुराम की मूर्ति खुले में लगाए जाने का विरोध प्रगट किया एवं इस प्रस्ताव को खारिज करने की मांग की है। ब्राह्मण संगठनों का कहना है कि महर्षि परशुराम भगवान सबके आराध्य हैं। उनकी मूर्ति सिर्फ मंदिर में लग सकती है ना कि खुले स्थान पर अगर मूर्ति लगानी है तो पहले उनके मंदिर का निर्माण किया जाए तथा मंदिर में मूर्ति लगाई जाए। 


महर्षि परशुराम जयंती महोत्सव समिति के पदाधिकारियों ने पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि भगवान परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं। हिंदू शास्त्रों के अनुसार भगवान परशुराम है महापुरुष नहीं उनकी मूर्ति सिर्फ मंदिर में ही लग सकती है उन्होंने महापौर नवीन जैन से मांग की कि वह तुरंत इस प्रस्ताव को अस्वीकार करें। विरोध करने वालों में समिति के अध्यक्ष राजेश शर्मा, कोऑर्डिनेटर जुगल किशोर शर्मा महामंत्री दिलीप भारद्वाज नंदन श्रोत्रीय कोषाअध्यक्ष योगेश भारद्वाज मनोज मुद्गल सतीश पाठक आदि। 



वही भगवान परशुराम सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन शर्मा ने भी नगर निगम की कार्यकारिणी अधिवेशन में प्रस्तावित इस प्रस्ताव की घोर निंदा करते हुए खाली जगह में भगवान परशुराम की मूर्ति लगाने का विरोध किया उनका कहना है कि महर्षि परशुराम भगवान है ना कि कोई महापुरुष जो कि उनकी मूर्ति को किसी खाली जगह या चौराहे पर लगवा दिया जाए मूर्ति मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत लगनी चाहिए उन्होंने भी आगरा के महापौर से इस प्रस्ताव को तुरंत आज स्वीकार करने की मांग की है। महर्षि भगवान परशुराम युवा क्लब के पदाधिकारियों ने भी इस बात का विरोध किया है। विरोध करने वालों में राहुल चतुर्वेदी पूर्व महापौर प्रत्याशी, योगेश शर्मा, पंडित कृष्ण गोपाल शर्मा, विनोद भारद्वाज, शिवकुमार शर्मा, प्रमोद शर्मा पप्पू गुरु, अमोल दीक्षित, आयुष शर्मा, आशीष भारद्वाज आदि। भारतीय ब्राह्मण महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल तिवारी ने भी विरोध प्रकट किया।

जनक्रान्ति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा पत्रकार अवधेश यादव की रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

Comments

Popular posts from this blog

महज सोलह दिनों में छह रेल सिग्नल-कर्मचारी कार्य करते हुए हो गए रन-ओवर

पुलवामा अटैक में शहीद हुए जवानों को ब्लड फ़ोर्स टीम के सदस्यों द्वारा दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

दो दिवसीय इंटरनेशनल सेमिनार का आयोजन विद्या शोध संस्थान संस्कृति विभाग द्वारा किया गया आयोजित